मुंबई 26/11 आतंकी हमले का मास्टरमाइंड और भारत का दुश्मन नंबर-1 हाफिज सईद (Hafiz Saeed) क्या मारा गया है? यह सवाल हर तरफ गूंज रहा है. दरअसल, हाफिज सईद के भतीजे जिया-उर-रहमान उर्फ नदीम उर्फ अबू कताल के मारे जाने के बाद यह दावे किए जा रहे हैं. कताल की रविवार को पंजाब प्रांत के झेलम में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. पाकिस्तान के मशहूर पत्रकार नईम मंसूर ने भी दावा किया है कि इस हमले में हाफिज सईद भी मारा गया.
अबू कताल पर कुछ अज्ञात हमलावरों ने हमला किया था. हमलवार दो बाइक पर बैठकर आए थे. जिन्होंने अबू कताल की पहचान की और अंधाधुंध फायरिंग करके उसे मौत के घाट उतार दिया. इस हमले में दो लोग मारे गए हैं. एक तो कताल था, लेकिन दूसरे की पहचान उजागर नहीं की गई है. पाकिस्तानी पत्रकार नईम मंसूर का दावा है कि वह हाफिज सईद है. कताल की मौत के बाद लश्कर-ए-तैयबा में खलबली मच गई है. अबू कताल लश्कर के ऑपरेशन चीफ था.
26/11 मुंबई हमले में शामिल था अबू कताल
हाफिज सईद के साथ अबू कताल भी 26/11 मुंबई हमले की प्लानिंग में शामिल था. जवनरी 2023 के राजौरी हमले के सिलसिले में NIA ने आरोप पत्र दाखिल किया था. जिसमें लश्कर-ए-तैयबा के 3 संचालनों की पहचान की गई थी. इनमें अबू कताल, जो ऑपरेशन चीफ था. सैफुल्लाह उर्फ साजिद जट्ट और नौमान के रूप में की गई थी. कताल के मारे जाने के पीछे पाकिस्तान सेना के हाथ बताया जा रहा है. पाकिस्तान मीडिया की मानें तो सरकार बदलने के बाद लश्कर और पाक सेना, ISI के बीच तकरार चल रही है.
अबू कताल ने साल 2000 की शुरुआत में जम्मू क्षेत्र में घुसपैठ की थी और 2005 में वापस पाकिस्तान लौट गया था. पुंछ और राजौरी में लश्कर के आतंकी नेटवर्क को मजबूत करने की जिम्मेदारी कताल ने भी संभाल रखी थी. वह 26/11 तरह भारत में बड़े हमले की प्लान कर रहा था. साल 2008 में मुंबई के ताज होटल और रेलवे स्टेशन समेत अन्य जगहों पर हुए इस हमले में 161 से ज्यादा लोग मारे गए थे.
अबू कताल को हाफिज सईद से भी ज्यादा खतरनाक माना जाता था. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि मुंबई हमले के बाद लश्कर-ए-तैयबा को खत्म करने का प्रेशर पूरी दुनिया से बनने लगा तो अबू कताल ने लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद की आतंकी गतिविधियों को छिपाने के लिए पीएएफएफ यानी एंटी-फासिस्ट फोर्स और द रेसिस्टेंट फोर्स (TRF) संगठन का गठन किया.
रियासी में किया था हमला
PAFF ने जून 2024 में जम्मू के रियासी में शिव खोरी मंदिर से तीर्थयात्रियों को लेकर जा रही एक बस पर हमला किया था. इस हमले में 9 लोग मारे गए और 41 से ज्यादा घायल हुए थे. NIA को जांच के बाद जब इसके बारे में पता चला तो 7 जनवरी, 2023 को गृह मंत्रालय पीएएफएफ को आतंकी संगठन घोषित कर दिया था.
अबू कताल के मारे जाने के बाद लश्कर, पीएएफएफ समेत अन्य आतंकी संगठन कमजोर पड़ सकते हैं. ऊपर से हाफिज सईद के भी मारे जाने की बात कही जा रही है. सवाल भी उठ रहे हैं कि हाफिज सईद अगर जिंदा होते तो उनके हैंडल से कोई न कोई स्पष्टीकरण जरूर आता, लेकिन अभी तक ऐसा कोई पोस्ट नहीं किया गया है. पाकिस्तान सरकार ने भी इसके सबूत पेश नहीं किए हैं कि हाफिज सईद जिंदा हैं.
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lashkar e taiba chief Hafiz Saeed
अबू कताल की मौत के साथ क्या हाफिज सईद के 'लश्कर' का भी हो गया खात्मा?