डीएनए हिंदी: कांग्रेस के अध्यक्ष पद को लेकर पार्टी में आंतरिक चुनाव (Congress President Election) जारी हैं. कांग्रेस नेताओं की रेस में दिग्गज नेता मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) और शशि थरूर (Shashi Tharoor) का नाम चल रहे हैं. वहीं अहम बात यह है कि गांधी परिवार (Gandhi Family) का पर्दे के पीछे से खड़गे को समर्थन दिखता है. चुनावी प्रक्रिया के तहत 17 अक्टूबर को मतदान होगा और 19 को नतीजे आएंगे लेकिन जो भी अध्यक्ष की कुर्सी संभालेगा, उसके कंधों पर बड़ा चुनावी भार होने वाला है क्योंकि दो अहम राज्यों में चुनाव (Himachal Pradesh Assembly Election 2022) होने वाले हैं और नए अध्यक्ष के सामने इन दोनों में अच्छे प्रदर्शन की चुनौती होगी. 

दरअसल, हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनावों को लेकर तारीखों का ऐलान कर दिया है और 8 दिसंबर को चुनावों के नतीजे आएंगे. इन नतीजों को किसी भी कीमत पर कांग्रेस के पक्ष में लाना कांग्रेस के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष (Congress President) के लिए बड़ी चुनौती होगा. हिमाचल में 12 नवंबर (Himachal Voting Date) को मतदान होगा और इसके चलते यह माना जा रहा है कि नए अध्यक्ष के पास हिमाचल चुनाव के लिए मात्र तीन हफ्ते का समय होगा.

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पहले हिमाचल फिर गुजरात की चुनौती

हिमाचल प्रदेश के बाद कुछ ही दिनों में चुनाव आयोग (Election Commission) द्वारा गुजरात विधानसभा चुनावों (Gujarat Assembly Election) का भी ऐलान कर दिया जाएगा क्योंकि गुजरात की सरकार का कार्यकाल भी फरवरी में समाप्त हो जाएगा. ऐसे में पहले हिमाचल और फिर गुजरात दोनों ही राज्यों में कांग्रेस की नैय्या पार लगाने की जिम्मेदारी कांग्रेस के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की ही होगी. यह देखना भी अहम होगा कि नए अध्यक्ष को गांधी परिवार की तरफ से चुनाव में कितना समर्थन और फैसले लेने की स्वतंत्रता दी जाती है.

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प्रियंका पर होगी जिम्मेदारी

हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं है. पार्टी के पास स्थानीय स्तर पर किसी बड़े चेहरी की कमी है. ऐसे में हिमाचल की कांग्रेस ईकाई पूरी तरह से कांग्रेस नेता और महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) पर है. चुनाव आयोग ने जहां एक तरफ चुनाव का कार्यक्रम किया तो दूसरी ओर शुक्रवार ही हिमाचल का दौरा किया था. खबरें हैं कि वे जल्द 3-4 रैलियां करती हुईं भी नजर आएंगी जिससे पार्टी को राज्य के स्तर पर खड़ा किया जा सके.

भारत जोड़ो यात्रा का होगा असर?

राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) का राडमैप तो केरल से कश्मीर तक का है लेकिन उनका यह मैप न तो गुजरात को टच करता है और न ही हिमाचल को. ऐसे में यह सवाल उठता है कि इस भारत जोड़ो यात्रा से क्या सच में कांग्रेस को गुजरात और हिमाचल में फायदा होगा? राहुल पार्टी के सबसे बड़े और मुख्य चेहरों में से एक हैं और उनका इन चुनावों में न होना पार्टी के लिए एक बड़ी कमी के तौर पर देखा जाएगा. 

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क्या कहते हैं ओपिनियन पोल?

आपको बता दें कि हिमाचल के लिए किए गए ओपिनियन पोल्स (Himachal Pradesh Opinion Poll) में इस बार बीजेपी (BJP) को जनता की पहली पसंद बताया जा रहा है और यह संभावनाएं जताई गई हैं कि पार्टी इस बार फिर सत्ता का सफर तय कर लेगी. ठीक इसी तरह गुजरात (Gujarat Opinion Poll) में भी बीजेपी को सत्ता मिलने के ओपिनियन पोल्स संकेत दे रहे हैं. कांग्रेस के लिए दिक्कत की बात यह है कि यहां कांग्रेस से ज्यादा एक्टिव आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) दिख रही है. लोग कांग्रेस से ज्यादा आप का नाम ले रहे हैं. इसके चलते गुजरात में नए कांग्रेस अध्यक्ष के सामने सत्ता तक पहुंचने की लड़ाई से पहले दूसरे नंबर पर बने रहने की चुनौती होगी. 

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नए कांग्रेस अध्यक्ष के सामने है गुजरात और हिमाचल चुनावों की सबसे कड़ी चुनौती
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Congress new Presiden challenge himachal gujarat assembly election performance against bjp
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कांग्रेस का अध्यक्ष जो भी बने, 3 हफ्तों में ही रिजल्ट देने की होगी चुनौती