डीएनए एक्सप्लेनर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को देश के नाम कोविड वैक्सिनेशन को लेकर बड़ा ऐलान किया. PM Modi ने कहा कि अब बच्चों को भी कोरोना की वैक्सीन लग सकती है. साथ ही, पीएम ने कहा कि बुजुर्ग जो किसी भी तरह की गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं उन्हें भी तीसरी डोज दी जाएगी. बच्चों को वैक्सीन, बुजुर्गों को तीसरी डोज और Omicron से जुड़े सभी सवालों की डिटेल समझें यहां.
बच्चों को लगेगी वैक्सीन
पीएम मोदी ने ऐलान किया कि 15 से 18 साल के बच्चों को भी वैक्सीन की डोज दी जाएगी. 3 जनवरी से बच्चों को वैक्सीन देने की शुरुआत होगी.
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बुजुर्गों के लिए तीसरी डोज
पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना के कहर को देखते हुए बुजुर्गों के लिए तीसरी डोज की व्यवस्था की गई है. पीएम ने कहा, '60 साल से ऊपर की आयु के कॉ-मॉरबिडिटी वाले नागरिकों को, उनके डॉक्टर की सलाह पर वैक्सीन की प्रिकॉशन डोज का विकल्प उनके लिए उपलब्ध होगा.'
फ्रंटलाइन वर्क्स के लिए प्रिकॉशन डोज
कोरोना वॉरियर्स, हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स को भी प्रिकॉशन डोज उपलब्ध कराई जाएगी. पीएम मोदी ने कहा, 'इस लड़ाई में देश को सुरक्षित रखने में उनका बहुत बड़ा योगदान है. इसलिए, एहतियात बरतने के लिहाज से सरकार ने निर्णय लिया है कि हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन की प्रिकॉशन डोज भी शुरू की जाएगी.'
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पीएम ने क्यों कहा प्रिकॉशन डोज
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में प्रिकॉशन डोज शब्द का इस्तेमाल किया है. ऐसे में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि बूस्टर डोज और प्रिकॉशन डोज में क्या अंतर है? प्रसिद्ध डॉक्टर नरेश त्रेहन ने एक टीवी इंटरव्यू में कहा कि तीसरी डोज या प्रिकॉशन डोज का मतलब है एंटीबॉडी को मजबूत बनाना. इसलिए, प्रिकॉशन डोज कहने में कुछ गलत नहीं है.
कब से लगेगी बच्चों को वैक्सीन और प्रिकॉशन डोज
प्रिकॉशन डोज लगाने की शुरुआत 15 से 18 वर्ष के बच्चों के टीकाकरण अभियान शुरू होने के अगले सप्ताह से होगी. मोदी ने कहा कि 10 जनवरी, सोमवार से प्रिकॉशन डोज दी जाएगी. उसी दिन से कॉरोना वॉरियर्स हैं, हेल्थकेयर, फ्रंटलाइन वर्कर्स के साथ-साथ 60 वर्ष से ऊपर के बुजुर्गों और लाइलाज बीमारियों से ग्रस्त मरीजों को प्रिकॉशन डोज देना शुरू हो जाएगा.
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कम्युनिटी इम्युनिटी से थमेगा Omicron का कहर?
कमजोर इम्युनिटी वाले बुजुर्ग, फ्रंटलाइन वर्कर्स और बच्चों के लिए वैक्सीन कोविड महामारी रोकने की दिशा में बड़ा कदम साबित हो सकती है. Omicron के खतरे को कम करने से इसमें मदद मिल सकती है. हालांकि, सार्वजनिक दूरी और मास्क जैसे सुरक्षा उपाय अपनाना अभी भी बहुत जरूरी है.
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