डीएनए हिंदी: IAF Officer Deepika Mishra- भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) की विंग कमांडर दीपिका मिश्रा ने शुक्रवार को इतिहास रच दिया. उन्हें भारतीय वायु सेना प्रमुख एयर मार्शल वीआर चौधरी ने वायुसेना मेडल (शौर्य) से नवाजा है. राजस्थान की मूल निवासी दीपिका मिश्रा (Wing Commander Deepika Mishra) वीरता पुरस्कार पाने वाली वायु सेना की पहली महिला अफसर बन गई हैं. दीपिका मिश्रा ने 'अदम्य साहस' दिखाकर 47 से ज्यादा लोगों की जान बचाने में अहम भूमिका निभाई थी. दीपिका समेत 58 सैन्य कर्मियों को नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में सम्मानित किया गया है, जिनमें 57 भारतीय वायु सेना और 1 भारतीय सेना से हैं. दो अधिकारियों को युद्ध सेवा मेडल, 13 अधिकारियों और एयर फाइटर्स को वायु सेना मेडल (शौर्य), 13 अधिकारियों को वायु सेना मेडल और 30 को विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित किया गया है.
The CAS Air Chief Mshl VR Chaudhari, presented Presidential Awards to fifty seven #IAF personnel & one from @adgpi during an #Investiture Ceremony today evening in New Delhi. pic.twitter.com/wFLrke0kN9
— Indian Air Force (@IAF_MCC) April 20, 2023
अब तक नहीं मिला था वायु सेना में महिला को वीरता पुरस्कार
भारतीय वायु सेना के इतिहास में कई महिला अफसरों ने पहले भी पुरस्कार जीते हैं, लेकिन वीरता पुरस्कार से अब तक किसी महिला अफसर को सम्मानित नहीं किया गया था. दीपिका मिश्रा ने यह इतिहास रच दिया है. वे भारतीय वायु सेना के इतिहास में वीरता पुरस्कार पाने वाली पहली महिला अफसर बन गई हैं.
अंधेरे में बाढ़ प्रभावित एरिया में पहुंचकर चलाया था रेस्क्यू ऑपरेशन
दीपिका मिश्रा को यह सम्मान उत्तरी मध्य प्रदेश में 2 अगस्त, 2021 को आकस्मिक बाढ़ के हालात में सफल रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर 47 लोगों की जान बचाने के लिए दिया गया है. वायु सेना अधिकारियों के मुताबिक, दीपिका मिश्रा ने बिगड़ते मौसम, तेज हवाओं और सूर्यास्त होने पर अंधेरा होने के बावजूद इस ऑपरेशन को सफल बनाया. वे रात में ही प्रभावित इलाके में पहुंचने वाली पहली ऑफिसर थीं. उनके समय पर पहुंचने की वजह से मिली सटीक जानकारी के चलते 47 से ज्यादा लोगों की जान बचाने में सफलता मिली थी. यह अभियान 8 दिन तक चला था, जिसमें लो होवर पिकअप और विंचिंग जैसे खतरनाक ऑपरेशन शामिल थे. अधिकारियों ने कहा कि दीपिका की बहादुरी और साहसिक प्रयास ने न केवल प्राकृतिक आपदा में कीमती जानों को बचाया बल्कि बाढ़ प्रभावित इलाके में जनता का भी हौसला बढ़ाया.
During the Ceremony, the CAS presented two Yudh Seva Medals, thirteen Vayu Sena Medals (Gallantry), thirteen Vayu Sena Medals (Devotion to Duty) and twenty eight Vishisht Seva Medals. pic.twitter.com/PuVP2bwLhV
— Indian Air Force (@IAF_MCC) April 20, 2023
क्या होता है वायु सेना मेडल
भारतीय वायु सेना की वेबसाइट के मुताबिक, वायुसेना मेडल की शुरुआत 26 जनवरी 1960 को हुई थी. यह पदक वायु सेना कार्मिकों की असाधारण कर्त्तव्यपरायणता या अदम्य साहस के लिए दिया जाता है. साल 1994 में इस पुरस्कार को वायु सेना मेडल (कर्त्तव्यपरायणता) और वायु सेना मेडल (शौर्य) में बांट दिया गया था.
ऐसा होता है वायु सेना मेडल
इस मेडल में स्टैंडर्ड चांदी का बना 35 मिलीमीटर गोलाई का पांच नोंक वाला सितारा होता है. यह पदक 3 मिलीमीटर चौड़ी धातु की पट्टी से जुड़े छल्ले में लगा होता है, जिस पर अशोक की पत्तियां बनी होती हैं. इसके सामने के हिस्से पर बीचोंबीच राज्य चिह्न बना होता ह, जिसके चारों ओर पत्तियों की माला होती है. इसके पीछे की ओर हिमालयन बाज बना होता है और नीचे पदक का नाम खुदा होता है. इस मेडल का फीता 32 मिलीमीटर चौड़ा होता है, जिस पर केसरिया और हल्के स्लेटी रंग की 3-3 मिमी. चौड़ी रेखाएं बनी होती हैं. ये रेखाएं दाएं से बायीं तरफ बनी होती हैं. यह पदक मरणोपरांत भी दिया जाता है. साल 1999 में 1 फरवरी से इस मेडल को पाने वाले के लिए हर महीने 500 रुपये की प्रोत्साहन राशि भी तय की गई है.
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दीपिका मिश्रा बनीं वीरता पुरस्कार पाने वाली पहली महिला अफसर, जानें क्या है ये अवॉर्ड और उन्हें क्यों मिला