डीएनए हिंदी: 8 नवंबर, 2016 की रात तो सबको याद होगा, जब पीएम नरेंद्र मोदी ने मन की बात में रातों-रात 500 और 1000 रुपये के नोट बंद कर दिए थे. पूरे देश में इस लिए गए एक फैसले ने बहुत से लोगों की रातों की नींद छिन ली थी. दूसरे दिन ही बैंकों और ATM के सामने जनता कि लंबी लंबी कतारें लग गईं थीं. वहीं आज यानी शुक्रवार तारीख 19 मई, 2023 को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 2,000 रुपये के नोटों को चलन से तत्काल प्रभाव से वापस लेने की घोषणा कर दी है. लेकिन क्या इसका हमारी इकॉनोमी पर असर पड़ेगा भी या नहीं? खैर यह तो बाद कि बात है फिलहाल बैंक 23 मई, 2023 से 20,000 रुपये की सीमा तक के हाई-एंड करेंसी नोट को एक्सचेंज करेंगे.

RBI ने कहा कि 2000 रुपये के नोट मार्च 2017 से पहले ही 89 प्रतिशत बाजार में उतारे जा चुके थे और अब 4 से 5 के बीच में यह मार्केट से बहुत हद तक गायब हो चुके हैं. रिजर्व बैंक के मुताबिक साल 2018-19 के बीच 2000 रुपये के नोटों की छपाई बंद कर दी गई थी. यानी जनता पर इसका कोई खास प्रभाव नहीं पड़ेगा. लेकिन अगर आपके पास फिर भी 2000 रुपये के नोट हैं तो सितम्बर 2023 तक का आपके पास समय है. 

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क्या होता है नोटबंदी?

नोटबंदी को साफ शब्दों में समझें तो जब किसी देश की सरकार बड़े मूल्यों के नोट या मुद्रा को चलन से बाहर कर देती है और ऐसे मुद्रा पर किसी भी तरह का कोई लेन-देन ना किया जा सके तो ऐसी स्थिति में इसे नोटबंदी कहते हैं.

कब तक 2000 रुपये के नोट बदले जा सकते हैं?

भारतीय रिजर्व बैंक के मुताबिक ग्राहक 30 सितम्बर तक बैंक जाकर 2000 रुपये के नोट को 20 हजार रुपये तक की मुद्रा को बदल सकते हैं. 

RBI ने एक रिलीज़ में कहा, "संचलन में इन बैंक नोटों का कुल मूल्य 31 मार्च, 2018 तक अपने चरम पर 6.73 लाख करोड़ रुपये से गिर गया है (संचलन में नोटों का 37.3 प्रतिशत) 31 मार्च 2023 को प्रचलन में नोटों का केवल 10.8 प्रतिशत यानी 3.62 लाख करोड़ रुपये हो गया है.” 

यह फैसला ऐसे वक्त में आया है जब 2024 का चुनाव बिलकुल सर पर है. RBI ने कहा, "जनता अपने लेन-देन के लिए 2,000 रुपये के नोटों का उपयोग जारी रख सकती है और वह पेमेंट के तौर पर भी ले सकती है. हालांकि, उन्हें 30 सितंबर, 2023 को या उससे पहले इन नोटों को जमा करने और/या बदलने के लिए कहा जा रहा है."

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2000 रुपये के नोटबंदी का बाजार पर क्या पड़ेगा असर?

मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि देश में डिजिटल पेमेंट में तेजी आने की वजह से इस फैसले का अर्थव्यवस्था और बाजार पर कोई असर नहीं पड़ेगा.

इक्विनोमिक्स रिसर्च एंड एडवाइजरी के संस्थापक जी चोकालिंगम ने कहा, 'यह एक शानदार कदम है. अब ज्यादातर यह बैंकों के पास है और कुछ मात्रा शायद काले धन के जमाखोरों के पास है. काले धन वाले लोगों को किनारे कर दिया जाएगा क्योंकि जनता या आम आदमी इसे स्वीकार करने में संकोच करेगा. यह कदम अंततः काले धन की मात्रा को कम करेगा और टैक्स कलेक्शन  में सुधार करने में मदद करेगा. इसलिए, यह बाजारों के लिए एक सकारात्मक विकास है.”

भारत में कब-कब हुई नोटबंदी?

भारत के इतिहास में अभी तक तीन बार नोटबंदी हो चुकी है. पहली बार भारत में साल 1938 में 1000, 5000 और 10 हजार रुपये के नोट जारी किए गए थे लेकिन अंग्रेज सरकार ने 1946 में इसे बंद कर दिया. वहीं साल 1978 में मोरारजी देसाई ने 1000,5000 और 10,000 रुपये के नोटबंद कर दिए थे. तीसरी नोटबंदी भला कैसे कोई भुला सकता है. पीएम मोदी ने 8 नवंबर 2016 को 500 और 1000 रुपये के नोट बंद कर दिए थे और अब चौथी बार 2000 रुपये के नोट बंद करने का फैसला ले लिया गया है.   

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What will be 2000 note circulation impact on economy know RBI plan on currency
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2000 रुपये के नोट को RBI ने किया बस्ते में बंद, जानिए अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा क्या
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Notebandi 2.0: 2000 रुपये के नोट को RBI ने किया बस्ते में बंद, जानिए अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा क्या असर?