डीएनए हिंदी: राजस्थान (Rajasthan) में विधानसभा चुनाव से पहले माहौल बेहद दिचचस्प हो गया है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस (Congress) के बीच सीधी लड़ाई में एक तीसरे फैक्टर की एंट्री हो सकती है. अगर न भी हो तो यह कांग्रेस के दो धड़े, पुरानी पार्टी को कमजोर करने वाले हैं. राजस्थान में सचिन पायलट का कद बेहद अहम है. 

सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच जारी सियासी अनबन खत्म नहीं हुई है. ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि अब दोनों के बीच समझौते के आसार नहीं हैं. सचिन पायलट, खुद अपनी पार्टी बना सकते हैं. वह कांग्रेस छोड़ सकते हैं. दिसंबर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं लेकिन कांग्रेस का बना बनाया गेम सचिन पायलट बिगाड़ सकते हैं. आइए जानते हैं कि सचिन पायलट की असली चुनावी ताकत कितनी है?

40 विधानसभा सीटों पर है सचिन पायलट का दबदबा

सचिन पायलट का प्रभाव सवाई माधोपुर, जयपुर, अजमेर, भीलवाड़ा सहित विभिन्न जिलों के 40 निर्वाचन क्षेत्रों पर है. इन विधानसभा क्षेत्रों में गुर्जर मतदाताओं की एक बड़ी संख्या है, जो चुनाव परिणामों को प्रभावित करते हैं. अगर पायलट एक नई पार्टी बनाते हैं, तो कांग्रेस और भाजपा दोनों को काफी नुकसान होगा.

इसे भी पढ़ें- यौन उत्पीड़न पर चुप्पी, पीएम मोदी की तारीफ में कसीदे, क्या 2024 की तैयारी में जुट गए बृजभूषण शरण सिंह?

सचिन पायलट के साथ हैं कई दिग्गज नेता 

सचिन पायलट को अलग-अलग समुदायों के करीब 20 विधायक समर्थन देते हैं. ये समर्थक गुर्जर समुदाय के वर्चस्व वाली 40 सीटों को प्रभावित करते हैं. 15 विधानसभा सीटों पर नतीजों को प्रभावित करने का दमखम भी सचिन पालयट रखते हैं.

सचिन पायलट के पास 8 गुर्जर विधायक हैं, वहीं 22 अन्य विधायक हैं. गुर्जर समुदाय, सचिन पायलट को अपना नेता मानता है. सचिन पायलट के धुर समर्थकों में से दीपेंद्र सिंह शेखावत, हेमाराम चौधरी, इंद्राज गुर्जर और कई अन्य नेता शामिल हैं. 

बीजेपी से नाराज, पायलट के साथ है गुर्जर समाज

मीणा समुदाय के विरोध की वजह से परंपरागत रूप से गुर्जर समुदाय ने बीजेपी का समर्थन किया है. हालांकि, 2018 के विधानसभा चुनावों के दौरान, सचिन पायलट की वजह से यह समुदाय बीजेपी के साथ हो गया. उम्मीद थी कि सचिन पायलट मुख्यमंत्री बनेंगे लेकिन उन्हें उपमुख्यमंत्री बनना पड़ा. इस फैसले से गुर्जर समुदाय और आक्रोशित हो गया. 

लोकसभा चुनावों पर असर डालेंगे सचिन पायलट

सचिन पायलट लोकसभा चुनावों में भी मजबूत फैक्टर हैं. राजस्थान कांग्रेस, राज्य में शानदार प्रदर्शन कर सकती है. विधानसभा चुनाव के नतीजों का असर लोकसभा चुनाव पर भी पड़ सकता है. सचिन पायलट राज्य में एक प्रमुख नेता के तौर पर उभरे हैं. गुर्जर वोट बैंक से उनका जुड़ाव कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण है. राज्य के 25 संसदीय क्षेत्रों में से 11 सीटों पर गुर्जरों का बोलबाला है. गुर्जर समुदाय राजस्थान की आबादी का एक बड़ा हिस्सा है. ऐसे में उनकी नाराजगी कोई मोल नहीं ले सकता है.

इसे भी पढ़ें- WTC Final Day 5 Live: लगातार दूसरी बार टीम इंडिया ने गंवाई वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप की ट्रॉफी, 209 रन से जीता ऑस्ट्रेलिया

राजस्थान में सचिन पायलट को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. वह सिर्फ गुर्जरों के नेता नहीं हैं, हर विधानसभा सीट पर वह एक मजबूत फैक्टर हैं. अगर वह नई पार्टी बनाते हैं तो कांग्रेस और बीजेपी दोनों पार्टियों की चुनौती और बढ़ जाएगी.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Url Title
Rajasthan Politics How Powerful Is Sachin Pilot Gurjar Vote BJP Congress Assembly Lok Sabha Election
Short Title
राजस्थान में क्या है सचिन पायलट की सियासी ताकत
Article Type
Language
Hindi
Updated by
Published by
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
राजस्थान कांग्रेस के दिग्गज नेता सचिन पायलट. (फाइल फोटो)
Caption

राजस्थान कांग्रेस के दिग्गज नेता सचिन पायलट. (फाइल फोटो)

Date updated
Date published
Home Title

राजस्थान में क्या है सचिन पायलट की सियासी ताकत, अगर नई पार्टी बनी BJP या कांग्रेस, किसे होगा नुकसान?