डीएनए हिंदी: कैथोलिक देश चिली (Chile) ने समलैंगिक विवाहों (Same Sex Marriage) को कानूनी मान्यता दे दी है. लैटिन अमेरिकी देश चिली रूढ़िवादी देशों में शुमार है ऐसे में इस कानून की वैधानिक मान्यता को मानवाधिकार और समलैंगिक अधिकारों (LGBTQ) की लड़ाई लड़ने वाले कार्यकर्ताओं की बड़ी जीत मानी जा रही है. 

चिली में LGBTQ कम्युनिटी एक लंबे अरसे से समलैंगिक विवाहों को वैध करने की मांग कर रही है. चिली की संसद (Congress) ने इस मांग पर मुहर लगा दी है. संसद के दोनों सदनों में इस कानून को बहुमत से पास कर दिया गया है. अब चिली 31वां ऐसा देश बन गया है जहां समलैंगिक विवाह को मान्यता मिल गई है. लैटिन अमेरिका के कई देशों ने समलैंगिक विवाहों को मान्यता दी है.

चिली के प्रेसीडेंट सेबेस्टियन पिनेरा समलैंगिक विवाहों के हमेशा खिलाफ रहे हैं. उन्होंने जून में चौंकाने वाला रुख अपनाया और कहा कि वे समलैंगिक संगठनों के साथ हैं. उन्होंने चिली की संसद में कहा कि जल्द से जल्द वर्षों से लंबित (Pending) पड़े इस बिल को मंजूरी दी जाए. अब ऐसा कहा जा रहा है कि यह उनके कार्यकाल की अंतिम उपलब्धियों में से एक है. उनके कंजर्वेटिव सहयोगियों ने इस फैसले पर कड़ा ऐतराज जताया है. 

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चिली में 2010 से ही Same Sex Marriage की हो रही थी मांग

चिली की लेस्बियन, गे, बाइसेक्सुअल और ट्रांसजेंडर क्वीर कम्युनिटी (LGBT) साल 2010 से ही समलैंगिक विवाहों को मंजूरी देने की मांग कर रही थी.  चिली की संसद में बिल के पक्ष में 82 वोट पड़े वहीं विपक्ष में महज 20 वोट पड़े. ब्राजील और मैक्सिको जैसे बड़े देशों में कोर्ट ने समलैंगिक विवाहों को मान्यता दी है. लैटिन अमेरिका के ज्यादतर देशों में समलैंगिक युनियनों को वैध किया गया है.

सितंबर 2010 से ही चिली में समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने की मांग हो रही थी. यह मामला तब अचानक से तेजी से उठा जब सितंबर में सेसर पेराल्टा और हंस एरियस ने आवाज उठाई. दरअसल ये दोनों एक समलैंगिक कपल थे जो साथ में 2 बच्चों की परवरिश कर रहे थे. अपनी शादी को रजिस्टर करने जब सेंटियागो के एक सरकारी दफ्तर में पहुंचे तब इसे खारिज कर दिया गया. कपल जानता था कि यही होने वाला है. यह पहली बार था जब समलैंगिक संगठनों ने अपने हक की आवाज उठाई.

कानून से क्या आएंगे बदलाव?

चिली के नए कानून से समलैंगिक दंपतियों के बच्चों (बायोलॉजिकल या एडॉप्टेड) के पास संपत्ति संबंधित पैतृक अधिकार (Paternal Rights) होंगे, दांपत्य जीवन से जुड़े अधिकार भी मिलेंगे. गोद लेने से संबंधित कानूनों में भी बदलाव आएगा.

भारत में क्या कहता है समलैंगिक विवाह पर कानून?

भारत में समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता नहीं मिली है.
केवल समलैंगिक संबंध अब अपराध की श्रेणी से बाहर हो चुके हैं. सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिक संबंधों को मान्यता दे दी है. भारतीय दंड सहिंता की धारा 377 के तहत पहले समलैंगिकता को अपराध माना जाता था, सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया था. समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से हटा दिया गया है. भारत में समलैंगिक संगठनों को अभी लंबी कानूनी लड़ाई लड़नी है.

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Chile legalises same-sex marriage what Indian Law on LGBTQ
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चिली में समलैंगिक विवाह को मंजूरी, भारत में क्या कहता है कानून?
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