डीएनए हिंदी: भारत में लघु, कुटीर एवं मध्यम उपक्रम (MSMEs) की राह इतनी आसान नहीं है. केंद्र सरकार की ओर से भारत में व्यापार को आसान बनाने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं फिर भी कुछ ऐसे नियम और प्रावधान हैं, जिनकी वजह से नया व्यापार शुरू करने से पहले कारोबारी कतराते हैं.

देश में अभी 26,134 ऐसे कानून हैं जिनके उल्लंघन पर उद्ममियों को जेल तक हो सकती है. ये कानून, देश की आजादी से पहले से लागू हैं, जिनमें बड़े बदलाव की जरूरत महसूस हो रही है. 

एक नई रिपोर्ट के मुताबिक 26,134 ऐसे कानून हैं, जिनमें थोड़ी सी गड़बड़ी हो तो उद्यमियों को जेल हो सकती है. MSMEs के लिए बनाए गए कानूनों में कई ऐसे पेचीदगी है, जिसकी वजह से उद्मियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.

'जेल्ड फॉर डूइंग बिजनेस' की रिपोर्ट ने चौंकाया

टीमलीज रेगटेक ने 'जेल्ड फॉर डूइंग बिजनेस' नाम से एक रिपोर्ट तैयार की है. रिपोर्ट के मुताबिक देश में करीब 69,233 ऐसे नियम हैं, जो बिजनेस को रेग्यूलेट करते हैं. इनमें से 26,134 नियम ऐसे हैं, जिन्हें न मानने पर जेल का प्रवाधान है. अगर आंकड़ों का विश्लेषण करें तो यह  पांच में से लगभग दो नियम ऐसे हैं, जिनके उल्लंघन पर कारोबारी जेल जा सकता है.

MSMEs के लिए इस वजह से देश में मुश्किल है राह

रिपोर्ट के मुताबिक MSMEs पर इन नियमों को मानने का बोझ सबसे ज्यादा होता है. एक  MSME में करीब 150 से ज्यादा लोग काम करते हैं. छोटे स्तर पर भी इन कंपनियों को 500 से 900 कानूनी प्रावधानों को मानना पड़ता है. इसकी वजह से इन MSME पर करीब 12 लाख से लेकर 18 लाख रुपये तक का अतिरिक्त खर्च बढ़ जाता है. ऐसे रेग्युलेशन कारोबार को आर्थिक तौर पर प्रभावित करते हैं, वहीं नॉन प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेन वाले MSME के हित भी इससे प्रभावित होते हैं. 

देश के कारोबारी कानून में पड़ रही बदलाव की जरूरत

टीमलीज रेगटेक ने अपनी रिपोर्ट में देश की कई खामियों का जिक्र किया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के एम्प्लॉयर वर्ल्ड का जरूरत से ज्यादा अपराधीकरण की वजह से भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है. इससे रोजगार को बढ़ावा नहीं मिलता और लोग न्याय से दूर हो जाते हैं.

साफ-सफाई को लेकर भी हैं कड़े कानून

रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार ने एसे नियमों को सही करने की शुरुआत की है लेकिन केंद्र और राज्यों के करीब 26,134 प्रावधान ऐसे हैं जिनमें जेल का जिक्र है. इन्हें कम करना होगा. रिपोर्ट में कानूनी प्रवाधानों का भी जिक्र किया गया है, जिन्हें हटाए जाने की जरूरत है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर MSMEs के शौचालयों को हर 4 महीने में एक बार व्हाइटवॉशिंग न की जाए तो इसके लिए राजद्रोह लग सकता है. इसके लिए 1 से 3 साल तक की सजा हो सकती है. पंजाब, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक और तमिलनाडु में ऐसे कानून लागू हैं. इन राज्यों के व्यापार कानूनों में 1,000 से अधिक कारावास की धाराएं हैं.

कानूनों को तर्कसंगत बनाने की उठ रही है मांग

रिपोर्ट में व्यावसायिक कानूनों की ज्यादतियों को तर्कसंगत बनाने की मांग की गई है. रिपोर्ट में ही मांग की गई है कि कारावास की धाराओं को तर्कसंगत बनाया जाए. जानबूझकर किए गए अपराधों के लिए कठोर सजाओं का प्रावधान हो लेकिन गलती से हुए कृत्यों को अपराध से बाहर किया जाए. 

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Ease of Doing Business for MSMEs More than 26000 clauses that can put entrepreneurs in jail
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26,000 से ज्यादा हैं ऐसे कानून जिनमें कमी उद्यमियों को पहुंचा सकी है जेल, जानिए
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26,000 से ज्यादा हैं ऐसे कानून जिनकी वजह से जेल जा सकते हैं कारोबारी, देश में आसान नहीं MSMEs की राह