डीएनए हिंदी: Manipur News- मणिपुर में हालात लगातार खराब होते जा रहे हैं. राज्य के कई मंत्रियों और विधायकों के घरों पर हमले के बाद अब केंद्रीय मंत्री आरके रंजन सिंह (Union Minister RK Ranjan Singh) के घर पर भी हमला हो गया है. 1,000 से ज्यादा लोगों की भीड़ ने मणिपुर की राजधानी इंफाल  के कोंगबा इलाके में आरके रंजन सिंह के घर पर गुरुवार रात को हमला कर दिया. हमले के दौरान भीड़ ने घर में आग लगा दी. अधिकारियों के मुताबिक, हमले के समय आरके रंजन सिंह घर पर नहीं थे.

कर्फ्यू के बावजूद किया गया हमला

मंत्री के घर पर हमले के दौरान इंफाल में कर्फ्यू लगा हुआ था. राज्य में उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश जारी हैं. इसके बावजूद भीड़ मंत्री के घर तक पहुंच गई. उस दौरान मंत्री के 9 निजी सुरक्षाकर्मी, 5 सिक्योरिटी गार्ड्स और 8 अतिरिक्त गार्ड मंत्री के घर पर सुरक्षा के लिए तैनात थे. एक सुरक्षाकर्मी के मुताबिक, भीड़ ने चारों दिशाओं से घर पर हमला किया और एक के बाद एक करते हुए कई पेट्रोल बम फेंके. इससे घर में हर तरफ आग लग गई. एस्कॉर्ट कमांडर एल. दिनेश्वर सिंह के मुताबिक, हम इस घटना को नहीं रोक सके, क्योंकि भीड़ बहुत अधिक थी और हम स्थिति को नियंत्रित नहीं कर सके. उन्होंने बराबर की सड़क, घर के पीछे और फ्रंट एंट्रेस की तरफ से पेट्रोल बम फेंके, जिसके चलते हम भीड़ को कंट्रोल नहीं कर पाए. उन्होंने भीड़ में करीब 1,200 लोगों के शामिल होने का दावा किया है. 

डेढ़ महीने में दूसरी बार हुआ मंत्री के घर पर हमला

मणिपुर में 3 मई को मैतेई और कुकी समुदाय के बीच जातीय हिंसा शुरू हुई थी. इसके बाद यह दूसरा मौका है, जब मंत्री के घर पर हमला किया गया. इससे पहले मई में भी आरके रंजन सिंह के घर पर भीड़ ने हमला कर दिया था. तब सुरक्षाकर्मियों ने हवाई फायरिंग करते हुए भीड़ को तितर-बितर कर दिया था. 

मणिपुर हिंसा में जनप्रतिनिधियों पर हमला

  • 5 मई को भाजपा के कुकी विधायक वुंगजेन वाल्टे पर हमला कर उनका सिर बुरी तरह फोड़ दिया गया.
  • 23 मई को पीडब्ल्यूडी मंत्री कोंथोउजाम गोविंदास के घर में घुसकर बुरी तरह तोड़फोड़ की गई.
  • 28 मई को कांग्रेस विधायक रंजीत सिंह के सेरो गांव स्थित घर में घुसकर तोड़फोड़ कर आग लगाई गई.
  • 9 जून को भाजपा विधायक सोराईसाम केबी देवी के घर पर देशी IED बम से हमला किया गया.

शांति प्रयासों की अगुआई करने के कारण तो निशाना नहीं बने रंजन

केंद्रीय विदेश व शिक्षा राज्य मंत्री आरके रंजन सिंह मणिपुर में हिंसा को रोकने और शांति स्थापित कराने के प्रयासों की अगुआई कर रहे हैं. पिछले महीने उन्होंने राज्य के मैतेई व कुकी समुदायों के विद्वानों के समूह की एक मीटिंग भी बुलाई थी. इस मीटिंग का मकसद दोनों समुदायों के बीच शांति बनाने के उपाय तलाशना था. आरके रंजन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी एक पत्र लिखा था, जिसमें उन स्थानीय नेताओं की 'पहचान करने और आलोचना करने' के लिए कहा गया था, जो मणिपुर में अशांति के जिम्मेदार हैं. माना जा रहा है कि इन सब प्रयासों के चलते ही आरके रंजन सिंह स्थानीय नेताओं के निशाने पर आ गए थे. इसी कारण उनके घर पर हमला करने के बाद आग लगाई गई है.

केंद्र से राज्य तक तमाम प्रयास भी नहीं बना पा रहे शांति

मणिपुर में 3 मई को कुकी समुदाय के एकजुटता मार्च निकालने के दौरान हिंसा शुरू हुई थी. राज्य में सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) में शामिल करने के विरोध में यह हिंसा शुरू हुई थी. इस हिंसा में अब तक 100 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं, जबकि कम से कम 15,000 लोगों को अपने घर छोड़कर दूसरी जगह पलायन करना पड़ा है. केंद्र से लेकर राज्य सरकार तक दंगाइयों पर अंकुश लगाने के तमाम उपाय कर चुके हैं, लेकिन हिंसा लगातार भड़क रही है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह खुद राज्य में चार दिन तक दौरे पर रहे हैं और इस दौरान दोनों समुदायों के लोगों से मिलकर हिंसा बंद कराने की कोशिश की. यह प्रयास भी बेकार रहा है.

हिंसा रोकने के लिए अब तक उठाए गए हैं ये 5 कदम

1- राज्य में सेना तैनात की गई: मणिपुर में हिंसा की शुरुआत के बाद ही स्थानीय पुलिस की मदद के लिए असम राइफल्स, सीआरपीएफ के साथ ही भारतीय सेना की भी अतिरिक्त बटालियन तैनात की गईं. सेना ने बड़े पैमाने पर हिंसा को बढ़ावा दे रहे उग्रवादी संगठनों से जुड़े लोगों को गिरफ्तार कराने और हथियारों की बरामदगी करने में मदद की है.

2- दंगाइयों को देखते ही गोली मारने का आदेश: राज्य में हिंसा को रोकने के लिए दंगाइयों को देखते ही गोली मारने का आदेश भी जारी किया गया. इसके अलावा राज्य में सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में लगातार कर्फ्यू भी लगाया गया है.

3- राज्य पुलिस का DGP बदला: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक समुदाय के खिलाफ कार्रवाई के आरोपों के बाद मणिपुर पुलिस के DGP को ही बदल दिया. दंगाइयों पर निष्पक्ष कार्रवाई के लिए त्रिपुरा कैडर के अफसर को नया DGP बनाया गया है.

4- CRPF के पूर्व महानिदेशक को किया तैनात: राज्य सरकार को हिंसा से निपटने में सही सलाह देने के लिए सीआरपीएफ के पूर्व DG कुलदीप सिंह को भी केंद्र सरकार ने मणिपुर भेजा है. लंबे समय तक मणिपुर में तैनात रहे कुलदीप सिंह को राज्य सरकार का सुरक्षा सलाहकार बनाया गया है.

5- दंगों में कार्रवाई के लिए CBI को दी जांच: अमित शाह ने राज्य में अपने दौरे के दौरान दोनों समुदायों से किए वादे के तहत हिंसा से जुड़े 6 मामलों की जांच शुरू कराई है. यह जांच CBI को सौंपी गई है.

क्या हैं हिंसा नहीं थमने के कारण

राज्य में हिंसा नहीं थमने का कारण मैतेई और कुकी समुदायों के बीच आपसी विश्वास नहीं बन पाने को माना जा रहा है. दरअसल दोनों समुदायों के बीच हिंसा का इतिहास कई दशक पुराना है. मैतेई समुदाय राज्य में सबसे ज्यादा आबादी वाला है, लेकिन उसे पहाड़ी जनजातीय इलाकों में बसने की अनुमति नहीं है. इसके उलट पहाड़ों में रह रही कुकी और नागा जनजातियों को पूरे राज्य में बसने की छूट है. इसी भेद को मिटाने के लिए मैतेई समुदाय अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांग कर रहा है. इस कारण ही हिंसा बढ़ती जा रही है. हिंसा नहीं थमने के निम्न कारण हैं-

  • हिंसा रोकने के दौरान कुकी समुदाय की अफीम की अवैध खेती बंद करा दी गई है.
  • मणिपुर में शांत हो चुके उग्रवादी संगठन हिंसा का सहारा लेकर फिर सक्रिय हो गए हैं.
  • मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने हिंसा के लिए म्यांमार से आए घुसपैठियों को जिम्मेदार बताया है.

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Manipur Violence Thousand peoples arracked at Union Minister rk ranjan House and Set On Fire read details
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मणिपुर में अब केंद्रीय मंत्री का घर जलाया, डेढ़ महीने से अशांत राज्य में क्यों न
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Manipur Violence के दौरान केंद्रीय मंत्री आरके रंजन सिंह के घर को जला दिया गया है.
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Manipur Violence के दौरान केंद्रीय मंत्री आरके रंजन सिंह के घर को जला दिया गया है.

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मणिपुर में अब केंद्रीय मंत्री का घर जलाया, DGP बदला, CBI को जांच सौंपी, फिर भी राज्य में नहीं बन पा रही शांति