प्रवर्तन निदेशालय या ईडी का नाम तो सब जानते हैं लेकिन कम रही लोग इसकी जांच, प्रक्रिया और अधिकार क्षेत्र के बारे में जानते हैं. जांच एजेंसी होने के बाद भी प्रवर्तन निदेशालय सीबीआई या पुलिस नहीं है बल्कि उससे काफी अलग है. समझें क्या है ईडी और किस अपराध पर लगाम लगाने के लिए इसकी नियुक्ति की गई है.
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प्रवर्तन निदेशालय का काम मुख्य तौर पर आर्थिक अपराधों पर नियंत्रण लगाना है. ईडी के पास फेरा 1973 और फेमा 1999 (विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम) के तहत वित्तीय जांच करने का अधिकार है. देश या विदेश में किसी भारतीय नागरिक का अवैध तरीके से संपत्ति बनाना, उसकी जानकारी छुपाने जैसे आरोपों की जांच भी ईडी ही करता है. ईडी के पास विदेश में किसी भी अवैध संपत्ति पर कार्यवाही करने, मनी लांड्रिंग की जांच और रोक लगाने का अधिकार है.
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प्रवर्तन निदेशालय मुख्य तौर पर वित्तीय लेन-देन से जुड़े अपराधों पर नियंत्रण और जांच के लिए है. भारत में ईडी के 10 जोनल कार्यालय और एक मुख्य कार्यालय है. वित्त से जुड़े अपराधों की रोकथाम की वजह से प्रवर्तन निदेशालय का काम बेहद जटिल माना जाता है. हवाला, मनी लॉन्ड्रिंग जैसे काम सिर्फ आर्थिक अपराध तक सीमित नहीं हैं बल्कि इनका एक वैश्विक नेटवर्क भी है.
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सीबीआई और ईडी में मुख्य फर्क अपराध की प्रवृति और जांच का है. सीबीआई हर तरह के अपराधों की रोकथाम के लिए है और उनकी जांच करती है. इनमें आर्थिक से लेकर हत्या, रेप जैसे अपराध भी शामिल हैं. प्रवर्तन निदेशालय सिर्फ आर्थिक अपराधों पर नियंत्रण के लिए है. कई बार कुछ अपराध ऐसे होते हैं जिनके तार विदेशी लेन-देन, विदेश में संपत्ति या हवाला से भी जुड़े होते हैं. ऐसे हालात में सीबीआई या पुलिस विभाग जांच में ED से मदद लेती है.
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विदेशों में संपत्ति बनाने, अवैध ढंग से जमीन खरीदने जैसे आरोपों की वजह से रॉबर्ट वाड्रा से प्रवर्तन निदेशालय कई बार लंबी पूछताछ कर चुका है. कुछ दिन पहले जैकलीन फर्नांडीज से भी ईडी ने ठग सुकेश चंद्रशेखरन मामले में लंबी पूछताछ की थी. पनामा पेपर केस में ऐश्वर्या राय से भी प्रवर्तन निदेशालय पूछताछ कर चुका है.
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प्रवर्तन निदेशालय और राज्यों की पुलिस या सुरक्षा बलों से ED के काम करने का तरीका और प्रवृत्ति अलग है. इन सभी एजेंसियों का दायित्व देश की सुरक्षा ही है. प्रवर्तन निदेशालय के जिम्मे देश के अर्थतंत्र की सुरक्षा है जिसे किसी भी देश के विकास की रीढ़ माना जाता है. पुलिस और सुरक्षा बल जहां सुरक्षा और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए जुटे रहते हैं, वहीं प्रवर्तन निदेशालय देश के संसाधनों और अर्थतंत्र की सुरक्षा के लिए काम करते हैं.