डीएनए हिंदी: चक्रवात बिपरजॉय गुजरात के मुहाने पर खड़ा है. इसका असर यह है कि पूरे उत्तर भारत में तेज हवाएं चलने लगी हैं. मौसम विभाग के मुताबिक, बिपरजॉय जब गुजरात के तट पर पहुंचेगा तो उसकी रफ्तार 150 किलोमीटर प्रति घंटे से भी ज्यादा होगी. इतनी तेज हवा से पेड़ भी उखड़ सकते हैं और कमजोर घरों को भी भीषण नुकसान पहुंच सकता है. यही वजह है कि NDRF और सेना बिल्कुल अलर्ट मोड पर हैं. मछुआरों और तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों को समुद्र की ओर जाने से रोक दिया गया है.
आशंका जताई जा रही है कि इतनी तेज रफ्तार से तूफान आने की वजह से घरों, पेड़ों, झुग्गियों, टीन से बने घरों और कई अन्य ढांचों को भीषण नुकसान पहुंच सकता है. इसके अलावा, बिजली के खंबे उखड़ने से बिजली सप्लाई भी बाधित हो सकती है. यही वजह है कि बिजली विभाग ने भी अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं. आइए समझते हैं कि हवा की कितनी रफ्तार कितना नुकसान पहुंचा सकती है.
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0-5 kmph: इसे हल्की हवा कहा जा सकता है और धुएं से इस तरह की हवा की दिशा देखी जा सकती है. हवा की दिशा बताने वाले यंत्र (Wind Vane) इतनी धीमी हवा से प्रभावित नहीं होते हैं.
6-11 kmph: इस हवा को चेहरे पर महसूस किया जा सकता है. विंड वेन इससे घूम जाते हैं और समुद्र में हल्का असर दिखने लगता है.
12-19 kmph: इतनी रफ्तार की हवा से छोटे-छोटे पौधे तेजी से हिलने लगते हैं और बड़े पेड़ों की पत्तियां लगातार हिलती हैं. समुद्री में थोड़ी बड़ी लहरें दिखने लगती हैं.
Cyclone Biparjoy | The cyclone is expected to make landfall between 4-5pm today. 46,000 people evacuated & shifted to shelter homes. 6 NDRF, 3 RPF teams, 2 SDRF teams & 8 columns of Army on standby. More than 20,000 animals have been taken to safer places. Adequate amount of… pic.twitter.com/GgEiTCW1br
— ANI (@ANI) June 15, 2023
20-29 kmph: हवा की रफ्तार 20 kmph के पार होने पर धूल के हल्के कण और कागज उड़ने लगते हैं. छोटी डालियां हिलती हैं और समुद्र में छोटी लहरें लगातार आने लगती हैं.
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29-38 kmph: छोटे पौधों की पत्तियां जोर से हिलती हैं और नदियों, तालाबों और अन्य जलाशयों के पानी पर भी असर दिखने लगता है. समुद्री लहरें बढ़ने लगती हैं और उनकी ऊंची 2 मीटर तक पहुंच सकती है.
38-49 kmph: पेड़ों की मोटी टहनियां भी हिलने लगती हैं. टेलीग्राफ के तारों में आवाज आने लगती है और इतनी हवा में छाता संभालना मुश्किल हो जाता है. लहरें बड़ी हो जाती हैं और उनकी ऊंचाई 3 मीटर तक पहुंच जाती है.
50-61 kmph: पूरा पेड़ हिलने लगता है. हवा की वजह से पैदल चलने में दिक्कत होने लगती है और समुद्र में झाग बहने लगती है.
62-74 kmph: पेड़ों से छोटी पत्तियां, कोपलें और कमजोर टहनियां टूटने लगती हैं. समुद्र में लहरें अब चक्कर काटने लगती हैं. लहरों की ऊंचाई 5.5 मीटर तक पहुंच जाती है.
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75-88 kmph: हवाएं इस रफ्तार पर पहुंचने के बाद नुकसान शुरू हो जाता है. खपरैल, कमजोर टिन की छतें और छोटे-मोटे पेड़ उखड़ जाते हैं. समुद्री लहरों का असर अब साफ दिखने लगता है.
89-102 kmph: इस रफ्तार की हवा को तूफान कहा जाता है. इसमें बड़े पेड़ उखड़ जाते हैं, कमजोर घर गिर सकते हैं और समुद्र की सतह पूरी तरह से सफेद दिखने लगती है.
'Biparjoy' is a Very Severe Cyclonic Storm with damaging potential. 2-3m high tidal waves are expected in Kachchh and extremely heavy rainfall with high windspeed expected in Porbandar and Dwarka districts: Dr Mrityunjay Mohapatra, Director General, IMD pic.twitter.com/BwTzeCT54n
— ANI (@ANI) June 15, 2023
103-117 kmph: इस तरह की हवाएं बहुत कम ही मौकों पर चलती हैं लेकिन नुकसान पहुत ज्यादा पहुंचाती हैं. इतनी तेज हवा में समुद्र में चल रहे जहाज खो सकते हैं और पलट भी सकते हैं.
118+ kmph: इस रफ्तार से ज्यादा रफ्तार वाली हवा को चक्रवाती तूफान कहा जाता है. इससे भयंकर तबाही मचती है. पेड़, खंबे, घर और कई अन्य ढांचे धराशायी हो सकते हैं. समुद्री लहरों की ऊंचाई 14 मीटर से भी ज्यादा हो सकती है.
मौसम विभाग ने बार-बार कहा है कि बिपरजॉय की रफ्तार इतनी है कि वह भयंकर तबाही मचा सकता है. इससे पहले आए ताउते चक्रवात ने भी इसी तरह की तबाही मचाई थी और कई लोगों की जान गई थी.
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हवा की रफ्तार से समझिए कितना है खतरा, 90 में उखड़ जाते हैं पेड़, बिपरजॉय की स्पीड है 150+