डीएनए हिंदी: कुख्यात माफिया डॉन अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के बाद जिगाना पिस्टल सुर्खियों में है. उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने सवाल उठाए हैं कि बेहद गरीब बैकग्राउंड से आने से आने वाले अतीक के हत्यारों के पास ये महंगी पिस्टल आई कहां से. अभी तक इन सवालों के जवाब पुलिस को मिल नहीं पाए हैं. यह पिस्टल लागतार सुर्खियों में बनी हुई है.
पुलिस के मुताबिक, गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को जिगाना नाम के सेमी-ऑटोमैटिक हथियार से मारा गया है. हत्यारे अपराधी हैं लेकिन उनके पास यह हथियार कहां से आया है, किसी को अभी तक कोई खबर नहीं है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, तीनों हमलावरों ने बचपन से ही हत्या और डकैती जैसे अपराधों को अंजाम देना शुरू कर दिया था.
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कहां बनती है जिगाना पिस्टल, क्या है इस पिस्टल की खासियत?
यूपी पुलिस से जुड़े सूत्रों का दावा है कि हत्यारे ने जिगाना F (ऑटोमैटिक) और एक गिरसन 9 एमएम पैराबेलम (रिगार्ड MC) पिस्टल का इस्तेमाल किया. इसी हथियार से पंजाबी गायक और कांग्रेस नेता सिद्धू मूसेवाला का मर्डर किया गया था.
जिगाना पिस्टल TISAS बनाता है. यह एक गन प्रोडक्शन कंपनी है जो ऑटोमैटिक हथियार बनाती है. यह पिस्टल 2001 में बननी शुरू हुई थी. इसका मूल डिजाइन वाली तुर्की की पहली पिस्तौलों में से एक है. जिगाना पिस्तौल में ब्राउनिंग-टाइप लॉकिंग सिस्टम के साथ लॉक-स्लाइड शॉर्ट रिकॉइल ऑपरेटिंग सिस्टम होता है.
कितनी महंगी है ये बंदूक?
भारत में ये बंदूक प्रतिबंधित है. इसकी कीमत करीब 6 से 7 लाख रुपये तक होती है. गैंगस्टर अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की शनिवार रात यूपी के प्रयागराज में तीन लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. लाइव कैमरों के बीच हुई इस हत्या पर देशभर की नजरें टिकी थी. उमेश पाल हत्याकांड के बाद के बाद से ही अतीक अहमद लगातार लाइमलाइट में बना हुआ था.
ताबड़तोड़ फायरिंग में गई अशरफ-अतीक की जान
पुलिस में दर्ज FIR के मुताबिक अतीक अहमद और अशरफ शनिवार की रात एक अस्पताल से मेडिकल जांच कराने के बाद बाहर आ रहे थे, तभी मीडिया ने उन्हें घेर लिया.अचानक दो पत्रकारों ने अपना-अपना कैमरा और माइक गिरा दिया और अतीक और अशरफ पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी. मीडिया के सामने अतीक और अशरफ को मार डाला. पुलिसकर्मी मान सिंह को चोटें आईं और हमलावरों में से एक भी गोलीबारी में घायल हो गया.
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टीवी रिपोर्ट्स के मुताबिक, 5 सेकंड तक हुई फायरिंग में 24 राउंड गोलियां बरसीं. तीनों हमलावर खुद को मीडियाकर्मी बता रहे थे. उनमें से एक के पास माइक था और उसके पास पहचान पत्र था.इसके बाद शूटर लवलेश तिवारी, सन्नी सिंह व अरुण मौर्य ने अपने लोडेड हथियार गिरा दिए. इस घटना को कवर कर रहे कुछ पत्रकारों को भी मामूली चोटें आई हैं.
पूछताछ के दौरान तीनों ने खुलासा किया कि वे अतीक और अशरफ के गिरोह को खत्म करना चाहते थे और राज्य में अपना नाम बनाना चाहते थे जिससे भविष्य में उन्हें फायदा हो सके. हत्या वाली जगह पर पुलिस की मौजूदगी थी इसलिए अपराधी भाग नहीं सके. तीनों हमलावरों ने कहा है कि वे उसे मारने के लिए इतंजार कर रहे थे. शनिवार को जैसे ही मौका मिला, उन्होंने अतीक को खत्म कर दिया.
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