डीएनए हिंदी: देश को आज नया उपराष्ट्रपति (Vice President) मिल जाएगा. उपराष्ट्रपति पद के लिए आज वोट डाले जा रहे हैं और शाम तक नतीजे घोषित कर दिए जाएंगे. मौजूदा उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू का कार्यकाल 10 अगस्त को खत्म हो रहा है. इससे पहले ही नए उपराष्ट्रपति का चुनाव होना है. वरियता क्रम में राष्ट्रपति के बाद उपराष्ट्रपति का पद देश का सबसे बड़ा संवैधानिक पद होता है. वे राज्यसभा में सभापति के रूप में कार्य करते हैं. अगर किसी वजह से राष्ट्रपति का पद खाली होता है तो उपराष्ट्रपति उनकी जिम्मेदारी भी संभालते हैं.
उपराष्ट्रपति का कार्यकाल 5 साल का होता है. संविधान के अनुच्छेद 66 में उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया का जिक्र है. यह चुनाव निर्वाचक मंडल यानी इलेक्टोरल कॉलेज के जरिए आनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्धति के जरिए होता है. इसमें संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य वोट डालते हैं. उपराष्ट्रपति के कार्यकाल पूरा होने के 60 दिनों के अंदर चुनाव कराना जरूरी होता है.
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Vice President Salary In India?
देश में उपराष्ट्रपति की सैलरी संसद अधिकारी के वेतन और भत्ते अधिनियम 1953 के तहत तय होती है. उपराष्ट्रपति की वैसे अलग से कोई सैलरी नहीं होती है. यानी उपराष्ट्रपति पद के लिए सैलरी का कोई प्रावधान नहीं है. लेकिन उन्हें राज्यसभा के सभापति के तौर पर सैलरी और अन्य सुविधाएं दी जाती हैं. फिलहाल उपराष्ट्रपति को हर महीने 4 लाख रुपये सैलरी दी जाती है. सैलरी में रिवीजन 2018 के बजट में हुआ था. इससे पहले उपराष्ट्रपति को 1.25 लाख रुपये प्रति महा सैलरी मिलती थी. इसके अलावा उन्हें भत्ते और पेंशन की सुविधा मिलती है. इनमें ट्रेन और हवाई सफर की मुफ्त सुविधा, चिकित्सा, डेली अलाउंस, गाड़ी, लैंडलाइन कनेक्शन, मोबाइल फोन की सुविधा और सुरक्षा स्टाफ शामिल हैं.
पेंशन का क्या है प्रावधान?
उपराष्ट्रपति की पेंशन उनकी सैलरी की 50 प्रतिशत होती है. रिटायरमेंट के बाद भी उन्हें पेंशन के साथ तमाम तरह की सुविधाएं दी जाती हैं. संविधान में प्रावधान किया गया है कि जब उपराष्ट्रपति राष्ट्रपति की अनुपस्थिति में उनकी जिम्मेदारी संभालेंगे तो उस दौरान उनको राष्ट्रपति की सैलरी दी जाएगी. यानी उस दौरान उनकी सैलरी राष्ट्रपति जितनी ही होगी. वह राष्ट्रपति जैसी हर सुविधा पाने के हकदार होंगे.
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कौन निभाता है राष्ट्रपति की जिम्मेदारी?
उपराष्ट्रपति राज्यसभा में सभापति के रूप में कार्य करते हैं. उनकी अनुपस्थिति में डिप्टी चेयरमैन राज्यसभा की जिम्मेदारी निभाते हैं. अगर राष्ट्रपति का पद किसी वजह से खाली होता है तो उपराष्ट्रपति उनकी भूमिका निभाते हैं. वह अधिकतम 6 महीने के लिए यह भूमिका निभा सकते हैं. इसके बाद नए राष्ट्रपति का चुनाव कराना जरूरी होता है. कोई भी भारतीय नागरिक जिनकी उम्र 35 साल है, वह उपराष्ट्रपति बनने के लिए पात्र होता है. उसके पास लाभ का कोई पद नहीं होना चाहिए.
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Vice President: कितना महत्वपूर्ण है उपराष्ट्रपति का पद? वेतन समेत क्या-क्या मिलती हैं सुविधाएं, जानें सबकुछ