डीएनए हिंदीः केंद्रीय विश्वविद्यालयों (Central Universities) में दाखिले के लिए इस साल 12वीं के अंकों के बजाए CUET यानी कि कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (Common University Entrance Test) देना होगा. इस साल देश की सभी 45 सेंट्रल यूनिवर्सिटीज में दाखिला इसी टेस्ट के आधार पर होगा.
किन यूनिवर्सिटी में होगा दाखिला
देश की जिन 45 यूनिवर्सिटी में दाखिला होना है उनमें डीयू (DU), जेएनयू (JNU), बीएचयू (BHU) और एएमयू (AMU) आदि शामिल हैं. यूजीसी ने फिलहाल 45 यूनिवर्सिटी को ही इस दायरे में लाया है और इसे लेकर पक्ष-विपक्ष बहस जोरों पर है. छात्रों को एक सुविधा दी गई है कि वह अंग्रेजी के अलावा हिंदी समेत अन्य भाषाओं में भी परीक्षा दे सकते हैं.
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CUET से क्या होगा फायदा
शिक्षाविदों का कहना है कि इस टेस्ट के बाद अलग-अलग यूनिवर्सिटीज के ढेर सारे एडमिशन टेस्ट देने से राहत मिलेगी. साथ ही यूनिवर्सिटी में अब सीटें भी खाली नहीं रहेंगी. छात्र केवल एक परीक्षा सभी 45 यूनिवर्सिटीज में से किसी में भी एडमिशन ले सकेंगे. अभी तक सभी यूनिवर्सिटीज में एडमिशन के लिए कई अलग-अलग परीक्षाएं आयोजित होती थीं. ऐसे में स्टूडेंट्स को इतने सारे एग्जाम में हिस्सा लेने के लिए कई सेंटर्स पर भटकना पड़ता था और कई बार तो एक ही तारीख में एक से ज्यादा परीक्षाएं होने पर उन्हें एक न एक परीक्षा छोड़नी पड़ती थी.
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परीक्षा का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि छात्र कई बार अलग-अलग विश्वविद्यालय में परीक्षा देते हैं. हालांकि बाद में एडमिशन एक में ही लेते हैं. ऐसे में अन्य विश्वविद्यालयों में उसके नाम के सीट खाली रह जाती थी. जिस भरने की प्रक्रिया में काफी समय लगता था. इस परीक्षा से ना सिर्फ कट ऑफ का झंझट खत्म होगा बल्कि इससे स्टेट बोर्ड, सीबीएसई बोर्ड के नंबरों को लेकर होने वाली बहस भी खत्म होगी.
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