डीएनए हिंदी: आम आदमी पार्टी (AAP) के युवा राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा हर समय चर्चा में रहते हैं. हाल ही में उन्होंने बॉलीवुड अभिनेत्री परिणीति चोपड़ा से शादी की है. शादी के कुछ ही दिन बाद उनके सामने एक मुश्किल खड़ी हो गई है. राघव चड्ढा को अपना सरकारी आवास खाली करना होगा. अदालत ने उनके बंगला खाली करने पर लगी रोक हटा ली है. अब उन्हें टाइप-7 का बंगला खाली करना होगा और इसके बदले उन्हें दूसरा बंगला दिया जाएगा. राघव चड्ढा पहले भी एक बंगला लेने से इनकार कर चुके हैं, जिसके बाद उन्हें यह टाइप-7 का बंगला दिया गया था.
राज्यसभा सांसद बनने से पहले राघव चड्ढा दिल्ली के विधायक थे. 2 मई 2022 को राघव चड्ढा ने पंजाब से राज्यसभा सांसद के तौर पर शपथ ली. इसके लगभग दो महीने बाद जुलाई महीने में राघव चड्ढा को पंडारा पार्क स्थित बंगला नंबर C-1/12 अलॉट कर दिया गया. राघव को मिला यह बंगला टाइप-6C कैटेगरी का था क्योंकि वह पहली बार सांसद बने थे. हालांकि, तीन बेडरूम सेट वाला यह घर राघव चड्ढा को पंसद नहीं आया.
राघव ने मांगा था दूसरा बंगला
बंगला पसंद न आने पर राघव चड्ढा ने राज्यसभा के चेयरमैन को चिट्ठी लिखी और उनसे अनुरोध किया कि उन्हें टाइप-7 का बंगला दिया जाए. रइशके बाद उन्हें टाइप-7 का बंगला AB-5 अलॉट कर दिया गया जो कि पंडारा रोड पर ही थी. 9 नवंबर 2022 को राघव चड्ढा इस बंगले में शिफ्ट भी हो गए.
यह भी पढ़ें- इजराइल और हमास में जंग, अब तक क्या कुछ हुआ? 5 पॉइंट्स में समझें
3 महीने बाद ही राज्यसभा सचिवालय ने राघव चड्ढा को नोटिस जारी कर दिया कि वह इस बंगले को खाली करें. राघव चड्ढा ने इस नोटिस के खिलाफ पटियाला हाउस कोर्ट में अपील दायर कर दी. उनका तर्क था कि अभी उनका कार्यकाल 4 साल बचा हुआ है तो उनसे बंगला खाली नहीं करवाया जाना चाहिए. पटियाला हाउस कोर्ट ने 18 अप्रैल 2023 को इस नोटिस पर रोक लगा दी थी.
अब क्या बदल गया?
पटिलाया हाउस कोर्ट ने ही 6 अक्टूबर 2023 को यह रोक हटा ली और माना कि राज्यसभा सचिवालय की ओर से जारी किया गया नोटिस सही है. यानी राघव चड्ढा को टाइप-7 का बंगला खाली करना होगा. सचिवालय ने भी यही तर्क दिया था कि राघव चड्ढा पहली बार राज्यसभा सांसद बने हैं इसलिए उन्हें टाइप-7 बंगला नहीं दिया जा सकता है. नियमों के मुताबिक, राघव चड्ढा को टाइप-6 का बंगला ही दिया जा सकता है.
यह भी पढ़ें- इजराइल और फिलिस्तीन के बीच आखिर झगड़ा किस बात का है?
बता दें कि पहली बार के सांसदों को टाइप-5 या टाइप-6 के बंगले दिए जाते हैं जिनमें 1 से लेकर 4 बेडरूम तक होते हैं. वहीं, टाइप-7 का बंगला 5 बार के सांसदों, केंद्रीय राज्य मंत्रियों और दिल्ली हाई कोर्ट के जज को दिया जाता है. इसमें 4 बेडरूम और एक ड्राइंग रूम होता है जो कि कुल एक से 3 एकड़ में बना होता है. वहीं, टाइप-8 का बंगला केंद्रीय कैबिनेट मंत्रियों और सुप्रीम कोर्ट के जज को दिया जाता है. इसमें 5 बेडरूम, 1 हॉल, एक बड़ा डाइनिंग रूम, एक स्टडी रूम और एक सर्वेंट क्वार्टर होता है.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
शादी होते ही 'बेघर' होंगे राघव चड्ढा, समझिए क्यों खाली करना पड़ेगा सरकारी बंगला