डीएनए हिंदी: आज आजादी का दिन है. आजादी का जश्न मनाने का दिन है. साल भर अपनी रोजमर्रा की चीजों में बंधकर अगर हम ये भूल जाते हैं कि आजादी क्या होती है तो आज का दिन उस आजादी को फिर से महसूस करने का दिन है. हर तरफ उत्सव है. उमंग है. उम्मीद है. इस सबके बीच कुछ सवाल भी हैं. सवाल ये कि आखिर असल में आजादी है क्या? कविता और शायरी के जरिए समझें तो आजादी एक अहसास है. किसी गुलाम से पूछें तो आजादी उन जंजीरों को तोड़कर बाहर आना है जिसमें वह बंधा है. मगर हम आजाद हैं, ऐसे में सवाल थोड़ा पेचीदा हो जाता है कि एक आजाद व्यक्ति के लिए आजादी के क्या मायने हैं या क्या मायने होने चाहिए? क्या हम अपनी आजादी के अधिकारों को जानते हैं, समझते हैं...इन सभी सवालों के जवाब आज के दिन जानना और भी अहम हो जाता है-

संविधान बताता है आजादी का असल मतलब
संविधान में दिए गए मूल अधिकारों को जानना-समझना असल मायने में आजादी को समझने के लिए जरूरी है.भारत के मूल संविधान में सात प्रकार के मौलिक अधिकार दिये गए थे. 44 वे संविधान संशोधन (1978) के बाद सम्पत्ति के अधिकार को हटा दिया गया. इसके बाद इन मूल अधिकारों की संख्या घटकर 6 हो गई. आजादी के अहसास को महसूस करने के लिए इन 6 अधिकारों की जानकारी जरूरी है. साथ ही यह भी समझना जरूरी है कि अधिकार तभी सार्थक होते हैं जब हम बतौर नागरिक अपने कर्तव्य भी बखूबी निभाते हैं.

ये भी पढ़ें- Independence Day 2022: साल दर साल यूं बदलता रहा PM Modi का लुक, इस बार पहना तिरंगे रंग का साफा

ये हैं हमारे मौलिक अधिकार
1.समानता का अधिकार (अनुच्छेद 14-18)
2.स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 19-22)
3.शोषण के विरुद्ध अधिकार (अनुच्छेद 23-24)
4.धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 25-28)
5.सांस्कृतिक एवं शिक्षा संबंधी अधिकार (अनुच्छेद 29-30)
6.संवैधानिक संरक्षण का अधिकार (अनुच्छेद 32)

ये भी पढ़ें- "नारी को अपमानित करने वाली हर बात से मुक्ति...", राष्ट्र के नाम संबोधन में PM Modi ने कही ये बड़ी बातें

इन अधिकारों से बुलंद होता है आजादी का अहसास

हर किसी को है समानता का अधिकार
संविधान के अनुच्छेद-14 में बताया गया है कि कानून के सामने सभी बराबर हैं. लिंग, जाति, धर्म या फिर क्षेत्र के आधार पर किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं किया जा सकता. इसमें अनुच्छेद-15 भेदभाव रोकता है, वहीं अनुच्छेद-17 छुआछूत रोकता है.

विचार और अभिव्यक्ति का अधिकार है अहम
संविधान का अनुच्छेद-19 हर नागरिक को विचार और अभिव्यक्ति की आजादी देता है. इसमें कई तरह की आजादी शामिल है. मसलन संघ बनाने की, भारत में कहीं भी घूमने की, कहीं भी रहने की, कोई भी व्यवसाय या कारोबार करने की. प्रेस की आजादी भी इसी अनुच्छेद का हिस्सा है. ये बेहद अहम अधिकार है. 

जीवन जीने की आजादी
अनुच्छेद-21 भारत के प्रत्येक नागरिक की जीवन जीने और उसकी निजी स्वतंत्रता को सुनिश्चित करता है.यदि कोई अन्य व्यक्ति या कोई संस्था किसी व्यक्ति के इस अधिकार का उल्लंघन करने का प्रयास करता है, तो पीड़ित व्यक्ति को सीधे उच्चतम न्यायलय तक जाने का अधिकार होता है.

शिक्षा का अधिकार
संविधान हमारे शिक्षा के अधिकार को भी सुनिश्चित करता है. 2002 में 86वें संवैधानिक संशोधन से शिक्षा के अधिकार को संविधान के भाग- III में एक मौलिक अधिकार के तहत शामिल किया गया. अनुच्छेद 21(A) के तहत  6 से 14 वर्ष के सभी बालकों के लिए निशुल्क शिक्षा अनिवार्य की गई है.

शोषण के खिलाफ बोलने की आजादी
संविधान के अनुच्छेद 23 और 24 में हमें शोषण के खिलाफ बोलने की आजादी दी गई है. अनुच्छेद-23 में मानव अंगों के दुर्व्यापार, बेगार और किसी भी प्रकार से शोषण पर रोक लगायी गयी है. वहीं अनुच्छेद-24 में 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों का कारखानों इत्यादि में काम करना प्रतिबंधित है.यदि ऐसा किया जाता है तो हम इसके खिलाफ आवाज बुलंद कर सकते हैं. 

धार्मिक आजादी
अनुच्छेद 25 से 28 भारत को पंथ निरपेक्ष राज्य के रूप में स्थापित करते हैं. कानून कहता है कि किसी भी राज्य का कोई अपना धर्म नहीं होगा. राज्य सभी धर्मों के प्रति तटस्थतता की नीति का पालन करेगा. यानी हर कोई अपनी आस्था के मुताबिक अपना धर्म चुन सकता है.

पढ़ें आजादी से जुड़ी तमाम कहानियां

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों पर अलग नज़रिया, फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Url Title
Independence Day 2022 what is freedom know what your fundamental rights
Short Title
Independence Day 2022: क्या है आजादी का असली मतलब? जानें अपने ये अहम अधिकार
Article Type
Language
Hindi
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
What is Freedom
Caption

What is Freedom

Date updated
Date published
Home Title

क्या है आजादी का असली मतलब? जानें इस अहसास को बुलंद करने वाले अपने ये अहम अधिकार