डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश पुलिस की STF ने गुरुवार को झांसी में माफिया अतीक अहमद के बेटे असद अहमद और उसके एक साथी गुलाम को मुठभेड़ में मार गिराया है. ADG लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बात की ऑफिशियल जानकारी दी. उन्होंने कहा, उमेश पाल हत्याकांड में वांछित 5 लाख रुपये का इनामी बदमाश असद अहमद मुठभेढ़ में ढेर हो गया है. अतीक अहमद गैंग का यही मुखिया है.
यूपी के प्रयागराज में 24 फरवरी को दिनदहाड़े एक विधायक की हत्या के गवाह उमेश पाल और उनके दो गनर की हत्या हुई थी. इस हत्या का आरोप पूर्व सांसद और पूर्वी यूपी के माफिया अतीक अहमद (Atique Ahmed) के गैंग पर है.
इस हत्या में असद अहमद (Atique Ahmed Son Asad Ahmed) का नाम मास्टरमाइंड के तौर पर सामने आया था, जिसका हत्या के महज 15 दिन पहले तक कोई पुलिस रिकॉर्ड नहीं था.
असद ने अपने पिता अतीक अहमद की जगह गैंग की कमान संभाल ली थी, जो फिलहाल गुजरात की साबरमती जेल में बंद है. अब उत्तर प्रदेश पुलिस (Uttar Pradesh Police) असद को 'मोस्ट वॉन्टेड' के तौर पर तलाश कर रही थी.
आइए 7 पॉइंट्स में जानते हैं अतीक के इस बेटे के बारे में सबकुछ.
1. पांच लाख रुपये का इनामी था असद
यूपी पुलिस ने असद अहमद को 'मोस्ट वॉन्टेड' घोषित करते हुए उसके ऊपर 5 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था. यह अतीक अहमद परिवार के किसी भी सदस्य के ऊपर घोषित आज तक का सबसे बड़ा इनाम है. इसके बाद से ही असद की सभी जगह तलाश तेजी से शुरू हो गई थी.
2. अब तक नहीं था गैंग से नाता, पढ़ रहा था असद
असद के पिता, चाचा और दोनों बड़े भाई माफिया गिरोह से जुड़ चुके हैं. अतीक जहां इस समय गुजरात में जेल में हैं, वहीं असद का गैंगस्टर चाचा अशफाक अहमद यूपी की बरेली जेल में बंद है. उन दोनों की अनुपस्थिति में असद के दो बड़े भाइयों उमर अहमद और अली अहमद ने गैंग की जिम्मेदारी संभाली थी.
दोनों ने पिछले साल अगस्त में कोर्ट में सरेंडर कर दिया था. इस दौरान अतीक के तीसरे नंबर के बेटे असद का अंडरवर्ल्ड की दुनिया से कोई नाता नहीं था और वह पढ़ाई कर रहा था. सूत्रों के मुताबिक, अपने भाइयों के सरेंडर के बाद बिखर गए गैंग की कमान असद ने संभाली थी और माफिया बनने की राह पर कदम बढ़ा दिया था. गुरुवार को वह यूपी पुलिस के साथ हुए एनकाउंटर में ढेर हो गया.
3. लखनऊ के टॉप स्कूल से की थी 12वीं, पढ़ने जाना चाहता था विदेश
यूपी पुलिस के सूत्रों के मुताबिक, असद अपना गैंग प्रयागराज की बजाय प्रदेश की राजधानी लखनऊ में रहकर चला रहा है, जहां उसका जबरदस्त नेटवर्क है. दरअसल असद ने लखनऊ के ही एक टॉप स्कूल से 12वीं कक्षा पास की थी. इसके बाद वह पढ़ाई के लिए विदेश जाना चाहता था, लेकिन अतीक अहमद के माफिया रिकॉर्ड की वजह से उसका पासपोर्ट क्लियर नहीं हो पाया.
4. उमेश पाल की हत्या से पहले नहीं था पुलिस के राडार पर
असद के अतीक गैंग का मुखिया बनने के बारे में पुलिस को जानकारी भी नहीं मिलती, यदि वह उमेश पाल हत्याकांड (Umesh Pal Murder Case) में फायरिंग के दौरान CCTV कैमरे की फुटेज में नजर नहीं आया होता. असद पर भी उमेश पाल के ऊपर अपनी पिस्टल से गोलियां बरसाने का आरोप है.
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5. योजना अतीक-अशफाक ने बनाई, अंजाम असद ने दिया
पुलिस को शक है कि उमेश पाल की हत्या की योजना जेल की सींखचों के पीछे बैठे अतीक अहमद और अशफाक अहमद ने बनाई. यह योजना फोन पर असद को बताई गई. इसके बाद असद ने उस योजना पर काम करते हुए पूरे हत्याकांड को अंजाम देने में मास्टरमाइंड की तरह काम किया.
6. एनकाउंटर के डर से नेपाल हुआ था फरार
उमेश पाल हत्याकांड में शामिल आरोपियों को जिंदा या मुर्दा पकड़े जाने के आदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्तर से यूपी पुलिस को मिल चुके हैं. दो आरोपियों को एनकाउंटर में पहले ही मारे जा चुके हैं.
असद को भी एनकाउंटर का डर सता रहा था. उसके ऊपर 5 लाख का इनाम था, लेकिन एनकाउंटर हो गया. इसी डर से वह फरार घूम रहा था. झांसी में पुलिस ने उसे ढेर कर दिया. वह अपने पिता के पुराने नेटवर्क को जिंदा कर रहा था.
7. असद के दो नाबालिग भाई हैं अब बाल सुधार गृह में
अतीक के कुल पांच बेटे हैं. उमर सबसे बड़ा और अली दूसरे नंबर का है. असद तीसरे नंबर का बेटा है, जबकि उसके दो छोटे भाई आजम और अबान अभी नाबालिग हैं. आजम क्लास-10 में पढ़ रहा है, जबकि अबान कक्षा-8 का स्टूडेंट है. दोनों को उमेश पाल हत्याकांड के बाद पुलिस ने बाल सुधार गृह भेज दिया है.
लांकि असद की मां शाइस्ता परवीन ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर पुलिस पर अपने नाबालिग बच्चों को हिरासत में लेने का आरोप लगाया है, लेकिन पुलिस का कहना है कि दोनों अनाथों की तरह घूमते हुए मिले थे. शाइस्ता परवीन को भी पुलिस ने उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी बनाया है और उसे भी फरार घोषित किया है. हालांकि शाइस्ता रोजाना अपने वकील के साथ मीडिया से मिल रही है.
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उमेशपाल हत्याकांड: कौन था असद अहमद, कैसे बना अतीक अहमद के खूंखार गैंग का मुखिया, कैसे हुआ ढेर?