डीएनए हिंदी: पाइरेट्स ऑफ करेबियम (Pirates of the Caribbean) फेम एक्टर जॉनी डेप (Johny Depp) और उनकी एक्स वाइफ एंबर हर्ड (Amber Heard) इन दिनों अपनी पर्सनल लाइफ में आए भूचाल के कारण सुर्खियों में हैं. कोर्ट में दोनों के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है. एम्बर हर्ड ने अपने पूर्व पति डेप के खिलाफ घरेलू हिंसा का आरोप लगाया था जिसके बाद जॉनी ने एंबर पर उनकी छवि खराब करने का आरोप लगाते हुए एंहर पर 50 मीलियन डॉलर का मानहानी का केस भी दर्ज किया है.
इसी बीच एंबर हर्ड के वकील ने बताया है कि एंबर पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (Post-traumatic stress disorder) से जूझ रही हैं. एंबर के डॉक्टर ने बताया, "जब मिस्टर डेप नशे में होतो तो वो उसे बिस्तर पर फेंक देते थे. उसका नाइटगाउन फाड़ देते थे, और उसके साथ यौन संबंध बनाने की कोशिश करते थे. कई बार जब वो गुस्से में होते तो ओरल सेक्स के लिए एंबर को मजबूर करते थे.,
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क्या है PTSD
पोस्ट-ट्रोमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD), एक मेंटल डिसऑर्डर (Mental Disorder) है जिसमें व्यक्ति अपने साथ घटी या देखी गई घटनाओं पर वर्तमान में प्रतिक्रया देता है. इस डिसऑर्डर के कारण पुरानी बातों का बार-बार याद आना, बुरे सपने आना और ध्यान केंद्रित ना कर पाने जैसी समस्याएं होती हैं. एक रिसर्च के अनुसार मानव मस्तिष्क का खास हिस्सा भावनाओं को नियंत्रित करने का काम करता है. हिंसक माहौल में पलने या बचपन में यौन दुर्व्यहार झेलने वाले बच्चों के साथ भी ऐसी समस्या हो सकती है. इसके अलावा परिवार के किसी सदस्य की मौत या एक्सीडेंट के कारण सदमा होने पर भी इसका खतरा रहता है.
PTSD के लक्षण
पीटीएसडी के लक्षण कुछ लोगों में दुर्घटना के तुरंत बाद, जबकि कुछ लोगों में सालों बाद भी नजर आते हैं. घटना की यादों को चाहकर भी न भूल पाना, नकारात्मक सोच या मनोदशा और शारीरिक व भावनात्मक प्रतिक्रियाओं में परिवर्तन इसके आम लक्षण हैं.
- PTSD के कारण पीड़ित को रात में बुरे सपने आने लगते हैं. जो नींद पर भी बुरा असर डालते हैं.
- सोने और ध्यान केंद्रित करने में परेशानी, दर्दनाक घटना को लेकर बुरे सपने आना.
- चीजों को याद रखने में परेशानी आने लगती है, क्योंकि पीड़ित के दिमाग में बस बुरी घटना के खयाल ही आते रहते हैं.
- इस मेंटल डिसऑर्डर में व्यक्ति चिड़चिड़ा हो जाता है और किसी से भी ज्यादा बात करना पसंद नहीं करता.
- दुर्घटना वाले स्थान या उन लोगों से मिलने से बचना, जिन्हें देखकर दुर्घटना की याद आती हो.
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क्या है इसका इलाज
इस बीमारी का इलाज मनोवैज्ञानिक द्वारा ही किया जा सकता है. ये इलाज लंबे समय तक या फिर जिंदगीभर चल सकता है. इस दौरान मरीज के ट्रीटमेंट के लिए काउंसलिंग, हिप्नोसिस और दवाइयों का सहारा लिया जाता है. ऐसे में व्यक्ति को चाहिए कि वो अपनों से मिले और उन्हें परेशानी बताए. रोजाना एक्सरसाइज करे. समय पर नाश्ता और खाना ले. विचारों को सकारात्मक रखें और नकारात्मक लोगों से दूरी बनाएं.
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