दिल्ली. देश की राजधानी. नौकरी तो कभी शिक्षा के लिए देश की एक बड़ी आबादी इस विशाल शहर का रुख करती है. छात्रों से लेकर नौकरी पेशाओं तक को उम्मीद रहती है कि दिल्ली जाएंगे तो फ्यूचर सिक्योर होगा. शायद ये उज्जवल भविष्य और कुछ बनने की चाह ही थी जिसके चलते आंखों में IAS बनने का सपना लिए उत्तर प्रदेश की श्रेया यादव, तेलंगाना की तान्या सोनी और केरल के नवीन दलविन दिल्ली आए. कुछ सपनों के लिए इंसान को भारी कीमत चुकानी पड़ती है. इन तीनों ने भी चुकाई और अपनी जान से हाथ धो बैठे. इन तीनों की मौत के बाद से ही दिल्ली स्थित ओल्ड राजेंद्र नगर और वहां फैला कोचिंग संस्थानों का मकड़जाल सुर्ख़ियों में है.
क्या गली नुक्कड़ और चौराहे, क्या मीडिया के न्यूज़रूम हर जगह इस बेसमेंट हादसे को लेकर बातें हो रही हैं. सवालों के घेरे में कोचिंग संस्थान और वो तमाम सुविधाएं हैं जो इन इंस्टीट्यूट्स की तरफ से छात्रों को मुहैया कराई जाती हैं. एक ऐसे वक्त में जब या तो सरकारी नौकरियां हैं नहीं या फिर जब पेपर लीक की घटनाएं आम हों. तैयारी करने वाले छात्रों के सामने चुनौतियों का पहाड़ है.
ऐसे में दुर्गम स्थानों से दिल्ली पढ़ने के लिए आए छात्रों का नाले के पानी में डूब के मर जाना सिर्फ दिल्ली को ही नहीं पूरे देश और सिस्टम को इसलिए भी शर्मसार करता है. क्योंकि दिल्ली में बादल तो हर रोज ही आ रहे हैं लेकिन अभी बारिश हुई नहीं.गर्मी ऐसी है कि 'सूखे' जैसे हालात हैं. मौत को बस चूक का नाम देकर हर कोई उससे पिंड छुड़ाने की फिराक में है.
बहरहाल राजधानी में हुई छात्रों की इस दर्दनाक मौत ने सोशल मीडिया को स्तब्ध कर दिया. तमाम यूजर्स हैं जो अपने ट्वीट्स में हैश टैग ORN का इस्तेमाल कर रहे हैं जिसके बाद ये पूरा हैश टैग ट्रेंड में आ गया है. ऐसे में तमाम बातों के बीच हमारे लिए भी ये समझना जरूरी हो जाता है कि हैश टैग ORN है क्या? बताते चलें कि ORN का अर्थ और कुछ नहीं बल्कि ओल्ड राजेंद्र नगर (Old Rajinder Nagar) है.
I was an aspirant and lived in Rajinder Nagar and went to libraries. I could have been one of them, you could have been one of them. It is not just tragic but it is heart-wrenching and the loss of human life makes me speechless. I am a parent and the pain of a parent losing a…
— Dr.Tanu Jain (@DrTanuJain1) July 28, 2024
ध्यान रहे कि प्रतियोगी परीक्षाओं उसमें भी सिविल सर्विसेज की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स ओल्ड राजेंद्र नगर के लिए ORN का इस्तेमाल करते हैं. ओल्ड राजेंद्र नगर दिल्ली का वो इलाका है, जहां तमाम बड़े कोचिंग इंस्टीट्यूट्स हैं.
Profit hungry institutions, Landlords, govt system have made this condition, now they play blame games on each other.
— srashti konkani (@s_k_1710) July 29, 2024
Can't even think what their Families are going through...🙏🙏
Very disturbing to see these and this is our capital Dehli#ORN #UPSCaspirants #upsccoaching pic.twitter.com/m8skrndNLz
स्टूडेंट्स का हब कहलाए जाने वाले दिल्ली के इसी हिस्से में एक कोचिंग सेंटर में वो हादसा हुआ जिसने पूरे देश को हिला कर रख दिया. चूंकि जैसा हमारा सिस्टम है सोशल मीडिया उसमें भी X ही वो टूल है जिसपर इंसान अपनी भड़ास निकाल सकता है इसलिए हैश टैग ORN पर ट्वीट्स की बाढ़ आ गई है.
केवल #BeimaniKaBasement ही नहीं है, बल्कि रूम, लाइब्रेरी, कोचिंग सब मनमानी के हैं।
— Chunnilal Choudhary (@c_l_bhadu) July 29, 2024
कोई अंकुश नहीं हैं, छात्रों का गुस्सा एक दिन फूटना ही था, जो आज इस सिस्टम कारित हत्या के बाद फूट ही गया।
मुखर्जी नगर#ORN #studentlivesmatter #OldRajinderNagar #DelhiCoaching #UPSCaspirants pic.twitter.com/XvtBwmpbHe
मामले पर ट्वीट करके स्टूडेंट्स न केवल अपना गुस्सा निकाल रहे हैं. बल्कि ये भी बता रहे हैं कि चाहे वो मकान मालिकों का रचा चक्रव्यूह हो. या फिर कोचिंग संस्थानों तक लाने के लिए ब्रोकर्स द्वारा की जाने वाली धांधली. ऐसी तमाम चीजें हैं जो ये बताने के लिए काफी हैं कि शिक्षा के लिए ORN पहुंचने वाले स्टूडेंट्स हाड़ और मांस का वो टुकड़ा है, जिसे नोचने के लिए तमाम लोग गिद्ध बने बैठे हैं.
सोचने वाली बात है कि जितना बड़ा किसी छोटे शहर के घरों का बाथरूम होता है अगर ORN में उतने बड़े कमरे (जिसे ब्रोकर्स फ्लैट की संज्ञा देते हैं ) में स्टूडेंट्स रहकर पढ़ाई कर रहे हैं तो इसी पूरी प्रक्रिया को आपदा में अवसर कहना कहीं से गलत नहीं है.
Thousands of #NEET_PG & #FMG aspirants living in Gautam Nagar also facing same issue as happened in #ORN .
— Dr Manish Jangra (@Dr_ManishJangra) July 29, 2024
There too a lot of basement libraries & renowned Coaching institute are operating.
A lot of Doctors lives on stake !@MCD_Delhi @OberoiShelly @AtishiAAP @ANI @CPDelhi pic.twitter.com/G6QLCj8Z9C
वाक़ई कितना तनाव रहता होगा ORN या ओल्ड राजेंद्र नगर में रह कर पढ़ाई करने वाले किसी छात्र को. खुद सोचिये आप पहले फीस के रूप में लाखों दिए जाएं, फिर ब्रोकर से खुशामद कर बंद अंधेरे कमरों में रहा जाए और फिर एक दिन बेसमेंट में पानी भरने के बाद मौत...
Our demands....
— Saurabh 🇮🇳 (@saurabhk_83) July 29, 2024
Sir @anandmahindra pls do tweet for us....#ORN #UPSCaspirants pic.twitter.com/uHL9tR1RvU
भले ही तीन छात्रों की मौत के बाद ये मामला गर्माया हो मगर ये अनियमितता कोई आज की नहीं है. बरसों बरस से ऐसा होता चला आ रहा है. जाहिर है एक मोटा चढ़ावा होगा जो कोचिंग संस्थानों और स्थानीय मकानों की तरफ से शासन प्रशासन को जाता होगा.
People pay tribute to #UPSCaspirants nilesh Roy . In patel nagar delhi and doing candles march toward orn .. #WeWantJustice #UPSCaspirantsorn #ORN pic.twitter.com/lojF9mucdH
— Kuldip Yadav (@kuldipboss) July 29, 2024
यूं तो इस पूरे मामले में सवालों के घेरे में कई लोग हैं लेकिन हम उन IAS अफसरों से जरूर सवाल करेंगे जो इसी ORN की तंग गलियों, दम घोटू मकानों में रहकर पढ़ने के बाद अधिकारी बने हैं. क्या फिर कभी वो यहां लौटे? क्या कभी उन्होंने यहां की समस्याओं का संज्ञान लिया? शायद जवाब हो नहीं.
one girl and two boys have tragically died due to flooding in the basement of an IAS coaching centre in Delhi’s Karol Bagh.#UPSC #UPSC2024 #ORN #KarolBagh #DelhiRains pic.twitter.com/WCamCF0Eva
— BLACKWOLF (@wohkhahai) July 27, 2024
कह सकते हैं कि स्टूडेंट्स एक भेड़ चाल चल रहे हैं. इन्हें दिल्ली और दिल्ली में भी ORN आना है. रहना है. पढ़ना है. कुछ बनना है नहीं तो फिर खाली हाथ लौट जाना है. ठीक वैसे जैसे श्रेया यादव, तान्या सोनी और नवीन दलविन गए कभी न लौट आने के लिए.
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