डीएनए हिंदी: दिल्ली सरकार ने अपनी नई आबकारी नीति (Excise Policy) को वापस लेने का फैसला लिया है. इस फैसले के बाद यह साफ हो गया है कि अब दिल्ली में शराब बिक्री के लिए पुरानी आबकारी नीति ही लागू होगी. यह भी कहा जा रहा है कि कुछ महीनों के बाद अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की दिल्ली सरकार नई आबकारी नीति लाएगी. बता दें कि दिल्ली सरकार (Delhi Government) ने यह फैसला उपराज्यपाल वी के सक्सेना के उस आदेश के बाद लिया है जिसमें उन्होंने आबकारी नीति के मामले में सीबीआई जांच के आदेश दे दिए थे.
आबकारी नीति के मामले में सीबीआई जांच के आदेश के बाद उपराज्यपाल के दफ्तर ने अपने बयान में कहा था कि मुख्य सचिव की रिपोर्ट से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (जीएनसीटीडी) अधिनियम 1991, व्यापारिक लेनदेन की नियमावली-1993, दिल्ली आबकारी अधिनियम 2009 और दिल्ली आबकारी नियम 2010 के उल्लंघनों की जानकारी मिली है. इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि शराब उत्पादन, होल सेलर और बिक्री से जुड़ा काम एक ही व्यक्ति की कंपनियों को दिया गया. आरोप है कि इस तरह से ठेके देना एक्साइज पॉलिसी का उल्लंघन है. आरोप है कि इस मामले में अधिकार न होते हुए भी एक्साइज पॉलिसी में बदलाव किए गए.
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1 अगस्त से क्या-क्या बदल जाएगा?
दिल्ली सरकार की ओर से पुरानी आबकारी नीति लागू कर दिए जाने के बाद यह तय हो गया है कि 1 अगस्त से सिर्फ़ सरकारी दुकानों पर ही शराब की बिक्री की जाएगी. यानी कि दिल्ली में चल रहीं शराब की 468 प्राइवेट दुकानें 1 अगस्त से बंद हो जाएंगी. ऐसा इसलिए होगा क्योंकि इन दुकानों का लाइसेंस समाप्त हो जाएगा. दरअसल, नई आबकारी नीति के तहत इन प्राइवेट दुकानों का लाइसेंस दो बार रिन्यू किया गया था. इस लाइसेंस की अवधि 31 जुलाई को खत्म हो रही है.
सस्ती शराब की बिक्री भी होगी बंद?
साल के शुरुआती कुछ महीनों में दिल्ली में शराब की प्राइवेट दुकानों ने जमकर छूट दी थी. कहीं-कहीं पर तो एक पर एक फ्री का ऑफर भी चलाया गया. हालांकि, अब आशंका जताई जा रही है कि पुरानी आबकारी नीति फिर से लागू होने जाने की वजह से यह छूट बंद हो सकती है. इसके पीछे की अहम वजह यही है कि प्राइवेट दुकानों के बंद हो जाने की मार्केट की प्रतिस्पर्धा खत्म हो जाएगी और इसका फायदा ग्राहकों को नहीं मिल पाएगा. इसके अलावा, सिर्फ़ सरकारी दुकानों पर शराब मिलने से यह भी होगा कि शराब सिर्फ़ MRP पर ही मिलेगी और ग्राहकों को कोई छूट नहीं दी जाएगी.
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दिल्ली में कौन-कौन बेचता है शराब?
दिल्ली की पुरानी आबकारी नीति के मुताबिक, दिल्ली राज्य औद्योगिक और बुनियादी ढांचा विकास निगम (DSIIDC), दिल्ली राज्य नागरिक आपूर्ति निगम (DSCSC), दिल्ली उपभोक्ता सहकारी थोक स्टोर (DCCWS) और दिल्ली पर्यटन और परिवहन विकास निगम (DTTDC) ही मुख्य रूप से शराब की दुकानें चलाते हैं. दिल्ली की कुल 864 दुकानों में से 475 इन चार सरकारी निगमों के पास ही थी जबकि 389 दुकानों के लाइसेंस निजी कंपनियों या व्यक्तियों के पास थे.
नई आबकारी नीति के तहत निजी फर्मों को अनुमति दी गई और कुल 849 लाइसेंस दिए गए. इसके तहत दिल्ली को 32 हिस्सों में बांटा गया और व्यक्तिगत लाइसेंस के बजाय क्षेत्र के हिसाब से बोलियां लगाई गईं. शर्त रखी गई थी कि एक शख्स या फर्म अधिकतम दो क्षेत्रों के लिए बोली लगा सकता है. इन्हीं मामलों में गड़बड़ियों की खबरें आने के बाद उपराज्यपाल ने सीबीआई जांच के आदेश दिए थे.
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नई नीति में क्या-क्या बदल गया था?
दिल्ली सरकार का दावा है कि नई आबकारी नीति से उसका राजस्व बढ़ गया था. आपको बता दें कि इस नीति के तहत प्राइवेट प्लेयर्स को शराब की दुकानें खोलने का मौका दिया गया. इसके अलावा दिल्ली में ड्राइ डे की संख्या 21 से घटाकर सिर्फ़ तीन कर दिया गया था.
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दिल्ली में लागू होगा शराब बिक्री का नया सिस्टम, जानिए 1 अगस्त से क्या-क्या बदल जाएगा