डीएनए हिंदी: सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा चीफ जस्टिस एनवी रमना इसी महीने रिटायर होने जा रहे हैं. ऐसे में उनका स्थान लेने वाले यानी फ्यूचर चीफ जस्टिस का नाम घोषित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. इसके लिए केंद्रीय लॉ मिनिस्ट्री ने बुधवार को चीफ जस्टिस रमना से उनके उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश मांगी थी. गुरुवार को चीफ जस्टिस ने जस्टिस यूयू ललित (Justice UU Lalit) के नाम की सिफारिश सरकार को भेज दी है. 

जस्टिस ललित का नाम सामने आते ही एक बार फिर बाबरी मस्जिद ध्वस्तीकरण याद आने लगा है. आखिर क्या कारण है इस चर्चा का और क्यों जस्टिस ललित का नाम लेकर उत्तर प्रदेश के दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह (Kalyan Singh) याद किए जा रहे हैं, इसका जवाब जानने की कोशिश करते हैं.

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Justice UU Lalit

1992 में हुआ था बाबरी मस्जिद विध्वंस, कल्याण सिंह थे मुख्यमंत्री

अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर (Ram Mandir) तोड़कर बनाई गई बाबरी मस्जिद (Babri Masjid) को साल 1992 में हिंदू कारसेवकों की आक्रोशित भीड़ ने ध्वस्त कर दिया था. उस समय उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ही थे. इससे जुड़े एक आपराधिक मुकदमे में कल्याण सिंह को भी आरोपी बनाया गया था. उस समय जस्टिस उदय उमेश ललित (Justice Uday Umesh Lalit) यानी यूयू ललित वकील के तौर पर पैरवी करते थे. साल 1997 में जस्टिस ललित कल्याण सिंह के वकील के तौर पर अदालत में पेश हुए थे.

2019 में उठाया गया उनके वकालत करने का मुद्दा

बाबरी मस्जिद की जगह राम मंदिर बनाए जाने के लेकर चल रहे मुकदमे की सुनवाई साल 2019 में सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की सांविधानिक पीठ को सौंपी गई थी. इन 5 जजों में से एक जस्टिस यूयू ललित भी थे. उनकी पीठ में मौजूदगी पर मुस्लिम पक्ष के वकील एडवोकेट राजीव धवन (Rajeev Dhawan) ने आपत्ति जताई थी. उन्होंने बाबरी मस्जिद से जुड़े केस में ही जस्टिस ललित के वकील के तौर पर पेश होने की बात कहते हुए आपत्ति दी थी. इसके बाद जस्टिस ललित ने खुद को सांविधानिक पीठ से अलग कर लिया था. 

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महज 73 दिन के लिए बनेंगे चीफ जस्टिस

जस्टिस यूयू ललित आगामाी 27 अगस्त को मौजूदा चीफ जस्टिस एनवी रमना के रिटायर होने पर उनकी जगह लेंगे. वह देश के 49वें चीफ जस्टिस बनेंगे. वे 8 नवंबर तक इस पर रहेंगे यानी उनका चीफ जस्टिस के तौर पर कार्यकाल महज 73 दिन का ही होगा. 

Justice UU Lalit

अब जानिए जस्टिस ललित से जुड़ी कुछ खास बातें

  • जस्टिस यूयू ललित साल 1957 में पैदा हुए, उनके पिता दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व एडिशनल जज यूआर ललित थे.
  • बॉम्बे हाईकोर्ट में वकील के तौर पर 1983 में करियर शुरू करने वाले जस्टिस ललित दिसंबर 1985 में दिल्ली आए. 
  • दिल्ली में साल 1986 से 1992 के बीच ललित देश के पूर्व अटॉर्नी जनरल सोली सोराबजी के असिस्टेंट वकील रहे.
  • 29 अप्रैल 2004 में वे सुप्रीम कोर्ट में सीनियर एडवोकेट बने और 13 अगस्त, 2014 को उन्हें टॉप कोर्ट में जज बनाया गया.

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कई अहम मामलों में रहे वकील

  • सुप्रीम कोर्ट ने फेमस 2जी घोटाले में उन्हें CBI का स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर बनाया था. 
  • सलमान खान के काले हिरण का शिकार मामले में भी वह वकील के तौर पर शामिल हुए.
  • सोहराबुद्दीन फर्जी एनकाउंटर केस में अमित शाह के वकील रहे, जो गुजरात के तत्कालीन गृह मंत्री थे.
  • जनरल वीके सिंह की जन्मतिथि विवाद मामले में भी वे वकील के तौर पर पेश हुए थे.
  • पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से जुड़े भ्रष्टाचार के केस में भी वे शामिल थे. 
  • जस्टिस ललित राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (Nalsa) के कार्यकारी अध्यक्ष भी रह चुके हैं. 

वकील से सीधे सुप्रीम कोर्ट जज बनने वाले दूसरे चीफ जस्टिस

जस्टिस ललित देश के महज दूसरे ऐसे चीफ जस्टिस बनेंगे, जो वकील से सीधे सुप्रीम कोर्ट के जज बने थे. उनसे पहले जस्टिस एसएम सिकरी फरवरी, 1964 में वकालत से सीधे सुप्रीम कोर्ट में जज बने. सिकरी जनवरी, 1971 में देश के 13वें चीफ जस्टिस चुने गए थे.

विवादों से दूर रहना आदत, छोड़ी कई बड़े मुकदमों की सुनवाई

  • 2014 में मुंबई बम ब्लास्ट के आरोपी याकूब मेनन की फांसी की सजा के खिलाफ पुनर्विचार याचिका की सुनवाई छोड़ी. 
  • 2015 में मालेगांव ब्लास्ट केस से जुड़ी एक सुनवाई इसलिए छोड़ी, क्योंकि वे पहले आरोपी के वकील रह चुके थे. 
  • 2016 में आसाराम बापू पर लगे आरोपों के एक अहम गवाह के लापता होने से जुड़े मामले की सुनवाई से अलग हो गए. 
  • 2016 में ही उन्होंने शिक्षक भर्ती घोटाले के आरोपी पूर्व CM हरियाणा ओमप्रकाश चौटाला के केस की सुनवाई छोड़ी.
  • 2017 में एक आरोपी का पहले वकील रहने के कारण उन्होंने सूर्यनेल्ली रेप केस की भी सुनवाई से खुद को अलग किया. 
  • 2019 में अयोध्या मामले पर बनी सांविधानिक पीठ से कल्याण सिंह का वकील रहने के कारण खुद को अलग किया.

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Justice Uu Lalit Ex President of India Ramnath Kovind

कुछ अहम केस, जिनके फैसलों से जुड़े रहे

  • तीन तलाक को असांविधानिक घोषित करने वाली सुप्रीम कोर्ट पीठ के 5 जजों में से एक थे जस्टिस यूयू ललित.
  • हिंदू विवाह कानून की धारा 13बी2 के तहत सहमति से तलाक में 6 महीना इंतजार अनिवार्य नहीं होने का फैसला दिया.
  • एससी-एसटी कानून- 1989 का दुरुपयोग रोकने की व्यवस्था की, इन मामलों में गिरफ्तारी से पहले मंजूरी लेने का आदेश दिया.
  • रंजना कुमारी बनाम उत्तराखंड मामले में फैसला दिया कि दूसरे राज्यों की SC जाति को अन्य राज्य में आरक्षण देना जरूरी नहीं.
  • भगोड़े शराब निर्माता विजय माल्या को कोर्ट की अवमानना मामल में 4 महीने की जेल और 2,000 रुपये जुर्माने की सजा दी.

73 दिन में कुछ बदलने की तैयारी

जस्टिस यूयू ललित ने चीफ जस्टिस बनने से पहले ही दिखा दिया है कि वे अपने 73 दिन के छोटे से कार्यकाल में कुछ बदलने आए हैं. वे पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई का समय 10 बजे के बजाय 9.30 बजे से शुरू करने का सुझाव दे चुके हैं. उन्होंने कहा था कि जब स्कूल जाने वाले बच्चे सुबह 7 बजे स्कूल जा सकते हैं तो जज और वकील जल्दी काम क्यों नहीं शुरू कर सकते.

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देश के होने वाले चीफ जस्टिस यूयू ललित कौन हैं, क्या है बाबरी मस्जिद से संबंध
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Chief Justice Of India: देश के होने वाले चीफ जस्टिस यूयू ललित कौन हैं, क्या है बाबरी मस्जिद से उनका संबंध