डीएनए हिंदी: आज 21वीं सदी में हर चीज आधुनिक हो गई है. आज आप घर बैठे कश्मीर की खूबसूरत वादियों का नजारा ले सकते हैं, दूर देश में मौजूद अपने दोस्तों-रिश्तेदारों से बात कर सकते हैं. ये सब स्मार्टफोन के चलते मुमकिन हो पा रहा है. वहीं अगर बात आपके स्मार्टफोन की सुरक्षा की करें तो यह भी महज एक टच से मुमकिन है. हमारे स्मार्टफोन आजकल फिंगरप्रिंट के इस्तेमाल से खुलते हैं.
हालांकि इसे लेकर लोगों के मन में अक्सर यह सवाल आता है कि अगर किसी दुर्घटना के चलते उनके हाथ में चोट लग जाए या हाथ जल जाए या इस पर एसिड गिर जाए तब उनका फोन कैसे खुल पाएगा?
ऐसे में आपको बता दें कि आपके हाथ का फिंगरप्रिंट गहरी से गहरी चोट लगने के बाद भी नहीं बदलता है. यहां तक कि कोई घाव होने के बाद भी आपके हाथ का फिंगरप्रिंट वैसा ही रहता है.
दरअसल हर इंसान के हाथ की स्किन दो लेयर से बनती है. पहली लेयर को एपिडर्मिस और दूसरी लेयर को डर्मिस कहते हैं. ये दोनों लेयर एक साथ बढ़ती हैं और इन्हीं दोनों लेयर से मिलकर हमारे हाथों के स्किन पर फिंगरप्रिंट के उभार बनते हैं. दुनिया में मौजूद किसी भी इंसान का फिंगरप्रिंट किसी दूसरे इंसान से मैच नहीं करता है. यहां तक कि एक बार इंसान का फिंगरप्रिंट बनने के बाद जिंदगी भर वह वैसा ही रहता है.
बता दें कि जब बच्चा गर्भ में पल रहा होता है, उसी दौरान उसके फिंगरप्रिंट तैयार होने लगते हैं. वहीं अगर दुर्घटनावश किसी के हाथों में चोट लग जाती है और फिंगरप्रिंट गायब हो जाते हैं तो कुछ ही महीनों के अंदर वे फिर से उसी पोजिशन पर आ जाते हैं. बढ़ती उम्र के साथ भी इंसान के फिंगरप्रिंट में कोई बदलाव नहीं आता है.
- Log in to post comments
DNA एक्सप्लेनर: क्या हर व्यक्ति के Fingerprints होते हैं अलग? क्या जलने-कटने से बदल जाते हैं ये निशान?