India-Pakistan Conflict: भारत और पाकिस्तान के बीच पिछले कुछ दिन के दौरान चला सैन्य संघर्ष जंग में बदलने के आसार फिलहाल खत्म हो गए हैं, लेकिन दोनों देशों के बीच अब भी तनाव की स्थिति (India Pakistan Tension) बनी हुई है. खासकर पाकिस्तान की तरफ से सीजफायर के कुछ ही घंटे बाद इसका उल्लंघन (Pakistan Ceasefire Violation) करने से हालात असमंजस वाले बने हुए हैं. ऐसे में जंग भी छिड़ती है तो विपरीत हालात में आम जनता पर कोई असर ना पड़े, इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार पहले ही इमरजेंसी प्लान बना रखा है. इस प्लान पर 7 मई को भारत की आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक के बाद से ही काम शुरू हो गया था, जो अगले दिन गुरुवार को ही पूरा भी कर लिया गया था.
आइए आपको 5 पॉइंट्स में बताते हैं कि केंद्र सरकार ने क्या कवायद कर रखी है-
1. सारे मंत्रालयों को दिए गए हैं खास निर्देश
पीएम मोदी ने आम जनता की जरूरत से जुड़े सभी मंत्रालयों के सचिवों के साथ गुरुवार (8 मई) को खास मीटिंग की थी. इस मीटिंग में हर मंत्रालय के मंत्री भी मौजूद थे. इस दौरान जनता की आवश्यकता से जुड़े सामानों की उपलब्धता की समीक्षा की गई, जिसमें अनाज से लेकर दवाइयां तक सब शामिल है. इस दौरान पीएम मोदी ने हर कमी को पूरा करके इमरजेंसी स्टोरेज तैयार करने का निर्देश दिया था. इसकी निगरानी की जिम्मेदारी हर मंत्रालय के वरिष्ठ मंत्रियों को खुद करने का निर्देश दिया गया था.
2. स्वास्थ्य और चिकित्सा पर खास ध्यान
केंद्र सरकार ने सबसे बड़ी प्लानिंग स्वास्थ्य और चिकित्सा को लेकर कर रखी है. खासतौर पर पाकिस्तान से सटे सीमावर्ती राज्यों में जिला स्तर पर आवश्यक दवाइयों की उपलब्धता से लेकर अस्पतालों में एंबुलेंस, उपकरण आदि की स्थिति की समीक्षा की गई है. इसे लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने अपने मंत्रालय के सभी सीनियर अफसरों के साथ इमरजेंसी हेल्थ सर्विसेज की स्थिति की समीक्षा की थी. अधिकारियों से चिकित्सा तैयारियों के मौजूदा हालात पर पूरी रिपोर्ट मांगी गई थी और जहां भी कमी हो, वहां तत्काल पर्याप्त आपूर्ति करने का निर्देश दिया गया. सीमावर्ती राज्यों में जिला स्तर पर सीधा संपर्क स्थापित किया गया ताकि जरूरत पड़ते ही इमरजेंसी हेल्थ सर्विसेज तत्काल सुनिश्चित की जा सके.
3. बैंकिंग सिस्टम को लेकर भी की गई थी तैयारी
भारत-पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष शुरू होते ही बैंकों के सिस्टम फेल होने की अफवाहें उड़ने लगी थी. सोशल मीडिया पर एटीएम से नोट नहीं निकलने का भी दावा वायरल होने लगा था. हकीकत में ऐसा ना हो जाए, इसके लिए भी सरकार ने पूरी तैयारी कर रखी है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकिंग सेक्टर की सेवाएं सुचारू ढंग से चलने और पाकिस्तानी हैकर्स के संभावित साइबर अटैक से बचाव के लिए हाई लेवल मीटिंग की थी. इसमें सभी अधिकारियों को इमरजेंसी कंडीशन से निपटने के लिए प्लान-बी तैयार रखने का निर्देश दिया गया था. यह भी कहा गया था कि किसी भी हालत में बैंकिंग और फाइनेंशियल सर्विसेज एक भी पल के लिए प्रभावित नहीं होनी चाहिए.
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4. खाद्यान्न की उपलब्धता का भी था पूरा ब्योरा
पीएम मोदी की बैठक में देश में गेहूं, चावल आदि खाद्यान्नों की उपलब्धता का पूरा ब्योरा लिया गया था. साथ ही खेतों में खड़ी फसलों को नुकसान ना हो और आगामी फसलों की बुआई ना रुके, इसके भी पर्याप्त इंतजाम करने का निर्देश दिया गया था. स्पष्ट निर्देश दिए गए थे कि युद्ध होने की स्थिति में भी किसानों की आवाजाही पर रोक नहीं लगाई जाए ताकि भारत में यूक्रेन जैसे हालात ना बन सकें और मौजूदा खाद्यान्न खत्म होने तक अगली फसल तैयार होकर आ जाए. इसके लिए केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी मंत्रालय, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) और ग्रामीण विकास मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की थी.
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5. यातायात सुचारू बनाए रखने की थी तैयारी
किसी भी इमरजेंसी कंडीशन में भी इधर से उधर जाने के लिए आवाजाही बनी रहे, इसकी भी तैयारी कर ली गई थी. साथ ही यह भी तैयारी की गई थी कि किसी भी तरीके से पाकिस्तान के स्लीपर सेल इंफ्रास्ट्रक्चर को नुकसान पहुंचाकर आवाजाही को रोकने में सफल नहीं हो सकें. इसके लिए एकतरफ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हवाई अड्डों की सुरक्षा देखने वाली CISF और ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी के साथ ही BSF के महानिदेशकों के साथ हाईलेवल समीक्षा बैठक की थी. वहीं, पाकिस्तान से सटे इलाकों में एयरपोर्ट सिक्योरिटी पर खास ध्यान देने के निर्देश दिए गए थे. रोड इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भी हाई लेवल मीटिंग की थी, जिसमें किसी भी इमरजेंसी कंडीशन में सड़कों को पहुंचने वाले नुकसान को तत्काल दूर करने की तैयारी की समीक्षा की गई थी.
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