डीएनए एक्सप्लेनर: भारत में अमेरिका के नए राजदूत का बयान मोदी सरकार की टेंशन बढ़ा सकता है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के करीबी एरिक माइकल गार्सेटी ने मानवाधिकारों को लेकर अपनी चिंता जाहिर की है. सीनेट के सदस्यों के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि वह भारत में मानवाधिकारों का मुद्दा उठाएंगे. बता दें कि गार्सेटी ने पहले भी भारत की यात्रा की है और अभी वह लास एंजिलिस के मेयर हैं. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि भारत मुश्किल पड़ोसियों से घिरा है. उन्होंने अमेरिका और भारत के बीच बढ़ते व्यापारिक संबंधों पर कहा कि वह इसे दोनों देशों के लिए बड़ी उपलब्धि मानते हैं.
रूस से हथियार खरीद, मानवाधिकार का मुद्दा उठाएंगे
एरिक गारसेटी ने कहा, 'मैं भारत में रूस से हथियारों के खरीद का मुद्दा उठाऊंगा. मैं वहां के सामाजिक कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद करना चाहता हूं. वहां ऐसे संगठन हैं जो सक्रियता से लोगों के मानवाधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं. उन लोगों से मैं सीधे संवाद करना चाहूंगा.' गारसेटी ने रूस से एस-400 हथियारों की खरीद का मुद्दा उठाने की बात भी की है.
S-400 की खरीद पर राहत के संकेत
S-400 को लेकर अमेरिका ने सख्त नियम बना रखा है. अमेरिकी नियमों के अनुसार, अगर कोई देश S-400 की खरीद करता है, तो अमेरिका उस पर प्रतिबंध लगाता है. भारत ने प्रतिबंध के खतरे को उठाते हुए रूस से हथियारों की खरीद की है. हालांकि, काउंटरिंग अमेरिकाज़ एडवर्सरीज़ थ्रू सेंक्शंस एक्ट (CAATSA) कानून के तहत भारत को छूट दी जा सकती है.
मानवाधिकारों का मुद्दा, भारत के लिए बन न जाए सिर दर्द
भारत में तैनाती से पहले गार्सेटी ने मानवाधिकार के मुद्दों पर बात की. उन्होंने कहा, 'इसमें कोई शक नहीं है कि मैं मानवाधिकार का मु्द्दा उठाऊंगा. ऐसा मैं सिर्फ औपचारिकता निभाने के लिए नहीं कह रहा. मैं भारत में सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ताओं और मानवाधिकारों के लिए काम करने वाले संगठनों से चर्चा करूंगा.' उन्होंने यह भी कहा कि लोकतंत्र बनाए रखना एक चुनौती है और इसे भारत और अमेरिका दोनों के संदर्भ में देख सकते हैं.
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