डीएनए हिंदी: साल 2020 में एक वेब सीरीज आई थी स्पेशल ऑप्स (Special Ops). इसे आज भी OTT की मस्ट वॉच सीरीज में शामिल किया जाता है और दर्शकों को इसके दूसरे सीजन का इंतजार भी है. यहां इस वेब सीरीज का जिक्र इसलिए क्योंकि इसकी कहानी का एक अहम हिस्सा था- हनीट्रैप. हाल ही में देश में हनीट्रैप की एक ऐसी घटना सामने आई है जिससे यह सवाल फिर उठने लगा है कि आखिर ये हनीट्रैप होता क्या है, कैसे ये जाल बिछाया जाता है और इसका देश को कितना नुकसान हो सकता है. जानते हैं खबर और हनीट्रैप की कहानी से जुड़े ऐसे हर सवाल का जवाब-
क्या है हनीट्रैप से जुड़ा ताजा मामला
जासूसी के मामले में शनिवार को पुलिस ने भारतीय सेना के जवान प्रदीप कुमार को गिरफ्तार किया था. रविवार को उसे कोर्ट में पेश किया गया था. वहां से उसे दो दिन के रिमांड पर इंटेलिजेंस जयपुर की पुलिस को सौंप दिया गया है. अब इंटेलिजेंस पुलिस रिमांड के दौरान गहनता से पूछताछ कर प्रदीप को 24 मई को फिर से कोर्ट में पेश करेगी. प्रदीप कुमार मूल रूप से उत्तराखंड के रुड़की का रहने वाला है. प्रदीप से अब तक हुई पूछताछ में सामने आया है कि पाकिस्तानी आईएसआई एजेंसी की महिला एजेंट ने करीब 6-7 महीने पहले उसके मोबाइल फोन पर कॉल किया था. महिला ने खुद को मध्यप्रदेश में ग्वालियर की रहने वाली बताया. इसके साथ ही कहा कि वह बंगलुरू में मिलिट्री नर्सिंग सर्विस करती है. इसके बाद दोनों में सोशल मीडिया पर चैट और वीडियो कॉल पर बातचीत होने लगी.
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बताया जा रहा है कि महिला एजेंट ने प्रदीप कुमार को दिल्ली आकर मिलने और शादी करने का झांसा दिया था. उसके बाद आर्मी से संबंधित गोपनीय दस्तावेजों के फोटोग्राफ्स मांगना शुरू किया. प्रदीप कुमार ने अपने कार्यालय से सेना से संबंधित गोपनीय दस्तावेज की फोटो चोरी छिपे अपने मोबाइल से खींचकर व्हाट्सऐप से महिला एजेंट को भेज दिये.
क्या होता है हनीट्रैप
हनीट्रैप दो शब्दों से मिलकर बना है- हनी और ट्रैप. हनी का मतलब शहद और ट्रैप का मतलब जाल होता है. आसान शब्दों में कहें तो मीठे शब्दों से अपने जाल में फंसाना. आमतौर पर खूबसूरत महिलाओं को इसमें हनीट्रैप करने का काम सौंपा जाता है. इसमें ये महिलाएं सेना के अधिकारियों को अपना शिकार बनाती हैं. मकसद होता है देश से जुड़ी अहम जानकारियां हासिल करना. कहा जाता है कि दूसरे विश्व युद्ध के दौरान हिटलर की नाजी सेना को फंसाने के लिए भी हनीट्रैप का इस्तेमाल हुआ था.
सोशल मीडिया के जरिए हनीट्रैप
वक्त के साथ हनीट्रैप के तरीके भी बदले हैं. अब सोशल मीडिया के जरिए हनीट्रैप किया जाता है. इसमें वॉट्सऐप कॉल, मैसेंजर और फेसबुक के जरिए लोगों को शिकार बनाया जाता है. हनीट्रैप की आशंका को देखते हुए सेना पिछले कुछ सालों से लगातार अपने कर्मियों को खास तरह के निर्देश देती आई है. उनसे ऑफिशियल वर्क के दौरान वॉट्सऐप का इस्तेमाल नहीं करने को कहा गया है. साथ ही संवेदनशील काम करते वक्त अपने फेसबुक और इंस्टाग्राम अकाउंट को डिलीट करने का निर्देश दिया है.
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हनीट्रैप करने के लिए दी जाती है खास ट्रेनिंग
हनीट्रैप करने के लिए खूबसूरत गरीब, जरूरतमंद या कॉलेज में पढ़ने वाली लड़कियों को हायर किया जाता है. उन्हें अलग-अलग नाम देकर अलग-अलग लोगों के साथ मिशन पर लगाया जाता है. ताजा मामले में सामने आया नाम-रिया का है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रिया नामक यह प्रोफाइल अब तक 10 लोगों को हनीट्रैप कर चुकी है. यहां तक बताया जा रहा है कि ये एजेंट्स होटल के कमरे में हिंदू देवी-देवताओं की तस्वीर लगाकर मंदिर बनाती हैं. हर तरह से सैन्य अधिकारियों को अपनी पहचान का विश्वास दिलाती हैं और फिर उनसे संवेदनशील सूचना हासिल करती हैं.
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