डीएनए हिंदी: कर्मचारी चयन आयोग (SSC) की ओर से कराई जाने वाली पैरामिलिट्री फोर्स की जनरल ड्यूटी 2018 (SSC GD 2018) की भर्ती विवादों में है. कई अभ्यर्थियों का कहना है कि मेडिकल में फिट होने के बावजूद उनकी नियुक्ति (#SSCGD2018) नहीं की गई. महाराष्ट्र के नागपुर में धरना-प्रदर्शन, भूख हड़ताल और आमरण अनशन करके निराश हो चुके ये अभ्यर्थी अब दिल्ली की ओर पैदल ही चल चुके हैं.
नागपुर से दिल्ली की ओर पैदल रवाना हुए इन अभ्यर्थियों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं. तेज गर्मी में पैदल चलने की वजह से कई छात्र बीमार हो रहे हैं और कुछ तो बेहोश भी हो चुके हैं. पैदल चलने की वजह से अभ्यर्थियों के पांव में छाले पड़ रहे हैं लेकिन अब वे रुकने को तैयार नहीं हैं. आइए विस्तार से समझते हैं कि यह पूरा मामला क्या है और क्यों ये छात्र 1000 किलोमीटर से ज़्यादा की ये दूरी पैदल ही तय करने निकल पड़े हैं...
क्या है SSC GD 2018 की भर्ती का मामला?
साल 2018 में अर्धसैनिक बलों में सैनिकों की नियुक्ति के लिए भर्ती निकली. इसी का नाम है SSC GD 2018. SSC की ओर से परीक्षा कराई गई. अभ्यर्थियों ने परीक्षा पास की. फिर मेडिकल हुआ, मेडिकल भी पास कर लिया. भर्ती की इन प्रक्रियाओं के पूरा हुए करीब तीन सालों का समय बीत चुका है लेकिन अभी तक इन अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं मिली है.
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देश के अलग-अलग राज्यों के ये अभ्यर्थी बार-बार मांग उठा चुके हैं कि उन्हें नियुक्ति पत्र दिया जाए. अभ्यर्थियों के मुताबिक, उन्होंने अपनी मांग को लेकर कई मंत्रियों से भी संपर्क किया. इसके अलावा, वे दिल्ली में जंतर-मंतर पर भी प्रदर्शन कर चुके हैं. लाख कोशिशों के बावजूद इन अभ्यर्थियों की जॉइनिंग नहीं करवाई जा रही है. इसी को लेकर हजारों अभ्यर्थी परेशान हैं.
नागपुर में भूख हड़ताल और आमरण अनशन
भर्ती किए जाने वाले अभ्यर्थियों की संख्या घटाए जाने, कट-ऑफ में लगातार बदलाव करने और कई अन्य मांगों को लेकर अभ्यर्थियों ने महाराष्ट्र के नागपुर में संविधान चौक पर प्रदर्शन शुरू कर दिया. इन अभ्यर्थियों ने भूख हड़ताल और आमरण अनशन भी किया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. आखिर में हताश होकर अब ये छात्र दिल्ली की ओर रवाना हो चुके हैं.
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नागपुर से दिल्ली के लिए पैदल मार्च कर रहे अभ्यर्थियों ने बताया कि वह दिल्ली में जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर चुके हैं. इस वजह से उन्हें जेल भी जाना पड़ा. अभ्यर्थियों ने पिछले दिनों केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मिलकर अपनी बात कही. नितिन गडकरी ने वादा किया कि वे उनकी बात पहुंचाएंगे. हालांकि, अभी तक इस मामले में कोई फैसला नहीं हो पाया है.
क्या है अभ्यर्थियों की मांग?
अभ्यर्थियों की मांग है कि सबसे पहले तो उन लोगों की जॉइनिंग करवाई जाए जिन्होंने परीक्षा और मेडिकल पास कर लिया है. इसके अलावा, अभ्यर्थियों ने यह भी कहा है कि 2020 में 1.11 लाख पद खाली थे, अब दो साल में और पद खाली हो गए होंगे. ऐसे में अगर सरकार चाहे तो सभी अभ्यर्थियों को नौकरी दी जा सकती है.
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अभ्यर्थियों का यह भी कहना है कि भर्ती के इंतजार में चार साल बीत गए हैं. ज्यादातर अभ्यर्थी जीडी भर्ती के लिए ओवरएज हो गए हैं. ऐसे में अब वे किसी नई भर्ती में शामिल नहीं हो सकते. अभ्यर्थियों की सरकार से मांग है कि थोड़ी राहत दी जाए, ताकि उन्हें नौकरी पाने में थोड़ी आसानी हो सके.
2018 से 2022 तक क्या-क्या हुआ
SSC ने 21 मई 2018 को पैरामिलिट्री फोर्सेज में कॉन्स्टेबल पद के लिए भर्ती निकाली थी. इस भर्ती की शुरुआत में पदों की संख्या 54 हजार थी. बाद में इसे बढ़ाकर 60,210 कर दिया गया. आपको बता दें कि पैरामिलिट्री में CRPF, BSF, CISF, NIA और असम राइफल्स आते हैं.
इन पदों के लिए 52,20,335 लोगों ने फॉर्म भरे. फरवरी 2019 में परीक्षा हुए जिसमें 30,41,284 परीक्षार्थी बैठे. 22 लाख अभ्यर्थियों ने परीक्षा छोड़ दी. लिखित में पास होने वाले कुल 5,54,903 अभ्यर्थियों का फिजिकल अगस्त 2019 में हुआ. इसमें से 3,83,860 अभ्यर्थी फिजिकल में शामिल हुए.
ज्यादा अभ्यर्थी पास हुए तो रोक दी गई भर्ती
फिजिकल में कुल 1,75,370 अभ्यर्थी पास हुए. जनवरी 2020 में इन अभ्यर्थियों को मेडिकल के लिए बुलाया गया. इसमें से 109000 अभ्यर्थी पास हुए. अब समस्या यहीं आई, क्योंकि पदों की संख्या 60,210 ही थी. 49 हजार अभ्यर्थी अतिरिक्त होने की वजह से भर्ती रोक दी गई.
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मामले ने तूल पकड़ा तो विपक्ष ने संसद में सवाल उठाए कि अर्धसैनिक बलों में कितने पद खाली हैं. 21 मई 2020 को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि अर्धसैनिक बलों में 1,11,093 पद खाली हैं. उनके जवाब के मुताबिक, BSF में 28,296, CRPF में 26,506, CISF में 23,906, SSB में 18,643, ITBP में 5,784 और असम राइफल्स में 7,328 पद खाली हैं.
नियुक्ति के पदों की संख्या कम किए जाने पर बढ़ा विवाद
21 जुलाई 2020 को SSC ने 55,912 अभ्यर्थियों को नियुक्ति दे दी. नियुक्ति देने के लिए SSC ने कटऑफ में बदलाव किया और तय सीटों की संख्या में से 4,298 सीटें घटा दीं. विवाद यहीं से शुरू हुआ. पहले अलग-अलग राज्यों में छोटे-मोटे आंदोलन हुए. बाद में ये अभ्यर्थी 27 जुलाई 2020 को दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने पहुंच गए.
जुलाई 2020 के बाद से अभी तक SSC GD के इन अभ्यर्थियों का प्रदर्शन जारी है. अब ये अभ्यर्थी पैदल ही नागपुर से दिल्ली की ओर चल पड़े हैं. रास्ते में अभ्यर्थियों के पैर में छाले पड़ रहे हैं, वे बीमार भी पड़ रहे हैं लेकिन अभ्यर्थियों का कहना है कि वे सरकार तक अपनी बात पहुंचाने के लिए वे दिल्ली जाकर ही दम लेंगे.
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SSC GD 2018: नागपुर से दिल्ली के लिए पैदल मार्च क्यों निकाल रहे हैं ये युवा? जानिए पूरा मामला