डीएनए हिंदी: लियो टॉल्सटाय रूस के ऐसे महान लेखक और विचारक थे जिनसे महात्मा गांधी ने भी प्रेरणा ली. वह न केवल अच्छे लेखक थे बल्कि उन्होंने सेना में भर्ती होकर अपने वतन के लिए भी लड़ाई लड़ी. टॉल्सटाय ने बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास और उनकी शिक्षा को महत्व दिया और उसके लिए काम भी किए, इसी कारण महात्मा गांधी भी उन्हें अपना आदर्श मानते थे.

इतिहास की किताबों में महात्मा गांधी को लियो टॉल्सटाय के अध्यात्मिक शिष्य के रूप में दर्ज किया गया है. मार्क्सवादी विचारक लेनिन भी लियो टॉलस्टाय के लेखन से काफी प्रभावित थे. उन्होंने तो एक बार रूसी लेखक मैक्सिम गोर्की से यहां तक कहा था कि लिखना सीखना है तो टॉल्सटाय से सीखो..! 

जिसका लेखन दुनिया भर में इतना मशहूर रहा है उसने अपने प्रेमपत्र में क्या लिखा होगा, कैसे लिखा होगा... ऐसे सवाल अक्सर हमारे मन में आ ही जाते हैं. ये सवाल लाजिमी भी हैं इसलिए यहां पेश है लियो टॉल्सटाय का वो ख़त जो उन्होंने सोफिया को तब लिखा था, जब वह उनसे शादी करना चाहते थे और उन्हें सोफिया की तरफ से इस बारे में कोई जवाब नहीं मिल पा रहा था. लिखते हैं-

सोफिया,


मैं अब और बर्दाश्त नहीं कर सकता! पिछले तीन सप्ताह से हर दिन मैंने अपने आपसे कहा कि बस आज मैं तुमसे सब कुछ कह डालूंगा, पर हर दिन अपनी आत्मा में वही पछतावा, डर और खुशी लेकर मैं यहां से चला जाता रहा हूं.
मुझे सच-सच बताओ...क्या तुम मेरी पत्नी बनना चाहती हो? वही उत्तर मुझे दो जो तुम पूरे विश्वास के साथ और अपने हृदय के गहनतम से दे सकती हो. यदि संदेह की छाया भी कहीं तुम्हें दिखे तो साफ इंकार कर दो. भगवान के लिए अपने हृदय की छानबीन ध्यान से करो. तुम्हारा इंकार मेरे लिए भयानक होगा, पर मैं उसके लिए तैयार हूं और उसे स्वीकार करने की शक्ति मुझमें है. लेकिन जब मैं तुम्हारा पति होऊंगा, तुम्हारा मुझे उतना ही प्यार ना करना, जितना कि मैं तुम्हें करता हूं, मेरे लिए भयंकर होगा.
-टॉल्सटाय

 

जिस समय टॉल्सटाय ने यह पत्र लिखा तब यह माना जा रहा था कि टॉल्सटाय सोफिया से नहीं बल्कि उनकी बड़ी बहन एलिजाबेथ से प्यार करते हैं. उसी वक्त उन्होंने यह ख़त सोफिया को लिखा था. यहां उस ख़त का एक हिस्सा लिया गया है.

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शादी का किस्सा
लियो का विवाह 1862 में सोफिया से हुआ. सोफिया एक उच्च वर्गीय संभ्रांत परिवार की महिला थीं. सोफिया शादी के समय लियो से उम्र में 16 वर्ष छोटी थी और इन दोनों की 13 संतानें थीं. लियो और सोफिया के शादीशुदा जीवन के बारे में कई तरह की बातें कही जाती हैं. कई जगह ऐसा भी लिखा गया है कि लियो शादी के बाद एक अच्छे पति साबित नहीं हो पाए थे. उनके विचार सोफिया के जीवन पर भारी पड़ते रहे.

इससे जुड़ा एक किस्सा यह भी सामने आता है कि शादी की रात ही लियो ने सोफिया को वो डायरी पढ़ने को दे दी थी, जिसमें उनके बीते जीवन के प्रेमप्रसंग, शराब और जुए इत्यादि से जुड़ी ढेरों बातें दर्ज थीं. इस डायरी से लिखी गई हकीकत को सोफिया बर्दाश्त नहीं कर पाई थीं और उसी दिन से दोनों के रिश्तों में एक खटास सी पैदा हो गई थी. हालांकि दोनों हमेशा साथ रहे जब तक कि लियो ने खुद अपना घर नहीं छोड़ दिया था.  

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लियो के उपन्यास
साहित्य जगत में लियो टॉल्सटाय एक ऐसा नाम हैं जिनकी क्षमता और योगदान से कभी इनकार नहीं किया जा सकता. उन्होंने दुनिया को तीन ऐसे महानतम उपन्यास दिए हैं जो पीढ़ी दर पीढ़ी प्रासंगिक रहे हैं और लोकप्रिय भी. उनके लिखे उपन्यास युद्ध और शांति को दुनिया की बेहतरीन किताबों में शुमार किया जाता है. वहीं अन्ना कारेनिना भी बेहद लोकप्रिय उपन्यास रहा है. 

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लियो टॉल्सटाय का ख़त सोफिया के नाम
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Love Letter: दुनिया के महान लेखक लियो टॉल्सटाय ने जब ख़त में पूछा- क्या तुम मेरी पत्नी बनना चाहती हो?