डीएनए हिंदी: बीते तीन-चार दिनों से दिल्ली-एनसीआर में बारिश (Delhi-NCR Rain) हो रही है. बारिश इतनी ज्यादा है कि आम लोगों का जीवन बेहाल है. नोएडा और गुरुग्राम जैसे शहरों में बारिश के चलते स्कूल बंद करने पड़े हैं. रास्तों पर पानी भरा होने से घंटों तक ट्रैफिक जाम (Traffic Jam) लग रहा है. मौसम विभाग (Meteorological Department) ने कहा है कि जिस तरह से बारिश हो रही है उससे लगता है कि आने वाले तीन-चार दिनों तक ऐसे ही हालात रहेंगे. इस साल बहुत कम बारिश से परेशान आम लोग भी हैरान हैं कि अब अचानक से सितंबर में कैसे बारिश होने लगी? बारिश भी इतनी ज्यादा है जितनी जुलाई-अगस्त के महीने में भी नहीं हो पाई.
भारत समेत दुनिया के कई देशों में देखा जा रहा है कि बारिश का पैटर्न बदल रहा है. ज्यादा बारिश वाले कई इलाकों में बारिश कम हो रही है और कम बारिश वाले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हो जा रहे हैं. इसके अलावा, बारिश के समय में भी काफी बड़ा अंतर देखने को मिल रहा है. पिछले साल और उसके पिछले साल भी सितंबर के महीने में जमकर बारिश हुई थी. बारिश के बदलते पैटर्न के पीछे कई फैक्टर काम करते हैं. आइए विस्तार से समझते हैं...
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La Nina Effect है अहम
बारिश होने या न होने की कोई एक वजह नहीं होती है. मौसम वैज्ञानिकों का भी यही कहना है कि सितंबर की बारिश के पीछे की कोई एक तय वजह नहीं है. हालांकि, पिछले कुछ सालों में सितंबर में हो रही बारिश का बड़ा कारण La Nina Effect (ला नीना) है. इसमें होता ये है कि प्रशांत महासागर के मध्य में मौसम ठंडा हो जाता है और मॉनसून वाली बारिश ज्यादा होने लगती है.
मौसम विभाग के मुताबिक, 'वर्तमान में इक्वेटोरियल पैसिफिक रीजन में ला नीना की स्थिति बनी हुई है. अभी का अनुमान यह है कि ऐसे ही हालात हाल के अंत तक रहेंगे. यानी सर्दी के मौसम में भी इस साल बारिश होने की पूरी-पूरी संभावना जताई जा रही है.' मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि इस साल सितंबर की बारिश पिछले कुछ सालों की तुलना में ज्यादा होने वाली है.
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Low Pressure System
बारिश होने के पीछे का मुख्य खेल तापमान और दबाव का होता है. गर्मी बढ़ती है तो हवा का दबाव कम होता है और हवा ऊपर उठ जाती है, इसके बाद ज्यादा दबाव वाले क्षेत्र के बादल कम दबाव वाले क्षेत्र की ओर आते हैं और बारिश होती है. ऐसे ही लो प्रेशर सिस्टम की वजह से सितंबर में बारिश होती है.
लौटता हुआ मॉनसून भी बड़ी वजह
सितंबर और दिसंबर-जनवरी जैसे महीनों में बारिश का कारण लौटता हुआ मॉनसून भी होता है. आमतौर पर 17 सितंबर से मॉनसून लौटना शुरू कर देता है. इस साल तीन दिन की देरी से यानी 20 सितंबर से मॉनसून का लौटना शुरू हुआ है. ला नीना प्रभाव और लो प्रेशर सिस्टम की वजह से मॉनसून के लौटने में लगभग चार हफ्ते का समय लगेगा और अगले कुछ हफ्तों तक बारिश होने की पूरी संभावना है.
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Delhi Rains: सितंबर महीने में क्यों हो रही है इतनी बारिश? जानिए क्या है वजह