डीएनए हिंदीः देश की सबसे पुरानी और सबसे बड़ी पार्टी रही कांग्रेस (Congress) पिछले कुछ समय से लगातार संकट से जूझ रही है. एक के बाद एक चुनावी राज्यों में हार के बाद पार्टी की ग्राफ लगातार नीचे जा रहा है. पहले विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार और अब राज्यसभा में सांसदों का घटता संख्याबल चिंता का सबब बन गया है. पार्टी का प्रदर्शन किस कदर तेजी से गिर रहा है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अब 17 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से राज्यसभा में कांग्रेस का कोई प्रतिनिधि नहीं रह जाएगा.  

मार्च में 33 थी राज्यसभा सदस्यों की संख्या 
मार्च के आखिरी में राज्यसभा में कांग्रेस के 33 सांसद थे. पूर्व रक्षा मंत्री दिग्गज कांग्रेसी नेता AK एंटनी समेत चार सदस्य रिटायर हो चुके हैं. जून और जुलाई में 9 और सदस्यों का कार्यकाल खत्म हो जाएगा. रिटायर होने वालों में दिग्गज कांग्रेसी नेता पी चिदंबरम, अंबिका सोनी, जयराम रमेश और कपिल सिब्बल जैसा कांग्रेस के कद्दावर सिपहसालार भी शामिल हैं. चुनाव के बाद राज्यसभा में कांग्रेस की संख्या ज्यादा से ज्यादा 30 सदस्यों की रह जाएगी. इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है  कि राज्यसभा में कांग्रेस के इतने कम सांसद रहे हों. कांग्रेस को उम्मीद है कि इसे डीएमके तमिलनाडु में 6 में से 1 सीट देगी. इस तरह से कांग्रेस का आंकड़ा 31 हो सकता है. 

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17 राज्यों में नहीं होगा कोई राज्यसभा सदस्य  
कांग्रेस का उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, पंजाब, तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, ओडिशा, दिल्ली और गोवा जैसे राज्यों में कांग्रेस का कोई भी सांसद नहीं रहेगा. कई बड़े राज्यों से भी कांग्रेस के राज्यसभा सांसद नहीं रहेगा. पंजाब की सत्ता हाथ से जाने से भी कांग्रेस को बड़ा नुकसान हुआ है. इन राज्यों में हिमाचल प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, गोवा, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, सिक्क्मि, असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा शामिल हैं. 1885 की पुरानी पार्टी के वर्तमान नेताओ ने शायद इसकी कल्पना कभी नही की होगी लेकिन सत्यता यही दिखाता है.  

किस राज्य में सबसे अधिक सदस्य
राज्यसभा चुनावों के बाद कांग्रेस के जो 30 या 31 सांसद होंगे उनमें कांग्रेस को सबसे ज्यादा सांसद राजस्थान और छ्त्तीसगढ़ से होंगे, जहां पार्टी की सरकार है, राजस्थान और कर्नाटक से कांग्रेस को 5-5 सांसद मिलेंगे, जबकि छत्तीसगढ़ से 4 सांसद कांग्रेस के खाते में आएंगे. मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात से कांग्रेस के तीन तीन सांसद राज्यसभा जाएंगे. पश्चिम बंगाल और हरियाणा से 2-2 सांसद कांग्रेस की ओर से राज्यसभा जाएंगे. बिहार, केरल और झारखंड से कांग्रेस के एक-एक नेता राज्यसभा जाएंगे.  

क्या विपक्षी पार्टी भी नहीं रह पाएगी कांग्रेस?
लोकसभा चुनाव के बाद भी कांग्रेस पर कई सवाल उठे थे. सबसे बड़ा सवाल था कि कांग्रेस कुल सीटों में से 10 फीसदी सीट भी नहीं जीत पाई थी. इसके बाद लोकसभा में नेता विपक्ष को लेकर सवाल उठे थे. इस सवाल के बाद तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने एक नियम का हवाला दिया था, जिसमें किसी पार्टी के नेता को विपक्ष का नेता घोषित करने के लिए उसके पास सदन की न्यूनतम 10 प्रतिशत सीटें होनी चाहिए. बताया जाता है कि उन्होंने कहा था, मैंने नियमों एवं परंपराओं का अध्ययन कर और मुद्दे पर विशेषज्ञों की राय लेने के बाद निर्णय किया है. किसी विपक्षी पार्टी के पास 55 से ज्यादा (सीटें) नहीं है. 

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लोकसभा में कई बार नहीं रहा नेता विपक्ष
सदन में न्यूनतम 10 प्रतिशत सीटें होने (विपक्ष के नेता का दर्जा दिए जाने के लिए) का नियम नहीं बदला है. लोकसभा अध्यक्ष ने कहा था कि 1980 एवं 1984 में सदन में कोई विपक्ष का नेता नहीं था, क्योंकि किसी पार्टी के पास अपेक्षित संख्या नहीं थी. लोकसभा सचिवालय ने आरटीआई कार्यकर्ता को यह भी सूचित किया है कि पहली, दूसरी, तीसरी, पांचवीं, छठी, सातवीं और आठवीं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद रिक्त रहा. उसने कहा कि संस्थानों एवं आयोगों के प्रमुखों के चयन के लिए विपक्ष के नेता की जरूरत संबंधी सवाल को कानून एवं विधि मंत्रालय के पास भेजा गया है.

राज्यसभा में क्या होगी स्थिति?
लोकसभा के बाद अब राज्यसभा में भी कांग्रेस के सांसदों की संख्या लगातार कम होती जा रही है. राज्यसभा में कुल सदस्य संख्या 250 है. ऐसे में विपक्षी दल के लिए 25 सीटें रहना जरूरी है. जिस तरह कांग्रेस की सीटें कम हो रही हैं उससे सवाल उठ रहे हैं कि क्या राज्यसभा में कांग्रेस से विपक्षी पार्टी का तमगा भी छिन जाएगा?

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Will Congress also not be able to survive the opposition party? After defeat in many states, now the situation
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क्या विपक्षी पार्टी भी नहीं रह पाएगी Congress?
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Will Congress also not be able to survive the opposition party? After defeat in many states, now the situation in Rajya Sabha is also bad
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क्या विपक्षी पार्टी भी नहीं रह पाएगी Congress? कई राज्यों में हार के बाद अब राज्यसभा में भी बुरा हाल