डीएनए हिंदी: गोवा (Goa) पर्यटकों में हमेशा से अलग क्रेज रहा है. लोग गोवा के मिक्स कल्चर को जानने-समझने के लिए बड़ी संख्या में आते हैं. मॉनसून सीजन में अब गोवा के कैथोलिक फेस्टिवल साओ जोआओ (Sao Joao) की शुरुआत शुक्रवार से होने वाली है.
हर मानसून की तरह, सेंट जॉन द बैपटिस्ट का पर्व साओ जोआओ मनाने की तैयारियां लोगों ने पूरी कर ली है. इस फेस्टिवल में फलों, फूलों और पत्तियों से बने मुकुट पहनकर लोग शामिल होंगे. छोटे-छोटे तालाब, पूल में इस फेस्टिवल को लोग सेलिब्रेट करते हैं. कुएं, तालाब, फव्वारे और नदियों में लोग मौज-मस्ती करने के लिए खुशी से छलांग लगाते हैं. अंग्रेजी में इसे लीप ऑफ जॉय (Leap of Joy) कहा जाता है.
What is Floor Test: क्या होता है फ्लोर टेस्ट, कब आती है इसकी नौबत? विधानसभा में कैसे साबित होता है बहुमत
गोवा के इस खास त्योहार को बच्चे, बड़े और बूढ़े हर कोई मनाता है. लोग पारंपरिक परिवेश में अलग-अलग कार्यक्रमों में शामिल होते हैं. कुछ जगहों पर बोट सेलिब्रेशन होता है तो कुछ जगहों पर लोग छोटे-छोटे जहाजों में सवार होते हैं. इस त्योहार में सबसे ज्यादा ध्यान नए दामादों पर दिया जाता है. मान्यता है कि इससे एक परिवार अपने नए दामाद के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी हासिल करता है.
साओ जोआओ क्या है और यह गोवा में कहां मनाया जाता है?
गोवा के सभी कैथोलिक रोमन चर्च इस फेस्टिवल को मनाते हैं. इसे सेंट जॉन द बैपटिस्ट का पर्व भी कहा जाता है. जॉन द बैपटिस्ट ने जॉर्डन नदी पर यीशु मसीह (Jesus Christ) को बपतिस्मा (baptised) दिया था. यही वजह है कि इस त्योहार को बेहद खास माना जाता है. जॉर्डन नदी के किनारे पर जीसस क्राइस्ट को संत जॉन ने ईसाई बनाने की रस्म भी कराई थी.
दलबदल कानून क्या है? विधायकों पर किन-किन स्थितियों में लगता है बैन
परंपरागत रूप से, दक्षिण गोवा में कोर्टालिम और उत्तरी गोवा में हरमल, बागा, सिओलिम और तेरेखोल के गांवों में उत्साही साओ जोआओ उत्सव मनाया जाता है. हालांकि, गोवा पर्यटन विकास निगम (GTDC) के मुताबिक बीते कुछ वर्षों में गोवा में पूल पार्टियां का चलन बढ़ा है. लोग बड़ी संख्या में इस फेस्टिवल में शरीक होने आते हैं.
तालाबों में क्यों कूदते हैं लोग?
गोवा में युवा अक्सर इस फेस्टिवल को आनंद के साथ मनाते हैं और जलाशयों में तरह-तरह के करतब दिखाते हैं. युवा 'खुशियों की छलांग' लगाते हैं. जब जीसस अपनी मां के गर्भ में थे तभी इस त्योहार की नींव पड़ी थी. मदर मैरी यीशु को जन्म देने के लिए सेंट एलिजाबेथ के आश्रम में पहुंची थीं. इसके बाद वे बहेद खुश हुईं थीं. तभी से यह त्योहार मनाया जाता है.
लोग तालाबों और कुओं में कूदकर तोहफे ढूंढते हैं जिसे समूह के ही लोगों की ओर से डाला जाता है. यह एक-दूसरे को जानने-समझने का पर्व है. लोग फेस्टिवल मनाने के लिए पारंपरिक वेश-भूषा अपनाते हैं. उत्सवों में कोपेल, फलों, फूलों और पत्तियों का मुकुट पहनते हैं. गांवों में परेड जैसे समारोह आयोजित कराए जाते हैं. लगो इस दौरान कहते हैं 'साओ जोआओ! चिरायु साओ जोआओ.'
कैसे होता है राष्ट्रपति चुनाव? कौन कर सकता है नामांकन और वोटिंग में कौन-कौन होते हैं शामिल, जानें सबकुछ
ग्रामीण जलाशयों के पास इकट्ठा होते हैं और खुद को पानी में फेंकने और डुबोने वालों के लिए जयकार लागते हैं. इस दौरान कुछ पारंपरिक गीत गाए जाते हैं जिन्हें पुराने वाद्य यंत्रों के सहारे धुन दी जाती है.
फल-फूल और पारंपरिक पेय पदार्थों के अलावा कुछ लोग त्योहार मनाने के लिए बीयर की बोतलें भी ले जाते हैं. कई बार जलाशयों में डूबने से लोगों की मौत भी हुई है. यही वजह है कि अब जगह-जगह रस्सियां और सीढ़ियां रखी जाती हैं जिससे लोगों की डूबने से मौत भी न हो. कुछ लोग नशा रोकने के लिए सिर्फ बोतलें ले जाते हैं, उनका इस्तेमाल नहीं करते हैं. बाद में इनकी नीलामी कर सामाजिक कार्यों में इससे अर्जित पैसे खर्च करते हैं.
किनके लिए खास है यह त्योहार?
गोवा में, साओ जोआओ परिवार और ग्रामीणों के लिए अपनी नवविवाहित बेटियों के पतियों को थोड़ा बेहतर तरीके से जानने का अवसर है. परंपरागत रूप से, नए दामाद के सिर पर फलों और पत्तियों से बने मुकुट पहनाया जाता है. दामाद को गांव के चारों ओर ले जाया जाता है. इस दौरान लोग कुएं में कूद जाते हैं.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों पर अलग नज़रिया, फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
क्या है गोवा का साओ जोआओ फेस्टिवल, तालाब और कुओं में कूदकर क्या ढूंढते हैं लोग?