डीएनए हिंदी: यूक्रेन (Ukraine) और रूस (Russia) के बीच भीषण जंग जारी है. दुनिया रूस से अपील कर रही है कि यूक्रेन में जारी बमबारी रोके और रूसी सेनाएं तत्काल अपना युद्ध अभियान रोक दें. दोनों देशों के बीच इस्तांबुल (Istanbul) में मंगलवार को भी एक नए दौर की शांति वार्ता हुई. यूक्रेन ने अपनी संप्रभुता या क्षेत्रीय अखंडता से समझौता किए बिना युद्धविराम की मांग की है.
रूसी सेना ने ऐलान किया है कि यूक्रेन की राजधानी कीव और चेर्निहाइव के पास सैन्य गतिविधियों को कम करेगा. दोनों देशों ने उम्मीद जताई है जल्द ही स्थितियां सामान्य होंगी. रूस के हमले के बाद यूक्रेन से 30 लाख से ज्यादा लोग पलायन कर चुके हैं. कई निर्दोष नागरिक मारे गए हैं.
यूक्रेन युद्ध हथियार बनाने वाले देशों के लिए एक अवसर बनकर आया है. हथियार और गोला-बारूद बनाने वाली कंपनियों के लिए मुनाफे का सौदा साबित हुआ है. कई देशों को इस युद्ध से बड़ा मुनाफा हो गया है. युद्ध एक उद्योग बन गया है. दुनिया भर में हथियार बनाने वाली कंपनियां अपना खजाना भर रही हैं, जबकि हर रोज निर्दोष लोगों की जान जा रही है.
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लॉकहीड मार्टिन के शेयरों में हुआ इजाफा!
जैसे ही यूक्रेन पर रूसी आक्रमण शुरू हुआ, पश्चिमी देशों से संबंधित कई हथियार कंपनियों के शेयरों में कई गुना वृद्धि हुई है. यूक्रेन सहित दुनिया के कई देशों को हथियारों की आपूर्ति करने वाली यूएस-आधारित कंपनी लॉकहीड मार्टिन (Lockheed Martin) के शेयरों में युद्ध की वजह से एक महीने में 27 प्रतिशत का इजाफा हुआ है.
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यह 355 अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 453 अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया है. जब भी कोई इमारत गिरती है तो इन हथियार बनाने वाली कंपनियों का स्टॉक बढ़ जाता है. यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध जितना लंबा चलेगा, हथियार बनाने वाली इन कंपनियों को उतना ही फायदा होगा.
रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचे Rheinmetall के शेयर
जर्मनी स्थित हथियार बनाने वाली एक कंपनी रेइनमेटल (Rheinmetall) के शेयरों में पिछले दो महीनों में 143 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. रूस और यूक्रेन दोनों इस कंपनी से हथियार नहीं खरीदते हैं. युद्ध की वजह से इस कंपनी के शेयर लगातार ऐतिहासिक स्तर पर पहुंच रहे हैं.
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यूक्रेन में युद्ध की वजह से कई देश चिंतित हो गए हैं. अब कोई भी देश राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता नहीं करना चाहता है. कई देशों को मजबूरन अपना रक्षा बजट बढ़ाना पड़ा है. यह कदम रोमानिया, स्वीडन, डेनमार्क, चीन और पोलैंड जैसे देशों ने उठाया है. ब्रिटेन, फ्रांस और कनाडा जैसे देश भी अपने रक्षा बजट को बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं.
38 लाख करोड़ रुपये का है हथियार उद्योग!
पूरी दुनिया में यह हथियार उद्योग करीब 38 लाख करोड़ रुपये का है. हैरत की बात यह है कि सभी देश अपना रक्षा बजट बढ़ाने की तैयारी कर रहे हैं. हथियारों पर ज्यादा पैसे खर्च करने की तैयारी हो रही है. दो देशों के बीच छिड़े युद्ध की जद में पूरी दुनिया आ गई है. लोग मारे जा रहे हैं और हथियार बनाने वाली कंपनियां मालामाल हो रही हैं.
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