डीएनए हिंदी: भारतीय जनता पार्टी (BJP) लोकसभा चुनाव 2024 के लिए पूरी तरह से तैयार है. बीजेपी नेताओं को भरोसा है कि लोकसभा चुनाव में मोदी मैजिक, राम मंदिर, नेताओं का संगठनात्मक कौशल और 'लाभार्थी' फैक्टर का असर देखने को मिलेगा. बीजेपी मानती है कि योगी सरकार की बुलडोजर और ओबीसी पॉलिसी का भी लाभ चुनावों में मिलेगा. बीजेपी का 2024 के चुनावों के लिए यही चुनावी नुस्खा है. सोशल मीडिया टीम भी इसी के इर्द-गिर्द कैंपेन तैयार कर रही है.
बीजेपी कार्यकर्ताओं को भरोसा है कि योगी-मोदी फैक्टर चुनावों में बड़ी जीत दिलाएगा. दोनों नेताओं की लोकप्रियता अपने शिखर पर है. पार्टी यूपी में 80 की 80 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल करना चाहती है. बीजेपी के सामने मजबूत विपक्षी गठबंधन है. हो सकता है कि आने वाले दिनों में एनडीए गठबंधन के खिलाफ कुछ मजबूत चुनावी गठबंधन अस्तित्व में आएं.
योगी मैजिक भुनाएगी BJP
हिंदू नेता के तौर पर योगी आदित्यनाथ की लोकप्रियता देशभर में बढ़ रही है. उन्हें लोग बेहद सख्त प्रशासक मानते हैं. योगी मैजिक भी अब चुनावों में एक फैक्टर है. बीजेपी कार्यकर्ताओं को भरोसा है कि साल 2024 का लोकसभा चुनाव उनके हक में होगा. साल 2022 की विधानसभा जीत के बाद, यह योगी फैक्टर है इस राज्य में और मजबूत हो गया है. उत्तर प्रदेश में बीजेपी की अब तक केवल एक ही रणनीति रही है और वह है चुनाव के लिए कार्यकर्ताओं को एकजुट रखना और हर बूथ का नियमित रूप से दौरा करना.
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पार्टी के पदाधिकारियों का कहना है कि हमारे पास मोदी और योगी जैसे करिश्माई नेता हैं और हमें बस अपने सैनिकों को आत्मसंतुष्ट होने से रोकना है. हमारे नेता और विस्तारक काम पर हैं. हमारे नेता उन सीटों पर काम कर रहे हैं जहां पार्टी तुलनात्मक रूप से कमजोर दिखती है.'
सुनील बंसल तय कर रहे हैं बीजेपी की रणनीति
संगठनात्मक मोर्चे पर, इस बात की जोरदार चर्चा है कि यूपी में पिछले चुनावों में जादू चलाने वाले सुनील बंसल को 2024 के चुनावों से पहले राज्य की कमान संभालने के लिए कहा गया है. सुनील बंसल राज्य संभालना जानते हैं और कैडरों को बाखूबी जानते हैं. यूपी में 2024 के लिए उम्मीदवारों के चयन में भी उनकी अहम भूमिका हो सकती है.
बीजेपी भी सत्ता विरोधी लहर का मुकाबला करने के लिए उम्मीदवारों को बदलने की तैयारी कर रही है. पार्टी सूत्रों का दावा है कि कुछ उम्मीदवारों को 70 वर्ष से ज्यादा की आयु सीमा पार करने की वजह से बाहर की राह दिखाई जा सकती है. कई उम्मीदवारों को उनके लोकसभा सीटों पर खराब प्रदर्शन की वजह से टिकट नहीं मिलेगा.
विपक्षी खामियों के सहारे मजबूत होगी कैंपेनिंग
बीजेपी बेहद सधे हुए कदमों से विपक्ष को घेरने की कोशिश में जुटा है. विपक्षी एकता अभी मजबूत नहीं हुई है, इसलिए ही कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी जैसे दलों को भाई-भतीजावाद पर घेरने की तैयारी बीजेपी कर रही है. भ्रष्टाचार और राष्ट्रवाद को लेकर भी बीजेपी विपक्ष को घेरेगी. विपक्षी एकता की कमजोरी का फायदा, बीजेपी उठाने की कोशिश करेगी.
लाभार्थी वोट बैंक पर है बीजेपी की नजर
बीजेपी सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों को अपना कोर वोटबैंक मानती है.अल्पसंख्यक और दलितों का एक बड़ा वर्ग, इन योजनाओं का लाभार्थी है. पार्टी के एक पदाधिकारी ने कहा, 'ये वे समूह हैं जो केंद्र और राज्य सरकारों की योजनाओं से लाभान्वित हुए हैं और हम उन तक पहुंच रहे हैं. यह जाति या धर्म का सवाल नहीं है, बल्कि लाभ न पाने वालों का सवाल है.'
बुलडोजर फैक्टर कितना असरदार?
मध्यम वर्ग और कथित ऊंची जातियों को भी लुभाने का प्लान बीजेपी के पास है. माफिया के खिलाफ योगी का बुलडोजर अभियान भी पार्टी की चुनावी रणनीति का हिस्सा होगा. पदाधिकारियों का कहना है व्यापारी और बिल्डर अब जबरन वसूली की शिकायत नहीं कर रहे हैं और माफिया द्वारा जमीन पर कब्जा नहीं किया जा रहा है. इसका इस्तेमाल अभियान में लाभ के लिए किया जाएगा.
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समाचार एजेंसी IANS की एक रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी,अपने पक्ष में मौजूद कारकों के बावजूद, आत्मसंतुष्टि नहीं आने दे रही है. पार्टी पहले ही अपने बिछड़े हुए सहयोगी- सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) और दारा सिंह चौहान जैसे नेताओं को वापस ले आई है, जिन्होंने पार्टी छोड़ दी थी. विधानसभा चुनावों में इन नेताओं ने बीजेपी से किनारा कर लिया था.
राजभर मजबूत करेंगे OBC वोटबैंक?
एसबीएसपी नेता ओम प्रकाश राजभर अब बीजेपी के लिए गीत गा रहे हैं. उनका भरोसा है कि ओबीसी वर्ग का उन्हें भरपूर समर्थन मिलेगा. विपक्ष को चुनौती देने और आलोचकों का मुकाबला करने के लिए पार्टी की सोशल मीडिया टीम को रीबूट किया जा रहा है. जहां तक स्टार प्रचारकों की बात है तो बीजेपी फिल्मी सितारों और क्रिकेटरों की तरफ नहीं देख रही है. बीजेपी कार्यकर्ताओं का कहना है कि जब हमारे पास मोदी और योगी हैं तो सेलिब्रिटीज की जरूरत किसे है. ये दोनों ही काफी हैं.
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