डीएनए हिंदी: श्रीलंका (Sri Lanka) पिछले कुछ महीनों से आर्थिक और राजनीतिक संकट से जूझ रहा है. राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के देश छोड़कर भाग जाने से स्थिति और खराब हो गई है. गोटबाया के जाने से अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से वो बातचीत भी रुक गई है जिससे वर्तमान आर्थिक संकट से निपटने की कोशिश चल रही थी. 1948 में मिली आजादी के बाद से श्रीलंका इस समय सबसे बदतर आर्थिक संकट से गुजर रहा है. उसे पटरी पर आने के लिए फिलहाल IMF से कम से कम 4 अरब डॉलर की आवश्यकता है.
इस सिलसिले में श्रीलंका की IMF से बातचीत भी हो रही थी. आईएमएफ की एक टीम ने 20 जुलाई को कोलंबो का दौरा भी किया था और कहा था कि आर्थिक सहायता पाने के लिए श्रीलंका को अपने पुराने कर्जदारों से ब्याज और वापसी को लेकर बात करनी होगी. आईएमएफ ने आश्वासन दिया था कि वह इस मामले में नजर बनाए हुए है और वह श्रीलंका को इस आर्थिक संकट से बाहर निकालने की कोशिश करेगा.
ये भी पढ़ें- Sri Lanka में आर्थिक संकट की क्या है वजह, देश में आम लोगों के कैसे हैं हालात?
चक्रव्यू में फंस गया है श्रीलंका?
एक्सपर्ट्स की मानें तो श्रीलंका इस समय ऐसे चक्रव्यू में फंस गया है जिससे निकलना काफी मुश्किल है. श्रीलंका में विदेशी मुद्रा कोष (डॉलर) की भारी किल्लत है जिसकी वजह से वह जरूरी सामान बाहरी देशों से आयात नहीं कर पा रहा है. कर्जदारों को भी ब्याज समय पर नहीं दे पा रहा है. पुराने कर्ज चूंकि वापस नहीं हो पाए तो नए श्रृण का मिलना मुश्किल हो गया है. कर्ज देने वाली संस्थाओं का कहना है कि पहले पुराने कर्ज पर बातचीत की जाए और बैंकों में फॉरमेटिव बदलाव लाया जाए. इसके बाद ही नए कर्ज देने पर बात की जाएगी.
सामाजिक अस्थिरता बनी एक वजह
एक्सपर्ट्स का कहना है कि श्रीलंका में संकट का एक पहले सामाजिक अस्थिरता भी है. डॉलर की कमी की वजह से पेट्रोल, डीजल, दवाइयां और रोजमर्रा की दूसरी वस्तुओं की कमी के चलते जनत सड़कों पर उतर आई. जिसके बाद प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे को इस्तीफा देना पड़ा और अब राष्ट्रपति गोटबाया को इस्तीफा देकर देश छोड़कर भागना पड़ा. रनिल विक्रमासिंघे को कार्यवाहक राष्ट्रपति नियुक्त किया गया. रनिल विक्रमसिंघे ने इस महीने की शुरुआत में संसद में कहा था कि IMF से आर्थिक सहायता पैकेज पक्का करने के लिए एक योजना को अगस्त तक सौंप दिया जाएगा.
ये भी पढ़ें- Sri Lanka में आपातकाल का रहा है इतिहास, जानें कब-कब लगी है Emergency और क्या थी वजह
कैसे होगा आर्थिक संकट दूर?
सवाव ये उठ रहा है कि राजनीतिक अस्थिरता की इस घड़ी में आर्थिक संकट से कैसे उभरा जाएगा? एक्सपर्ट्स का कहना है कि इससे उभरने के लिए श्रीलंका को आईएमएफ की सहायता की सख्त जरूरत है. वहीं, कोलंबों यूनिवर्सिटी के अर्थशास्त्र के एक प्रोफेसर का कहना है कि विदेशों में बसे श्रीलंकाई मूल के लोगों को देश पैसा भेजने के लिए उत्साहित करना होगा. एक रिपोर्ट के मुताबिक, विदेशों से भेजे जाने वाले फंड में पिछले कुछ सालों में भारी गिरावट आई है. पिछले 10 सालों में सबसे कम 5.49 अरब डॉलर रहा. जबकि साल 2012 में सबसे विदेशों से पैसा भेजा गया था. इसके अलावा पर्यटन को भी बढ़ावा देना होगा. इससे डॉलर में आमदनी होगी और आर्थिक संकट बहुत हद दूर होगा.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों (Latest News) पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में (Hindi News) पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर
- Log in to post comments
Sri Lanka Crisis: क्या 'चक्रव्यूह' को भेद पाएगा श्रीलंका? बचे हैं गिनती के ये रास्ते