डीएनए हिंदी: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने आरोप लगाया है कि खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत का हाथ है. उन्होंने मंगलवार को कहा कि आतंकी की हत्या भारत ने की है. अब भारत और कनाडा में राजनयिक स्तर पर लड़ाई शुरू हो गई है. भारत की नीति रही है कि वह विदेश में हो रही किसी भी गतिविधि को लेकर कोई सख्त कदम नहीं उठाता है. वह स्थानीय सरकारों से एक्शन लेने को कहता है. कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अपने खालिस्तान प्रेम के चलते ऐसा बयान दिया है, जिसकी वजह से दोनों देशों के बीच दशकों से चले आ रहे मैत्रिपूर्ण संबंध प्रभावित हो गए हैं.
जस्टिन ट्रुडो के आरोपों का नतीजा यह निकला है कि भारत और कनाडा के बीच एक राजनयिक युद्ध छिड़ गया है, जिसमें राजनयिकों का निष्कासन भी हुआ है, वहीं ओटावा की ओर से भारत में रह रहे नागरिकों के लिए एडवाइजरी तक जारी हो गई है.
कनाडा को नहीं मिला दुनिया का साथ
कनाडा ने ऐसा दावा किया है कि जिसकी वजह से भारत के साथ संबंध प्रभावित हुए हैं. कनाडा चाहता था कि संयुक्त राज्य अमेरिका सहित उसके निकटतम सहयोगी एक साथ आएं और भारत की निंदा करें. वाशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक जस्टिन ट्रुडो की यह कोशिश कामयाब नहीं हो पाई क्योंकि कई देशों ने इस मांग से अपने कदम पीछे खींच लिए.
एक पश्चिमी अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि इस साल जून में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर के मर्डर को ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, न्यूजीलैंड, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका के कई सीनियर खुफिया अधिकारियों ने उठाया था. सितंबर के पहले सप्ताह में दिल्ली में होने वाले मेगा जी20 शिखर सम्मेलन में इस मामले को सार्वजनिक रूप से नहीं उठाया गया था. जस्टिन ट्रुडो ने यह दावा किया था कि उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी के सामने भी इस मुद्दो को उठाने की कोशिश की थी.
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शिखर सम्मेलन के समापन के ठीक एक हफ्ते बाद, कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो ने भारत सरकार पर एक गंभीर आरोप लगाया . उन्होंने कहा कि कनाडाई धरती पर एक 'कनाडाई नागरिक' की हत्या भारत ने की है.
कनाडा के सहयोगियों ने भारत के साथ अपने संबंधों को संभालने के लिए कनाडा के बयान से दूरी बनाई है. अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया ने जस्टिन ट्रूडो द्वारा लगाए गए आरोपों पर चिंता जाहिर की लेकिन जांच पूरी होने से पहले कोई टिप्पणी करने से परहेज किया.
कनाडा के आरोपों पर क्या कह रही है दुनिया?
व्हाइट हाउस ने कहा, 'हम अपने कनाडाई साझेदारों के साथ नियमित संपर्क में रहते हैं. यह महत्वपूर्ण है कि कनाडा की जांच आगे बढ़े और अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाया जाए.'
लंदन में ब्रिटेन सरकार के प्रवक्ता ने कहा, 'हम इन गंभीर आरोपों के बारे में अपने कनाडाई सहयोगियों के साथ संपर्क में हैं. कनाडाई अधिकारियों द्वारा चल रही जांच के दौरान टिप्पणी करना अनुचित होगा. भारत के साथ व्यापार वार्ता पहले की तरह जारी रहेगी.'
ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री पेनी वोंग के प्रवक्ता ने कहा कि कैनबरा कनाडा द्वारा लगाए गए आरोपों पर चिंतित हैं. प्रवक्ता ने कहा, 'हमने सीनियर स्तर पर भारत को अपनी चिंताओं से अवगत करा दिया है.' इस बीच, भारत ने अपने ऊपर लगे आरोपों को 'बेतुका'' और 'प्रेरित' बताते हुए सिरे से खारिज कर दिया है.
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विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को कहा, 'इस तरह के निराधार आरोप खालिस्तानी आतंकवादियों और चरमपंथियों से ध्यान हटाने की कोशिश करते हैं, जिन्हें कनाडा में आश्रय दिया गया है. वे भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए खतरा बने हुए हैं. इस मामले पर कनाडाई सरकार की निष्क्रियता लंबे समय से और निरंतर चिंता का विषय रही है.'
कौन था हरदीप सिंह निज्जर?
हरदीप सिंह निज्जर, की जून 2023 में एक गुरुद्वारे के बाहर दो अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. वह खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) का प्रमुख था. उसे जुलाई 2020 में UAPA के तहत भारत की ओर से 'आतंकवादी' करार दिया गया था. 2016 में निज्जर के खिलाफ एक इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया गया था. सरे की स्थानीय पुलिस ने भी निज्जर को 2018 में अस्थायी रूप से घर में नजरबंद कर दिया था लेकिन बाद में उसे रिहा कर दिया गया.
क्या था हरदीप सिंह पर आरोप?
2022 में पंजाब के जालंधर में एक हिंदू पुजारी की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगने के बाद NIA ने निज्जर पर 10 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था. भारत ने कई मौकों पर कनाडा में खालिस्तान समर्थक समूहों की मौजूदगी और भारत विरोधी गतिविधियों पर चिंता जताई है. पहले भी अलगाववादी नेता कनाडा की धरती पर खालिस्तानी जनमत संग्रह करा चुके हैं. कुछ हफ्ते पहले खालिस्तानी परेड के दौरान एक रैली में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के पोस्टर लहराए गए थे.
भारत ने खालिस्तानियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि कनाडा हमेशा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, विवेक की स्वतंत्रता और शांतिपूर्ण विरोध की स्वतंत्रता की रक्षा करेगा. कनाडा ने अपने खालिस्तान प्रेम की वजह से भारत के साथ रिश्ते बिगाड़ लिए हैं.
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