डीएनए हिंदी: केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme) के खिलाफ बिहार सहित देशभर में कई दिनों तक उग्र प्रदर्शन हुए. इस दौरान करोड़ों रुपये की सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया. बिहार में हिंसा के पीछे शुरूआती जांच में कुछ कोचिंग सेंटर्स का कनेक्शन होने का दावा किया जा रहा है. ऐसे में पुलिस ने इन कोचिंग संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई करना शुरू कर दिया है. इनमें एक नाम गुरु रहमान का सामने आ रहा है. आइये जानते हैं गुरु रहमान कौन हैं?
पटना SSP मानवजीत सिंह ढिल्लों के अनुसार, 17 जून को एक वीडियो वायरल हुआ था. इसमें आरोप है कि गुरु रहमान अग्निपथ योजना को लेकर अपनी बातों के जरिए छात्रों को भड़का रहे हैं. उन्होंने ट्रेन रोकने और उग्र प्रदर्शन के लिए उकसाया है. एक यूट्यूब चैनल से बातचीत में उन्होंने कहा था, 'आप ट्रेन रोक सकते हैं, क्योंकि वो आपका भविष्य रोक रहे हैं. इस बार की क्रांति संपूर्ण क्रांति से भी बड़ी होगी.'
40 बच्चे UPSC में हो चुके हैं सेलेक्ट
गुरु रहमान पटना के गोपाल मार्केट में एक कोचिंग सेंटर चलाते हैं. रहमान दो बार IAS का इंटरव्यू दे चुके हैं. उन्होंने पहली बार 1996 में यूपीएससी का इंटरव्यू दिया था. लेकिन दोनों बार समफता नहीं मिलने के बाद उन्होंने रहमान एम (AIM) नाम का कोचिंग सेंटर खोला. तब 10-12 बच्चे ही उनकी क्लास में थे. 1998 में उनके एक छात्र का UPSC में चयन हुआ. इसके बाद यह खबर फैल गई कि एक सर बिना फीस लिए UPSC की तैयारी कराते हैं. इसके बाद हर जगह से उनके पास छात्र आने लगे. रहमान के कोचिंग के 22 साल में 40 बच्चे यूपीएससी में सेलेक्ट हो चुके हैं.
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11-100 रुपये में कराते हैं कोचिंग
गुरु रहमान से कोचिंग लेने बिहार के अलावा उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और झारखंड से भी छात्रा आते हैं. बताया जाता है कि 11 से 100 रुपये की फीस देकर कुछ आर्थिक रूप से कमजोर बच्चे रहमान के पास कोचिंग करते हैं. ये छात्र सफल पदों पर पहुंचने के बाद अकादमी और रहमान द्वारा किए जा रहे समाज सुधार के कार्यों में दान करते हैं.
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कहां हुआ जन्म?
गुरु रहमान का जन्म 10 जनवरी 1974 को सारण जिले के बसंतपुर में हुआ था. उनकी प्रारंभिक शिक्षा डेहरी ऑन सोन से हुई. उसके बाद उन्होंने स्नातक की पढ़ाई बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से की. यहां से उन्होंने प्राचीन भारत एवं पुरातत्व में स्नातक और मास्टर्स भी किया.
इसके बाद कोचिंग सेंटर्स में पढ़ाना शुरू कर दिया. बाद में वह पटना विश्वविद्यालय में पढ़ाने लगे और यहां उन्हें बेस्ट टीचर से अवार्ड से नवाजा गया. साल 1997 में रहमान ने ऋगवेद कालीन आर्थिक एवं सामाजिक विश्लेषण विषय पर पीएचडी पूरी की.
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Agnipath Protest: कौन हैं गुरु रहमान जिन्हें तलाश रही है पुलिस