डीएनए हिंदी: इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में आग लगने की खबरें आए दिन सामने आती हैं. महाराष्ट्र के पुणे में भी शनिवार को एक इलेक्ट्रिक स्कूटर (Electric Scooters) में आग की खबरों ने सुर्खियां बटोरी थीं. तमिलनाडु के वेल्लूर में भी एक इलेक्ट्रिक स्कूटर में ब्लास्ट की वजह से शनिवार को 2 लोगों की मौत हो गई थी. हादसे में पिता और बेटी ने जान गंवा दी थी. यह हादसा तब हुआ जब दोनों इलेक्ट्रिक स्कूटर की बैटरी चार्ज कर रहे थे. आने वाला दौर इलेक्ट्रिक गाड़ियों का है, ऐसे में कई लोग इनकी सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं.
सोशल मीडिया पर आए दिन ऐसे वीडियो सामने आते हैं जिसमें इलेक्ट्रिक स्कूटरों में आग लगती नजर आती है. कुछ स्कूटर्स की बैटरी में ब्लास्ट होने की खबरें सामने आई हैं. ऐसे में जिन लोगों में EV को लेकर क्रेज है, उनका ऐसी गाड़ियों से मन हट सकता है. आखिर क्यों होता है ब्लास्ट, यह जानना जरूरी है.
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क्यों लगती है इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में आग?
इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में आग लगने की बड़ी वजह शॉर्ट सर्किट है. लोग अक्सर गाड़ियों में स्पार्क्स होने को अनदेखा कर देते हैं. गर्मी के दिनों में आग लगने की यह एक बड़ी वजह बनती है. ऐसे तार जिनमें करंट उतरता हो उन्हें खुला नहीं छोड़ना चाहिए. यह आग लगने की एक बड़ी वजह बनती है.
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इलेक्ट्रिक गाड़ियों की सर्विसिंग हमेशा गाड़ी की एजेंसी पर ही करानी चाहिए. कई बार अनट्रेंड मैकेनिक गाड़ियों को ठीक करते वक्त कुछ तारों को खुला छोड़ देते हैं. स्पार्क होने की स्थिति में गाड़ी में आग लग जाती है.
बैटरी में भी हो सकता है ब्लास्ट
इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पूरी तरह से बैटरी पर चलते हैं. बैटरी पर कई बार ओवर लोड हो जाता है. जब बैटरी के सेपरेटर (Separator) प्रभावित होते हैं तो ब्लास्ट होता है. एनोड और कौथोड बैटरी के अहम हिस्से होते हैं. जैसे ही सेपरेटर में खामी आती है ब्लास्ट हो जाता है. कई पार स्पार्क होने से ब्लास्ट होता है.
जब बैटरी के भीतर इलेक्ट्रिकल मिसबैलेंस होता है तब भी ब्लास्ट हो जाता है. अगर बैटरी डीप डिस्चार्ज हो जाए या ओवर चार्ज हो जाए तो भी विस्फोट हो सकता है. लगातार चार्जिंग और यूज की वजह से भी बैटरी ब्लास्ट हो सकती है. ज्यादा चार्जिंग की वजह से सेपरेटर टूट जाए तो भी ब्लास्ट हो सकता है.
कैसे करें बचाव?
इलेक्ट्रिक गाड़ियां, पेट्रोल-डीजल से चलने वाली गाड़ियों की तुलना में अधिक सुरक्षित होती हैं. अगर सही ढंग से रख-रखाव किया जाए तो ऐसी गाड़ियों की उम्र ज्यादा होती है. नई इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने वाली कंपनियां सुरक्षा मानकों का ख्याल रखती हैं. गाड़ियों को और सुरक्षित करने के लिए काम चल रहा है. अगर समय-समय पर गाड़ी सर्विसिंग के लिए दी जाए तो ऐसे हादसों से बचा जा सकता है.
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