डीएनए हिन्दी : भारत में वेश्यावृत्ति कानूनी तौर पर जुर्म नहीं है. यह पंक्ति पूरी तरह से सही है. भारत में पैसे के बदले सेक्स करने में कोई कानूनी व्यवधान नहीं है. हाँ, इसके लिए कुछेक शर्त ज़रूर हैं. अव्वल तो यह कि इसमें केवल दो वयस्क लोग सहमति से शामिल हों. इसके अतिरिक्त भी कई और शर्तें हैं जिसकी वजह से वेश्यावृत्ति की भारत में वैधता पर सवाल लगाये जा सकते हैं.
एक बड़ा सवाल यह भी है कि अगर वेश्यावृत्ति (Prostitution) कानूनी है तो फिर इसे छिपाकर क्यों किया जाता है?
वह विधेयक जिसकी वजह से वेश्यावृत्ति के कानूनी होने पर भी इसे दबे छिपे ढंग से किया जाता है, वह दरअसल इम्मोरल ट्रैफिक एक्ट 1956 है. यह कानून वेश्यावृत्ति से जुड़ी हुई कुछ हरकतों को अपराध की शृंखला में रखता है.
Brothel या चकलाघर चलाना है क्राइम
इम्मोरल ट्रैफिक एक्ट 1956 के सेक्शन 3 के मुताबिक चकलाघर, वेश्यालय या brothel चलना अपराध है. इसकी परिभाषा में हर वह घर, कमरा या जगह आता है जिसका इस्तेमाल वेश्यावृत्ति के लिए किया जाता है. वहीं इस कानून के सेक्शन 4 के मुताबिक किसी का वेश्या की कमाई पर ज़िन्दगी बसर करना भी अपराध है. परिवार के सदस्य भी ऐसा करें तो भी यह आपराधिक है.
सेक्शन 5 किसी भी व्यक्ति को वेश्यावृत्ति के लिए लुभाना, उसे इस पेशे में डालने को बाध्य करने को अपराध मानता है. यानि पिम्पिंग या दलाली सरीखी चीज़ें अपराध हैं.
सेक्शन 7 के मुताबिक किसी सार्वजनिक जगह में पैसे के बदले सेक्स करना अपराध है. यानि किसी होटल, हॉस्पिटल, प्रार्थना स्थल या फिर अन्य घोषित सार्वजनिक जगहों पर इसमें लिप्त होना आपराधिक है.
इम्मोरल ट्रैफिक एक्ट 1956 का आठवां सेक्शन
इस एक्ट का आठवां सेक्शन पैसे के लिए किये जाने वाले सेक्स की ख़ातिर किसी को रिझाना, अपनी ओर आकर्षित करना, इशारे करना या सजेस्टिव संकेत देना अपराध है. हालाँकि, इस सेक्शन को विवादित और स्त्री विरोधी भी माना जाता है. यह समान अपराध के लिए पुरुषों को महिलाओं से लगभग आधी सज़ा देता है. महिलाओं के लिए जेल का टर्म एक साल तक हो सकता है पर पुरुषों के लिए यह सात दिन से अधिकतम तीन महीना है.
लब्बो लुआब यह है कि वेश्यावृत्ति अपराध नहीं है पर इन सेक्शन का ख़याल रखना बेहद ज़रूरी है.
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