डीएनए हिंदीः ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय (Queen Elizabeth II) का 96 साल की उम्र में निधन हो गया. उन्होंने करीब 70 साल तक शासन किया. स्कॉटलैंड के बाल्मोरल कैसल में उनके निधन के बाद ऑपरेशन यूनिकॉर्न (Operation Unicorn) को शुरू कर दिया गया है. इसमें महारानी की मौत और अंतिम संस्कार के बीच पहले 10 दिनों के दौरान घटनाओं को मैनेज करने के लिए ऑपरेशन लंदन ब्रिज तैयार किया गया था. अगर स्कॉटलैंड में मृत्यु होती है तो ऑपरेशन यूनिकॉर्न के बारे में सोचा गया था. इसी के साथ लंदन ब्रिज इज डाउन के साथ ऑपरेशन यूनिकॉर्न भी शुरू हो गया है.
ऑपरेशन लंदन ब्रिज के बाद ऑपरेशन यूनिकॉर्न शुरू
दरअसल ऑपरेशन 'लंदन ब्रिज' के तहत महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निजी सचिव ने प्रधानमंत्री लिज ट्रस को प्रोटोकॉल के तहत 'लंदन ब्रिज इज़ डाउन' कह कर महारानी के निधन की सूचना दी. इसके बाद प्रधानमंत्री ने औपचारिक रूप से महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन की घोषणा की. इसके बाद महारानी के निधन का समाचार 15 देशों की सरकारों तक पहुंचाया जाएगा जिनकी वह राष्ट्राध्यक्ष भी थीं. फिर राष्ट्रकुल के 30 सदस्य देशों तक यह खबर दी जाएगी.
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ऑपरेशन यूनिकॉर्न नाम क्यों?
बता दें कि यूनिकॉर्न स्कॉटलैंड का नेशनल पशु है. ऐसे में लंदन की जगह स्कॉटलैंड में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की मौत को अब ऑपरेशन यूनिकॉर्न नाम दिया गया है. ऑपरेशन लंदन ब्रिज को इसलिए लाया गया था कि अगर महारानी की मौत लंदन में होती है तो क्या प्रक्रिया अपनाई जाएगी. हालांकि स्कॉटलैंड में मौत होने के बाद इसका नाम बदल दिया गया है.
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राष्ट्रीय शोक में झुकाया ध्वज
ऑपरेशन यूनिकॉर्न शुरू होने के बाद बीबीसी के एंकर काले कपड़े पहने हुए हैं और चैनलों ने रोलिंग न्यूज़ पर स्विच कर दिया है. इतना ही नहीं राष्ट्रीय ध्वज को भी आधा झुका दिया गया है. यूनाइटेड किंगडम के राष्ट्रगान में भी संशोधन किया जाएगा ताकि अगले ब्रिटिश सिंहासन को शामिल किया जा सके. ब्रिटेन के मुद्रा नोटों और सिक्कों के पूरे स्टॉक जिन पर रानी की छवियां हैं उन्हें अब धीरे-धीरे चार्ल्स की इमेज से रिप्लेस किया जाएगा.
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ऑपरेशन यूनिकॉर्न में क्या होगा?
इस ऑपरेशन यूनिकॉर्न के तहत महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का पार्थिव शरीर उनकी मौत के एक हफ्ते के भीतर स्कॉटलैंड से लंदन लाया जाएगा. इसके पहले उनका पार्थिव शरीर बाल्मोरल कैसल से स्कॉटलैंड की राजधानी एडिनबर्ग स्थित होलीरूडहाउस में ले जाकर रखा जाएगा. फिर रिसेप्शन सर्विस के लिए रॉयल माइल, सेंट्रल एवेन्यू से सैंट गाइल्स कैथेड्रिल में रखा जाएगा. महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की पार्थिव देह एडिनबर्ग के वेवर्ली स्टेशन से शाही ट्रेन के जरिये लंदन लाई जाएगी. लंदन में नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री लिज ट्रस उनके पार्थिव शरीर की आगवानी करेंगी, जहां से उसे बकिंघम पैलेस लाया जाएगा. यहां पीएम लिज ट्रस शाही सम्मान के तहत बंदूकों से सलामी का आयोजन करेंगी. इसके साथ ही अगले सम्राट किंग चार्ल्स का राष्ट्र के नाम संबोधन होगा. महारानी की मौत के दसवें दिन वेस्टमिंस्टर एब्बे में राष्ट्रीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.
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क्या है 'ऑपरेशन यूनिकॉर्न'? महारानी एलिजाबेथ II की मौत के बाद क्यों शुरू किया गया