Manmohan Singh Death: देश के दो बार प्रधानमंत्री रहे वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मनमोहन सिंह का गुरुवार देर रात निधन हो गया. उन्होंने 92 साल की उम्र में दिल्ली एम्स में आखिरी सांस ली. पूर्व प्रधानमंत्री के निधन के बाद केंद्र सरकार ने इस दुख में 7 दिन का राजकीय शोक मनाने की घोषणा की है. इसके बाद माना जा रहा था कि शुक्रवार शाम को पूर्व प्रधानमंत्री का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा, लेकिन उनके अंतिम संस्कार के लिए शुक्रवार के बजाय शनिवार (28 दिसंबर) का दिन तय किया गया है. अंतिम संस्कार एक दिन देरी से किए जाने की घोषणा के बाद लोगों के मन में कई सवाल उठ रहे हैं. लोग पूछ रहे हैं कि यह फैसला क्यों किया गया है? चलिए हम आपको इसका जवाब देते हैं और बताते हैं कि इस फैसले का अमेरिका के साथ क्या कनेक्शन है.
क्या तय किया गया अंतिम संस्कार के लिए
देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अंतिम दर्शन के लिए उनका पार्थिव शरीर शुक्रवार को दिल्ली की मोतीलाल नेहरू रोड स्थित आवास नंबर-3 पर रखा गया. कांग्रेस महसाचिव केसी वेणुगोपाल ने बताया कि शनिवार (28 दिसंबर) को अंतिम संस्कार से पहले सुबह 8 बजे मनमोहन सिंह का पार्थिव शरीर AICC हेडक्वार्टर लाया जाएगा, जहां से सुबह 9.30 बजे उनके अंतिम यात्रा शुरू की जाएगी.
अभी तक तय नहीं है अंतिम संस्कार स्थल
परंपरा के तौर पर देश के पूर्व प्रधानमंत्रियों के अंतिम संस्कार दिल्ली में खास जगह चिह्नित करने के बाद वहां किए जाते रहे हैं. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बाद जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी समेत कई पूर्व प्रधानमंत्रियों का अंतिम संस्कार यमुना नदी के किनारे राजघाट पर किया गया है. राजघाट के बराबर में ही कई अन्य पूर्व प्रधानमंत्रियों की भी समाधि है. कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, पार्टी ने केंद्र सरकार से डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार भी इसी परंपरा के तहत करने का आग्रह किया है. साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अटल समाधि की ही तरह दिल्ली में मनमोहन सिंह के नाम पर भी एक मेमोरियल बनाने की अपील की गई है. हालांकि अंतिम संस्कार के स्थान की फाइनल घोषणा करने से पहले डॉ. मनमोहन सिंह के परिवार की सहमति ली जा रही है. यह स्थान शुक्रवार देर रात तक घोषित कर दिए जाने की संभावना है.
शुक्रवार को क्यों नहीं हुआ अंतिम संस्कार
डॉ. मनमोहन सिंह का निधन गुरुवार रात में हो जाने के बावजूद उनका अंतिम संस्कार शुक्रवार को नहीं हो पाने का एक खास कारण है. दरअसल इसका कनेक्शन अमेरिका से जुड़ा हुआ है, जहां डॉ. सिंह की बेटी रहती है. कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, डॉ. सिंह की बेटी अमेरिका से फ्लाइट के जरिये शुक्रवार देर रात तक दिल्ली पहुंचेगी. इसके चलते ही अंतिम संस्कार विधि शनिवार को पूरा करने का निर्णय लिया गया है.
पूर्व पीएम के अंतिम संस्कार में लागू होता है ये प्रोटोकॉल
किसी भी पूर्व प्रधानमंत्री का निधन होने पर भारत में सरकार को एक खास प्रोटोकॉल का पालन करना पड़ता है. दिवंगत प्रधानमंत्री सत्ताधारी पार्टी से जुड़े थे या विपक्षी दल से, इसका अंतिम संस्कार प्रोटोकॉल पर कोई असर नहीं होता है. यह प्रोटोकॉल निम्न है-
- दिवंगत पूर्व या मौजूदा प्रधानमंत्री के शव को अंतिम यात्रा शुरू होने से पहले राष्ट्रीय ध्वज यानी तिरंगे में लपेटा जाता है.
- अंतिम संस्कार शुरू होने से पहले उनके सम्मान में 21 तोपों की सलामी दी जाती है.
- सरकार को निधन के दुख में 7 दिन का राजकीय शोक घोषित करना पड़ता है.
- राजकीय शोक के दौरान पूरे देश में राष्ट्रीय झंडे आधा झुकाकर रखे जाते हैं.
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आज क्यों नहीं हुआ पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार, अब क्या होगा आखिरी प्रोटोकॉल?