डीएनए हिंदी: नींबू आम आदमी की बजट से हर दिन दूर होता जा रहा है. ऐसे बेहद कम मौके आए हैं जब नींबू की कीमतें 300 पार हो गई हों. दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) के थोक बाजार में नींबू की कीमतें 350 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई हैं. नींबू पर महंगाई (Lemon Inflation) की ऐसी मार कभी नहीं पड़ी है.
नींबू ने आम आदमी के किचन का स्वाद और खट्टा कर दिया है. लोग नींबू नहीं खरीद पा रहे हैं. नींबू की बढ़ी हुई कीमतों से सिर्फ ग्राहक ही नहीं बल्कि दुकानदार भी प्रभावित हैं. मयूर विहार फेज वन के चिल्ला गांव में सब्जी की दुकान चलाने वाली वसुंधरा कहती हैं कि उन्होंने नींबू बेचना बंद कर दिया है.
'हम बेचें भी तो खरीदेगा कौन?'
वजह पूछने पर वसुंधरा कहती हैं कि 300 रुपये प्रति किलोग्राम नींबू हम खरीद भी लें तो हमसे कौन नींबू खरीदेगा. यही हाल ठेले पर लादकर सब्जियां बेचने वाले दिनेश का भी है. वह कहते हैं कि हम जितने में नींबू खरीदेंगे उतने में कई किलो दूसरी सब्जियां मिल जाएंगी. लोग ठेले पर नींबू खरीद ही नहीं रहे हैं. एक पाव भी नहीं बिक रहा है. कुछ और दूसरे दुकानदारों का भी यही मानना है. आखिर क्यों नींबू की कीमतें कम नहीं हो रही हैं. छोटे रेस्टोरोंट्स में फ्री में मिलने वाला नींबू पानी भी अब पंद हो गया है. क्यों बढ़ रही हैं कीमतें, आइए समझते हैं.
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दिल्ली में नींबू की कीमतें 350 पार
बीते कई दिनों से नींबू की कीमतें आसमान छू रही हैं. गर्मी के मौसम में जहां नींबू की मांग बढ़ जाती है वहीं महंगाई की वजह से लोग इसे खरीदने से कतरा रहे हैं. दिल्ली में नींबू 300 से लेकर 350 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है. नींबू का एक टुकड़ा भी 10 रुपये से ज्यादा महंगा मिल रहा है. गुजरात के थोक बाजार में इसकी कीमतें 300 रुपये प्रति किलो हो गई हैं. हैदराबाद में भी कीमतें इसी तरह से बढ़ रही हैं. पहले नींबू की जो बोरी 700 रुपये प्रति बोरी मिल जारी जाती थी लेकिन उसकी कीमतें अब 3,500 रुपये हो गई है.
क्यों बेहिसाब महंगा हो रहा है नींबू?
नींबू की देशभर में किल्लत हो गई है. सबसे बड़ी वजह यह है कि देश के जिन हिस्सों में नींबू का उत्पादन व्यापक स्तर पर होता है वहां भीषण गर्मी पड़ रही है. गर्मी की मार की वजह से नींबू उत्पादन प्रभावित हुआ है. नींबू के फल शुरुआती दिनों में ही तबाह हो जा रहे हैं जिसकी वजह से उत्पादन पर बड़ा असर पड़ रहा है. तेज हवाओं और गर्मी की वजह से नींबू के फूल गिर जा रहे हैं जिसकी वजह से उत्पादन प्रभावित हो रहा है. यह भी एक बड़ा कारण है.
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गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे इलाकों में नींबू की खेती बड़े स्तर पर होती है. इन इलाकों में भीषण गर्मी पड़ रही है. गर्मी की वजह से उत्पादन प्रभावित हुआ है. पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों की वजह से ट्रांसपोर्ट चार्ज बढ़ गया है. एक तो नींबू की किल्लत और दूसरी ओर बढ़ा हुआ ट्रांसपोर्टेशन चार्ज, दोनों ही महंगाई के लिए जिम्मेदार हैं.
मंहगा हो गया है ट्रांसपोर्टेशन चार्ज
देश में 22 मार्च के बाद से ही पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतें आसमान छूने लगी हैं. इसी वजह से हर उत्पाद पर इसका असर पड़ रहा है. शिमला मिर्च, मिर्च, नींबू, टमाटर और दूसरी सब्जियों के दाम भी बढ़े हैं. स्थानीय सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि उन्हें खुदरा बाजार में बढ़ी हुई कीमतों पर खाद्य उत्पाद मिल रहे हैं जिसकी वजह से ज्यादा कीमतों पर लोग सब्जियां बेचने के लिए मजबूर हैं.
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शादियों के सीजन की शुरुआत भी हो चुकी है. ऐसे में फंक्शन के लिए नींबू की डिमांड और बढ़ गई है. उत्पादन कम है और डिमांड ज्यादा इस वजह से भी नींबू के दामों में बढ़ोतरी देखी जा रही है. गर्मी के दिनों में वैसे भी गन्ने के रस से लेकर नींबू पानी तक, हर जगह नींबू की जरूरत पड़ती है. ऐसे में इन दिनों पहले भी नींबू के दाम बढ़े हैं.
गुजरात में तेज हवाओं की वजह से फसलों को भी नुकसान पहुंचा है. दूसरे राज्यों में ट्रांसपोर्टेशन चार्ज की वजह से भी नींबू महंगा हुआ है. फिलहाल नींबू की कीमतों में कमी आती नहीं नजर नहीं आ रही है. आने वाले दिनों में नींबू और भी महंगा हो सकता है.
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Lemon Inflation: आखिर क्यों महंगा हो गया है नींबू, क्यों कम नहीं हो रही हैं कीमतें?