डीएनए हिंदी: Health News- केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना (Central Government Health Scheme) के तहत आने वाले कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है. केंद्र सरकार ने CGHS के तहत इलाज के पैकेज रेट करीब 9 साल बाद रिवाइज्ड कर दिए हैं. इन दामों को मौजूदा समय में निजी अस्पताल में इलाज कराने लायक बना दिया गया है. इससे जहां देश के 42 लाख CGHS मेंबर्स को लाभ होगा, वहीं इस स्कीम के तहत पैनल पर दर्ज अस्पताल भी अब इलाज करने में आनाकानी नहीं करेंगे. रिवाइज्ड पैकेज रेट के बाद जहां डॉक्टर की OPD फीस मौजूदा 150 रुपये से बढ़ाकर सीधे 350 रुपये कर दी गई है, वहीं अस्पताल में भर्ती होने पर भी CGHS के तहत होने वाले कमरे के किराये के भुगतान में भी मौजूदा रेट के मुकाबले डेढ़ गुना की बढ़ोतरी कर दी है. रिवाइज्ड रेट के बाद केंद्र सरकार अब CGHS कर्मचारियों पर 240 करोड़ रुपये से 300 करोड़ रुपये तक का अतिरिक्त खर्च करेगी.
साल 2014 में हुई थी आखिरी बार बढ़ोतरी, अस्पताल थे नाखुश
CGHS के तहत केंद्रीय कर्मचारी के इलाज के बदले में अस्पतालों को मिलने वाले खर्च में आखिरी बार साल 2014 में बढ़ोतरी की गई थी. इसके बाद से ये रेट रिवाइज्ड नहीं हुए थे. इसके चलते सीजीएचएस पैनल पर दर्ज अस्पताल नाखुश थे और बार-बार पैनल से हटने की धमकी दे रहे थे. इसके चलते केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पैकेज रेट में बढ़ोतरी की है. यह बढ़ोतरी सभी पक्षों से बातचीत के बाद बाजार में इलाज की मौजूदा दरों को ध्यान में रखते हुए की गई है.
ये हो गए हैं नए पैकेज रेट के तहत दाम
- OPD के लिए पुराने 150 रुपये को बढ़ाकर 350 रुपये कर दिया गया है.
- IPD CONSULTATIONS का रेट भी 300 रुपये से बढ़ाकर 350 रुपये किया गया है.
- ICU का चार्ज अब 862 रुपये के साथ सभी कैटेगरी के लिए 4,500 रुपये के प्राइवेट वार्ड को मिलाकर 5,400 रुपये कर दिया गया है.
- पहले ICU चार्ज 862 रुपये ही था, लेकिन रूम रेंट मरीज की कैटेगरी के हिसाब से तय होता था.
- अस्पताल में जनरल वार्ड का रूम रेंट 1,000 रुपये से बढ़ाकर 1,500 रुपये कर दिया गया है.
- सेमी-प्राइवेट वार्ड भी 2,000 रुपये से 3,000 रुपये और प्राइवेट वार्ड 3,000 रुपये से 4,500 रुपये का हो गया है.
वीडियो कॉल से ले पाएंगे रेफरल
पहले CGHS लाभार्थी को स्वयं CGHS वेलनेस सेंटर पर जाकर अस्पताल के लिए referral लेना पड़ता था, लेकिन अब अक्षम लाभार्थी अपनी जगह दूसरे को वेलनेस सेंटर भेजकर रेफरल ले सकता है. मेडिकल ऑफिसर उसके डॉक्यूमेंट चेक करके अस्पताल में भर्ती करने के लिए रेफर कर सकता है. इसके अलावा CGHS लाभार्थी को पहली बार वीडियो कॉल के जरिये भी अपनी जांच कराकर रेफरल लेने की सुविधा दे दी गई है.
जानिए क्या है CGHS स्कीम
CGHS स्कीम केंद्र सरकार के कर्मचारियों, पेंशनरों और उनके आश्रितों को कैशलेस इलाज की सुविधा देने वाली योजना है. इसके लिए लाभार्थी का CGHS कार्ड बनाया जाता है, जिसके जरिये इस योजना के सभी लाभ दिए जाते हैं. यह कार्ड CGHS की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर फॉर्म भरने के बाद आवश्यक दस्तावेज जमा कराकर बनवाया जा सकता है.
पूरे देश में फैला है नेटवर्क
CGHS के तहत फिलहाल देश में 42 लाख से ज्यादा लाभार्थी दर्ज हैं. इसके तहत देश के 79 शहरों में पैनल पर दर्ज 1,670 अस्पतालों में इलाज मिल रहा है. इसके कुल 338 एलोपैथिक सेंटर और 103 आयुष सिस्टम पूरे देश में बने हुए हैं. देश में 213 पैथोलॉजी लैब भी CGHS के तहत सेवाएं दे रही हैं.
यह मिलती है CGHS में सुविधाएं
- सरकारी अस्पतालों में स्पेशलिस्ट डॉक्टर से परामर्श व उपचार
- ओपीडी के दौरान होने वाला उपचार और दवाओं का खर्च
- इमरजेंसी कंडीशन में पैनल पर दर्ज निजी अस्पतालों में कैशलेस इलाज
- एक्सीडेंट के कारण दिव्यांग होने पर कृत्रिम अंग के लिए खर्च
- परिवार कल्याण और एमसीएच से जुड़ी सभी तरह की सेवाएं
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9 साल बाद बढ़े CGHS में इलाज के रेट, 42 लाख सरकारी कर्मचारियों को होगा लाभ