डीएनए हिंदी: रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने शुक्रवार को ओडिशा के तट चांदीपुर में एक नौसैनिक जहाज से एक वर्टिकल लॉन्च शॉर्ट रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल (VL-SRSAM) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया. इस मिसाइल की खासियत ये है कि पलक झपकते ही दुश्मन के किसी भी हवाई हमले को नेस्तनाबूत कर सकती है. इसकी स्पीड, सटीकता और मारक क्षमता इतनी घातक है कि रडार के पकड़ में भी नहीं आती.
वीएल-एसआरएसएएम एक जहाज-जनित हथियार प्रणाली है जो समुद्री-स्किमिंग लक्ष्यों सहित निकट सीमा पर विभिन्न हवाई खतरों को बेअसर करने के लिए काम करती है. रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारतीय नौसेना (Indian Navy) ने कम उंचाई पर उड़ रहे लक्ष्य को अपनी सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल से मार गिराया. भारतीय नौसेना ने इस मिसाइल का सफल परीक्षण किया.
ये भी पढ़ेंः दलबदल कानून क्या है? विधायकों पर किन-किन स्थितियों में लगता है बैन
दुश्मन के हर अटैक को करेगा नेस्तनाबूत
आईटीआर, चांदीपुर द्वारा तैनात कई ट्रैकिंग उपकरणों का उपयोग करके स्वास्थ्य मापदंडों के साथ वाहन के उड़ान पथ की निगरानी की गई. इस मिसाइल के बाद भारतीय नौसेना की ताकत और बढ़ जाएगी. इसकी वजह से अब दुश्मन किसी भी तरीके से भारत को चकमा नहीं दे सकेगा. कम उंचाई पर रडार को चकमा देकर आ रहा विमान, ड्रोन, मिसाइल या हेलिकॉप्टर सब इस मिसाइल के नजर में आते ही नेस्तनाबूत हो जाएगा.
Vertical Launch Short Range Surface to Air Missile (VL-SRSAM) was successfully flight tested today by Defence Research & Development Organisation (DRDO) & Indian Navy. The launch was conducted from Indian Naval Ship, off the coast of Chandipur, Odisha: DRDO officials pic.twitter.com/7hWeqBGXS4
— ANI (@ANI) June 24, 2022
कम ऊंचाई पर ड्रोन को मार गिराने में सक्षम
भारतीय नौसेना ने फिलहाल VL-SRSAM मिसाइल को कोई नाम नहीं दिया है. इसे बराक- की जगह जंगी जहाजों में शामिल करने की योजना है. इस मिसाइल का वजन 154 किलोग्राम है. इसे डीआरडीओ और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) ने मिलकर बनाया है. इसकी लंबाई करीब 12.6 फीट है. इसका व्यास 7.0 इंच है. इसमें हाई-एक्सप्लोसिव प्री-फ्रैगमेंटेड वॉरहेड लगाया जाता है. यह कम उंचाई पर उड़ने वाले दुश्मन के किसी भी जहाज, ड्रोन या मिसाइल को मार गिरा सकती है.
ये भी पढ़ेंः कैसे होता है राष्ट्रपति चुनाव? कौन कर सकता है नामांकन और वोटिंग में कौन-कौन होते हैं शामिल, जानें सबकुछ
VL-SRSAM की क्या है रेंज?
वीएल-एसआरएसएएम की मारक क्षमता करीब 25 से 30 किलोमीटर है. यह अधिकतम 12 किमी की ऊंचाई तक जा सकती है. इसकी स्पीड बराक-1 से दोगुनी है. यह मैक 4.5 यानी 5,556.6 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ती है. इसकी सबसे बड़ी खासियत ये है कि इसे किसी भी जंगी जहाज से दागा जा सकता है.
ये भी पढ़ेंः आखिर कैसे बदला जाता है किसी शहर का नाम, आम लोगों पर क्या पड़ता है असर?
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने दी बधाई
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ और नौसेना को इस मिसाइल के सफल परीक्षण के लिए बधाई दी और कहा कि यह हवाई खतरों के खिलाफ भारतीय नौसेना के जहाजों की रक्षा क्षमता को और बढ़ाएगा.वहीं, नौसेनाध्यक्ष एडमिरल आर. हरि कुमार ने वीएल-एसआरएसएएम के सफल उड़ान परीक्षण के लिए भारतीय नौसेना और डीआरडीओ की सराहना की और कहा कि इस स्वदेशी मिसाइल प्रणाली के विकास से नौसेना की रक्षात्मक क्षमता और मजबूत होगी.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों पर अलग नज़रिया, फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
DRDO ने लॉन्च किया 'सीक्रेट हथियार', पलक झपकते ही दुश्मन का कर देगा काम तमाम