डीएनए हिंदी: दिल्ली (Delhi) के शाहीनबाग (Shaheen Bagh) इलाके में एक बार फिर आंदोलन जैसे हालात बन रहे हैं. अतिक्रमण के खिलाफ हो रहे एक्शन का कड़ाई से विरोध किया जा रहा है. सैकड़ों लोगों ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) शासित दक्षिण दिल्ली नगर निगम (SDMC) की कार्रवाई के खिलाफ दिनभर प्रदर्शन किया है.
प्रशासन अवैध ढांचों पर बुलडोजर (Bulldozer) चलाने निकला था लेकिन बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती के बीच निगम की टीम को बिना कुछ किए ही वापस जाना पड़ा. स्थानीय लोगों का कहना है कि दिल्ली में कई जगहों पर अवैध निर्माण है, तो सिर्फ शाहीन बाग के आसपास ही हंगामा क्यों?
कैसे हुई विरोध प्रदर्शन की शुरुआत?
शाहीन बाग इलाके में विरोध प्रदर्शन की शुरुआत तब शुरू हुई जब दक्षिण दिल्ली नगर निगम ने क्षेत्र और उसके आसपास के इलाकों में अपना अतिक्रमण विरोधी अभियान शुरू किया. शाहीन बाग में महिलाओं के साथ-साथ सैकड़ों लोगों ने बुलडोजर को को रोक दिया और बुलडोजर को बैकफुट पर भेज दिया. शाहीनबाग वही जगह है जहां दिसंबर 2019 में एंटी CAA प्रोटेस्ट हुआ था.
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क्यों बैकफुट पर आया प्रशासन?
सोमवार को दिल्ली नगर निगम के बुलडोजर शाहीनबाग पहुंचे थे. मकसद था कि अवैध अतिक्रमण को हटा दिया जाए. उनके साथ दिल्ली पुलिस भी थी. जैसे ही बुलडोजर के चलने की शुरुआत हुई सैकड़ों प्रदर्शनकारी मौके पर आ गए. स्थानीय लोग सड़क पर बैठ गए. लोगों का कहना था कि यह मुस्लिम समुदाय के खिलाफ जानबूझकर एक्शन लिया जा रहा है.
क्यों बैरंग लौटे बुलडोजर?
तीन घंटे की मशक्कत के बाद भी नगर निगम के वरिष्ठ अधिकारी पुलिस बल के सहयोग के बावजूद अतिक्रमण नहीं हटा पाए. देश में यह पहला मौका है जब बुलडोजर किसी इलाके से बिना ध्वस्तीकरण के लौटा है. सबसे चिंताजनक पहलू यह है कि अवैध रूप से सरकारी जमीन पर कब्जा कर रहे लोगों ने स्थानीय प्रशासन और पुलिस को अपना काम करने से रोक दिया. नगर निगम के पास खाली हाथ लौटने के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचा. कानूनी तरीके से भी अधिकारी अपना काम नहीं कर सके.
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सियासी मुद्दा बन गया है ध्वस्तीकरण
आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस (Congress) के कई कार्यकर्ताओं ने अतिक्रमण विरोधी अभियान के खिलाफ लोगों का साथ दिया. विरोध प्रदर्शन को तूल भी दिया गया. फिलहाल शाहीन बाग में ध्वस्तीकरण अभियान को रोक दिया गया है. अधिकारी अशांति के बाद बुलडोजर के साथ लौट आए.
नगर निकाय ने कहा कि समीक्षा बैठक के बाद अतिक्रमण विरोधी अभियान एक बार फिर चलाया जाएगा. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने जहांगीरपुरी और सरोजिनी नगर में ध्वस्तीकरण पर रोक लगाई थी. कोर्ट ने कहा था कि अदालत अतिक्रमण हटाने से जुड़े हर मामले पर विचार नहीं कर सकता है.
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Shaheen Bagh में बैकफुट पर आया प्रशासन, क्यों बैरंग लौटे बुलडोजर?