डीएनए हिंदी: राजस्थान विधानसभा में गुरुवार को लोक परीक्षा विधेयक 2022 ध्वनि मत से पारित कर दिया गया. इस दौरान नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया भावुक हो गए. उनका गला रूंध गया. कटारिया ने कहा, कोचिंग संस्थान परिणाम के बाद 100 प्रतिशत रिजल्ट का बोर्ड लगाता है यही बीमारी की असली जड़ है. यदि मार करना चाहते हो तो यहीं करो. बाकी मन को संतुष्ट करने का काम करो तो यह गरीब बच्चे के साथ न्याय नहीं होगा.
कटारिया ने कहा, गरीब बच्चा बामुश्किल पढ़ पाता है. परीक्षा के लिए जाता है तो रोता हुआ घर लौटता है. क्या उसे देखकर दुख नहीं होता. आपने सभी पैसे वाले लोगों को नौकरियों को बेच दिया. पिछले 8 साल में जो भर्तियां हुई हैं उनकी जांच कराओ.
#WATCH | LoP in Rajasthan Assembly, Gulab Chand Kataria choked up during discussion in the House over The Rajasthan Public Examination (measures for prevention of unfair means in recruitment) Bill, 2022.
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) March 24, 2022
The Assembly passed the Bill through a voice vote
(Source: State Assembly) pic.twitter.com/K9kgcQRzSh
क्या है राजस्थान लोक परीक्षा विधेयक 2022?
राजस्थान लोक परीक्षा विधेयक 2022 नकल पर रोकथाम के लिए लाया गया बिल है. यह भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम के उपाय के लिए लाया गया है. पिछले दिनों राजस्थान में रीट, कांस्टेबल जैसी परीक्षओं में पेपर लीक के मामले सामने आए थे. इसके बाद सरकार ने नकल पर रोक लगाने के लिए विधानसभा में बिल लाने का प्रस्ताव रखा.
बिल में दोषी पाए जाने पर 3 साल तक की कैद और 2 साल के लिए सार्वजनिक परीक्षाओं में शामिल होने पर रोक लगाने का प्रावधान है. विधेयक में परीक्षा एजेंसियों के साथ मिलीभगत होने पर 5-10 साल की कैद और 10 लाख रुपये से 10 करोड़ रुपये के जुर्माने का भी प्रावधान है.
बिल में नकल गिरोह में शामिल लोगों की प्रॉपर्टी कुर्क करने तक का प्रावधान किया गया है. सरकार ने विधेयक को पेश कर दावा किया कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान हुईं 12 परीक्षाओं में से 5 परीक्षाओं में पेपर लीक हुए. जबकि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 2019 से 2022 तक लगभग 80 परीक्षाएं आयोजित की गईं जिनमें से 2 में पेपर लीक हुआ एवं 1 में धोखाधड़ी का अन्य प्रकरण होने से 3 परीक्षाएं निरस्त की गई. इससे पहले सदन ने विधेयक को प्रचारित करने के प्रस्ताव को ध्वनिमत से अस्वीकार कर दिया गया था.
सीएम सलाहकार ने गिनाईं कमियां
विधेयक पर हुई बहस के दौरान भाजपा विधायकों ने इस बिल में कई खामियां गिनाई थीं. मुख्यमंत्री के सलाहकार निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने भी इस विधेयक में कोचिंग संस्थानों पर लगाम लगाने के लिए कोई प्रावधान नहीं होने पर नाराजगी जताई है. विधायकों का कहना था कि पेपर लीक में बड़ी भूमिका कोचिंग संस्थानों की होती है. इस विधेयक
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क्या है राजस्थान लोक परीक्षा बिल 2022?