डीएनए हिंदीः अरुणाचल प्रदेश के तवांग (Tawang Clash) में भारतीय सेना ने चीन की पीएलए (PLA) को करार जवाब देते हुए खदेड़ दिया है. इस हिंसक झड़प में चीन के कई सैनिक घायल हुए हैं. इस मामले को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर है. मंगलवार को इस मामले को लेकर संसद में जमकर हंगामा भी हुआ. गृहमंत्री अमित शाह ने राजीव गांधी फाउंडेशन (Rajeev Gandhi Foundation) के जरिए कांग्रेस पर करार हमला बोला. अमित शाह ने कांग्रेस पर चीन से चंदा लेने का आरोप लगाया. आखिर राजीव गांधी फाउंडेशन क्या है और यह क्यों विविद में हैं, इसे विस्तार से समझते हैं.  

राजीव गांधी फाउंडेशन क्या है?
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के शिक्षा और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में सपने को पूरा करने के लिए 21 जून 1991 को सोनिया गांधी ने राजीव गांधी फाउंडेशन (Rajiv Gandhi Foundation) की शुरुआत की थी.  ये फाउंडेशन मुख्य रूप से शिक्षा, साइंस एंड टेक्नोलॉजी के प्रमोशन और शोषित यानी अंडरप्रिवलेज्ड और दिव्यांगों लोगों को समाज के मुख्यधारा में लाने के लिए काम करता है. डोनेशन और इन्वेस्टमेंट पर मिलने वाले रिटर्न के पैसे से ये संस्था अपना काम करती थी। सोनिया गांधी इसकी चेयरपर्सन हैं। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अलावा राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, पी. चिदंबरम, मोंटेक सिंह अहलूवालिया, सुमन दुबे और डॉ अशोक गांगुली इसके ट्रस्टी रहे.   

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राजीव गांधी फाउंडेशन को लेकर क्या है विवाद?
राजीव गांधी फाउंडेशन पर कई बार सवाल उठे हैं. गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि इस फाउंडेशन को चीन से मदद मिली है. उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि 2005 से 2007 के बीच राजीव गांधी फाउंडेशन को चीन से 1 करोड़ 35 लाख रुपए चंदा में मिले थे. दरअसल यह दावा संस्था की वार्षिक रिपोर्ट के आधार पर यह दावा किया गया है. इस रिपोर्ट में संस्था को चंदा देने वालों में चीन का नाम भी शामिल था. वहीं बीजेपी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नेशनल रिलीफ फंड का पैसा राजीव गांधी फाउंडेशन यानी RGF को दिया गया था. यह तब किया गया जब सोनिया गांधी प्रधानमंत्री नेशनल रिलीफ फंड के बोर्ड में भी थीं और राजीव गांधी फाउंडेशन की अध्यक्ष भी थीं. बीजेपी नेताओं ने इस संस्था के बहाने सरकार पर कई आरोप लगाए.  

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सरकार ने रद्द किया था लाइसेंस
केंद्रीय गृहमंत्रालय ने राजीव गांधी फाउंडेशन की 2020 में जांच के आदेश दिए थे. इसके लिए एक कमेटी भी बनाई गई थी. इस कमेटी की रिपोर्ट के बाद इस संस्था का लाइसेंस रद्द कर दिया गया.  ED के एक स्पेशल डायरेक्टर की अगुवाई में हुई जांच में राजीव गांधी फाउंडेशन पर विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम यानी Foreign Contribution Regulation Act (FCRA) के उल्लंघन का आरोप लगा था. इसी के आधार पर कार्रवाई करते हुए इसी साल अक्टूबर में राजीव गांधी फाउंडेशन का लाइसेंस रद्द कर दिया गया. 

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what is rajeev gandhi foundation What does work and why there are allegations of connection with China
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राजीव गांधी फाउंडेशन क्या है?
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राजीव गांधी फाउंडेशन
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राजीव गांधी फाउंडेशन पर गृहमंत्री अमित शाह ने चीन से चंदा लेना का आरोप लगाया है. 

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राजीव गांधी फाउंडेशन क्या है? क्या करता है काम और चीन से कनेक्शन के क्यों लगे आरोप