डीएनए हिंदी: पश्चिम बंगाल (West Bengal) के बीरभूम जिले (Birbhum) में भड़की हिंसा पर जमकर सियासत हो रही है. बीरभूम जिले के रामपुराट में तृणमूल कांग्रेस (TMC) के एक पंचायत नेता की हत्या के बाद ऐसा तनाव पैदा हुआ कि 8 लोग हिंसा की बलि चढ़ गए. मारे गए लोगों में 6 महिलाएं और 2 बच्चे शामिल हैं.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने बृहस्पतिवार को बोगतुई गांव का दौरा किया जहां यह हिंसा भड़की थी. उन्होंने गांव में मृतकों के परिजनों को 5-5 लख रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया है. जिन लोगों के घर जलाए गए उन्हें 1 लाख रुपये मुआवजे की राशि दी जाएगी. ममता ने कहा कि पीड़ित परिवारों के 10 आश्रितों को राज्य सरकार नौकरी भी देगी.
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क्यों भड़की थी हिंसा?
21 मार्च की शाम को तृणमूल कांग्रेस नेता भादु शेख जब अपने घर की तरफ जा रहे थे, तभी मोटरसाइकिल पर आए कुछ लोगों ने उन पर बम से हमला कर दिया. बम धमाके में उनकी मौत हो गई थी. भादु शेख वहां की ग्राम पंचायत में उप प्रधान थे, इसलिए इस घटना के बाद इलाके में तनाव बढ़ गया. जैसे ही बम धमाके की खबर सामने आई वहां बड़ी संख्या में लोग इकट्ठे हो गए. लोगों ने मिलकर करीब 12 मकानों में आग लगा दी.
बीरभूम हिंसा में 6 महिलाओं और 2 बच्चों को बेरहमी से जिंदा जला कर मार दिया गया था. इस घटना में मारे गए लोगों की पहचान भी सामने आ गई है. मोहम्मद आशिम, नज़रूल इस्लाम, नाज़िर हुसैन, अशरफ खान और अमज़द खान. इसी तरह जिन 6 महिलाओं और दो बच्चों को ज़िंदा जला कर मार दिया, उनके नाम उमेहानी खातून, आकाश शेख, सूर्य शेख, रुपाली बीबी, नूरनाहर बीबी हैं.
दहशत की वजह से गांव छोड़कर भाग रहे हैं लोग
हिंसा भड़कने के बाद डर का आलम यह है कि रामपुरहाट से लोग पलायन कर रहे हैं. जिस गांव में यह घटना हुई थी, बोगतुई से 50 से ज्यादा परिवार अपने घरों पर ताला लगा कर दूसरे इलाकों और शहरों में जा चुके हैं. इनका कहना है कि अगर ये कुछ और घंटे भी यहां रुकते तो उन्हें भी बेरहमी से मार दिया जाता. यह बहुत बड़ी बात है, जब किसी इलाके में हिंसा के बाद भारी पुलिस बल तैनात किया गया है. इसके बावजूद लोग अपना सबकुछ पीछे छोड़ कर पलायन कर रहे हैं क्योंकि उन्हें अब सरकार और पुलिस पर बिल्कुल भरोसा नहीं है. इस मामले में केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने ममता सरकार से अगले 72 घंटे में घटना की पूरी जानकारी मांगी है. इसके अलावा यह भी कहा गया है कि गृह मंत्रालय का एक संयुक्त सचिव स्तर का अधिकारी घटनास्थल पर जाकर पूरे मामले की जानकारी इकट्ठा करेगा.
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जिंदा जलाने से पहले भीड़ ने की थी लोगों की पिटाई!
पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के बोगतुई गांव में तीन महिलाओं और दो बच्चों समेत 8 लोगों को जिंदा जलाने से पहले बुरी तरह पीटा गया था. मृतकों के शवों की पोस्टमार्टम जांच में इस बात का खुलासा हुआ है. रामपुरहाट अस्पताल के एक अधिकारी ने कहा है कि शवों का पोस्टमार्टम और फॉरेंसिक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि पीड़ितों को पहले बुरी तरह पीटा गया और फिर जिंदा जला दिया गया.
20 से ज्यादा लोग हुए गिरफ्तार!
पुलिस ने इस सिलसिले में अब तक कम से कम 20 लोगों को गिरफ्तार किया है. राज्य सरकार ने कथित रूप से लापरवाही बरतने के आरोप में कई प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्धारित दौरे के दौरान कोई अप्रिय घटना न हो इसके लिए रामपुरहाट में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है.
घटना पर क्या बोले पीएम नरेंद्र मोदी?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन हत्याओं को जघन्य अपराध करार देते हुए कहा है कि दोषियों को माफ नहीं किया जाना चाहिए. पश्चिम बंगाल सरकार ने घटना की जांच के लिए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ज्ञानवंत सिंह की अध्यक्षता में एक SIT का गठन किया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से घटना पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.
बाल आयोग और कलकत्ता हाई कोर्ट ने लिया स्वत: संज्ञान
बीरभूम हिंसा में कुछ बच्चों के जिंदा जलने पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने भी संज्ञान लिया है. आयोग ने बीरभूम के पुलिस अधीक्षक और डीजीपी को नोटिस जारी कर तलब किया है और 3 दिनों के अंदर जांच रिपोर्ट मांगी है. कलकत्ता हाई कोर्ट ने भी बुधवार को इस घटना पर स्वत संज्ञान लेते हुए मामले की सुनवाई की. पूरे प्रकरण की जांच की जा रही है.
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Birbhum violence: क्या है बीरभूम का मामला? जानिए क्यों भड़की थी हिंसा