डीएनए हिंदी: क्रिकेट (Cricket) की तरह ही रोमांचक मुकाबला पाकिस्तान (Pakistan) की सियासत में भी चल रहा है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) की सरकार गिरती नजर आ रही है. विपक्षी दलों के चक्रव्यूह में इमरान खान ऐसे फंसे हैं कि कार्यकाल खत्म होने से पहले ही उनकी विदाई तय मानी जा रही है.
कभी बेहतरीन क्रिकेटरों में शुमार रहे इमरान खान अब मैच खत्म होने से पहले ही रिटायर्ड हर्ट होकर लौटते नजर आ रहे हैं. उनकी पार्टी के सहयोगी दल भी अब उनसे मुंह फेर रहे हैं और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (PTI) की सरकार गिरने वाली है. इमरान खान सियासत की पिच पर न दुरुस्त बैटिंग कर पा रहे हैं न ही बॉलिंग. पाकिस्तान क्रिकेट टीम की कप्तानी संभाल चुके इमरान खान की सियासी कैप्टेंसी भी दांव पर लगी है.
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टार्गेट से दूर हो रहे हैं इमरान खान
इमरान खान अपनी सरकार बचाने की जी-तोड़ कोशिशें कर रहे हैं. वह विपक्ष को क्लीन बोल्ड करना चाह रहे हैं लेकिन विपक्ष है कि एक के बाद कई विकेट चटकाता दिख रहा है. विपक्ष ने इमरान खान के दोस्तों को भी अपने साथ कर लिया है. पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के नेतृत्व वाले गठबंधन से मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (MQM-P) ने भी बुधवार को इमरान खान का साथ छोड़ दिया.
मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट ने विपक्ष को अपना समर्थन दे दिया है. अविश्वास प्रस्ताव से पहले ही इमरान खान बहुमत खो चुके हैं. पाकिस्तान में अविश्वास प्रस्ताव पर फैसला 3 अप्रैल होने वाला है, उससे पहले ही इमरान खान संसद में संख्या बल खो चुके हैं. सहयोगियों के जाने की वजह से पाकिस्तानी सरकार के पास संसद में 164 सदस्य रह गए हैं.
बिगड़ गया है इमरान खान का नंबर गेम
पाकिस्तानी नेशनल असेंबली में कुल 342 सदस्य हैं. बहुमत साबित करने के लिए 172 सांसदों के समर्थन की जरूरत पड़ेगी. पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के पास अब तक 179 सदस्यों का समर्थन था, अब उनके साथ सिर्फ 164 सांसद रह गए हैं. बहुमत के आंकड़े के लिए 8 सदस्यों की जरूरत पड़ेगी. पाकिस्तान के प्रमुख विपक्षी दलों के गठबंधन में 177 सदस्य हैं. ऐसे में बहुमत का आंकड़ा अब विपक्ष के पास है. इमरान खान मैच में अंतिम क्षणों में रिटायर्ड हर्ट हो सकते हैं.
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अगर बहुमत से दूर हुए इमरान तो किसे मिलेगी जिम्मेदारी?
पाकिस्तान में अगस्त 2023 को मौजूदा सरकार का कार्यकाल खत्म हो रहा है. अगर इमरान खान बहुमत साबित नहीं कर पाते हैं तो बचे हुए कार्यकाल के लिए संसद में वोटिंग कराई जाएगी. ऐसा भी हो सकता है कि नया चुना गया प्रधानमंत्री आम चुनावों का ऐलान समयपूर्व ही कर दे. पाकिस्तानी संविधान इस बात की इजाजत देता है कि अगर लोकसभा को भंग किया जा सकता है अगर कोई भी दल बहुमत साबित करने में फेल होता है.
कब होगी पाकिस्तानी संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग
पाकिस्तान में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग 3 अप्रैल को होने वाली है. इमरान खान को 3 अप्रैल को बहुमत साबित करना होगा. अविश्वास प्रस्ताव से पहले ही इमरान खान बहुमत का आंकड़ा खो चुके हैं. उनके लिए सरकार को बचा पाना बेहद मुश्किल होगा.
कैसे अपनी सरकार बचाएंगे इमरान खान?
इमरान खान, सरकार बनाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने अपने सांसदों से कहा है कि अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग के दिन सभी सांसद वोटिंग न करें या सदन में हिस्सा न लें. इमरान खान को बहुमत साबित करने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी अगर यह साबित हो जाए कि वोटिंग वाले विपक्ष के पास 172 सांसदों का समर्थन हासिल नहीं है. अगर विपक्ष, बहुमत के आंकड़े जुटा ले जाता है तो इमरान खान का विकेट उखड़ना तय है.
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