डीएनए हिंदी: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने राष्ट्रीय राजधानी में बसों में पैनिक बटन के नाम पर करोड़ों रुपये के घोटाले का आरोप लगाया है. वहीं आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार ने दावा किया कि सभी सुरक्षा उपकरण उचित तरीके से काम कर रहे हैं. मीडिया में खबरें आई हैं कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) पैनिक बटन का ऑडिट करा रहा है. इसके बाद BJP की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेव ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली परिवहन विभाग ने पैनिक बटन के नाम पर करोड़ों रुपये का घोटाला किया है.
दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि सचदेवा की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल उपराज्यपाल से मुलाकात करेगा और इस करोड़ों रुपये के पैनिक बटन घोटाले के संबंध में एक ज्ञापन सौंपेगा. उन्होंने मांग की कि परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत जांच जारी रहने तक अपने पद से इस्तीफा दें.
क्या है AAP सरकार की सफाई?
वहीं, दिल्ली सरकार ने कहा कि उसे एसीबी द्वारा कोई औपचारिक ऑडिट किए जाने, ऑडिट करते वक्त उचित तकनीकी प्रोटोकॉल का पालन किए जाने या ऑडिट कर रहे व्यक्ति के तकनीकी रूप से योग्य होने की कोई जानकारी नहीं है. दिल्ली सरकार ने कहा है, 'दिल्ली सरकार के अधिकारियों से ऑडिट के नतीजों के संबंध में कोई प्रतिक्रिया या सूचना नहीं मांगी गई जो कि उन्हें उच्च प्राधिकारियों को कोई रिपोर्ट सौंपने से पहले लेनी होती है.'
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दिल्ली सरकार ने कहा है कि सरकार के लिए यात्रियों की सुरक्षा हमेशा सर्वोच्च प्राथमिकता रही है. उसने कहा कि दिल्ली की सभी बसें आईपी आधारित सीसीटीवी कैमरों, पैनिक बटन और जीपीएस प्रणाली से लैस हैं. नियंत्रण केंद्रों में बसों के सीसीटीवी फुटेज पर लगातार नजर रखी जाती है और जरूरत पड़ने पर उचित कार्रवाई की जाती है.
500 करोड़ का 'पैनिक बटन घोटाला' क्या है?
दिल्ली बीजेपी ने आरोप लगाया है कि AAP और अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार ने सार्वजनिक के मालिकों से मामूली शुल्क लेकर टैक्सियों और बसों सहित सभी सार्वजनिक परिवहन वाहनों में पैनिक बटन लगाए.
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AAP सरकार टैक्सियों और बसों के मालिकों से यात्रियों की सुरक्षा के लिए अपनी सभी गाड़ियों में पैनिक बटन लगाने के लिए फीस लेती है. 'पैनिक बटन शुल्क' फीस के तौर पर 500 करोड़ रुपये से ज्यादा वसूला जाता है. बीजेपी ने कहा है कि ये बटन निष्क्रिय रहते हैं.
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क्या है दिल्ली का पैनिक बटन स्कैम, Rs 500 करोड़ के घोटाले में क्यों घिरी AAP?