डीएनए हिंदी: देश के तीन और राज्य सांप्रदायिक हिंसा (Communal Violence) की जद में आए हैं. उत्तराखंड, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में एक के बाद एक कई हिंसक वारदातें हुई हैं. रविवार को तीनों राज्यों की पुलिस ने सांप्रदायिक हिंसा और दंगों की घटनाओं के सिलसिले में 140 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है. राज्यों में हिंसा का पैटर्न एक सा रहा है.
हिंसाएं शनिवार को हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) के मौके पर भड़की हैं. रविवार को, तीन राज्यों में पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए फ्लैग मार्च किया. प्रभावित क्षेत्रों में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए निषेधाज्ञा भी लगाई गई थी. पुलिस के मुताबिक तीन राज्यों में हिंसा और दंगों के संबंध में दर्ज कई प्राथमिकी रिपोर्ट (FIR) में कम से कम 300 लोगों का नाम सामने आया है.
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रामनवमी के बाद हनुमान जयंती पर भड़की हिंसा
राम नवमी (Ram Navami) के तत्काल बाद यह दूसरा मौका है जब इतने व्यापक स्तर पर हिंसाएं भड़की हैं. 9 और 10 अप्रैल को राम नवमी के शोभा यात्रा के दौरान राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश में इसी तरह की घटनाएं सामने आईं थीं. यह एक महीने के भीतर सांप्रदायिक हिंसाओं का दूसरा दौर है. दोनों त्योहारों के दौरान, सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में पहले हिंदू समूहों ने विशाल शोभा यात्रा निकाली थी. इसी दौरान सांप्रदायिक तनाव भड़का फिर हिंसा हुई.
उत्तराखंड में क्यों भड़की थी हिंसा?
उत्तराखंड के रुड़की में 114 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था. हनुमान जयंती के दिन एक समुदाय के लोगों ने हरिद्वार जिले के अंतर्गत आने वाले डंडा जलालपुर गांव में निकाली जा रही शोभा यात्रा के दौरान पथराव किया था. पुलिस का कहना है कि पथराव दोनों तरफ से हुआ था. जुलूस के दौरान एक कार और एक बाइक को उपद्रवियों ने आग के हवाले कर दिया.
हरिद्वार पुलिस ने कहा कि रविवार देर शाम 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. राज्य पुलिस के जवानों के साथ पीएसी (PAC) को गांव और उसके आसपास तैनात किया गया है. भगवानपुर थाने के थाना प्रभारी पीडी भट्ट ने कहा है कि हमने 14 नामजद लोगों और 100 अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
किन धाराओं के तहत दर्ज हुआ केस?
हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस के मुताबिक डंडा जलालपुर गांव के रहने वाले पवन कुमार और चंद्रवीर दोनों की शिकायत पर भगवानपुर थाने में मामला दर्ज किया गया है. भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 147 (दंगा), 148 (घातक हथियार से लैस), 149 (सामान्य उद्देश्य के साथ गैरकानूनी सभा), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 153 ए (धर्म के आधार पर दुश्मनी को बढ़ावा देना) के तहत मामला दर्ज किया गया है. 295 ए भी आरोपियों के खिलाफ लगाया गया है. यह धारा तब लगती है जब किसी शख्स पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने के लिए जानबूझकर, दुर्भावनापूर्ण कार्य करने का आरोप लगता है.
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कैसै काबू में हुई स्थितियां?
क्षेत्र में कानून-व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (हरिद्वार) योगेंद्र सिंह रावत ने भी भगवानपुर थाने में दोनों पक्षों के प्रतिनिधियों और वरिष्ठ नागरिकों के साथ शांति बैठक की. गढ़वाल संभाग के उप महानिरीक्षक कर्ण सिंह नांगियाल भी रविवार को गांव पहुंचे और अलग-अलग धार्मिक समूहों के प्रतिनिधियों के साथ शांति बैठक की.
आंध्र प्रदेश में क्यों भड़की थी हिंसा
आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले के होलागुंडा शहर में हनुमान जयंती शोभा यात्रा के दौरान हिंदू और मुस्लिम समूहों के बीच पथराव में कम से कम 15 लोग घायल हो गए. पुलिस ने कहा कि कर्नाटक सीमा से सटे एक गांव में रविवार को भी पथराव जारी रहा. पुलिस ने कहा है कि अब स्थिति शांतिपूर्ण है. अब तक 89 लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है.
अशांत क्षेत्र पर पुलिस की नजर बनी हुई है. कुरनूल में भड़की हिंसा की बड़ी वजह जुलूस ही रही. शनिवार शाम करीब 6 बजकर 30 मिनट पर हिंसा भड़की. हिंसा तब भड़की जब हनुमान जन्मोत्सव के दौरान शोभा यात्रा कस्बे के एर्ला कट्टा इलाके से गुजरा.
नमाज और शोभा यात्रा के दौरान भिड़ंत
शनिवार को हिंसा तब भड़की जब लोग एक इलाके मस्जिद में नमाज अदा कर रहे थे. जुलूस के दौरान तेज आवाज होने पर वहां मौजूद लोगों ने आपत्ति दर्ज की. देखते-देखते ही दोनों ओर से नारेबाजी शुरू कर दी गई और हिंसा भड़क गई. दोनों तरफ के लोगों ने पथराव किया. 15 लोग चोटिल हो गए. पुलिस अधिकारियों ने तत्काल मौके पर पहुंचकर स्थितियों को नियंत्रण में लिया. पुलिस के मुताबिक रविवार सुबह भी दोनों समूहों ने पथराव किया था. पुलिस बल बड़ी संख्या में पहुंचे और स्थितियों को नियंत्रण में लिया. पुलिस बल बड़ी संख्या में तैनात हैं.
कर्नाटक में क्यों भड़की थी हिंसा?
कर्नाटक में, एक आपत्तिजनक सोशल मीडिया पोस्ट के बाद हुबली में भी शनिवार देर रात हिंसा भड़क गई थी. हिंसा के सिलसिले में कम से कम 40 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. कर्नाटक के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने कहा कि भीड़ ने पुलिस को घेर लिया था और उन पर हमला कर दिया. एक पुलिस निरीक्षक की हालत गंभीर बताई जा रही है जबकि कम से कम 10 अन्य लोग भी जख्मी हुए हैं.
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शनिवार रात को ही इस सिलसिले में एक FIR दर्ज की गई है. कुछ पुलिसकर्मी हिंसा में घायल हो गए हैं. भीड़ ने पुलिस वाहनों में तोड़फोड़ की. शहर के अलग-अलग इलाकों में हिंसा भड़की. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में भी हिंसा का यही पैटर्न रहा.
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