पाकिस्तान अपनी ही सरजामीन पर दोहरी मार झेर रहा है. एक तरफ बलूचिस्तान में अलग देश की मांग करने वाले अलगाववादियों के साथ संघर्ष में है, तो वहीं दूसरी ओर खैबर पख्तूनख्वा तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के साथ संघर्षरत है. बलूच अलगाववादी संगठन BLA ने पाकिस्तान में पिछले दिनो गदर मचा रखी है. ट्रेन हाईजेकिंग की घटना ने पूरे पाकिस्तान को झकझोर कर रख दिया है. इस घटना में पाक फौज के बड़े अधिकारी समेत कई लोग मारे गए. वहीं दूसरी ओर टीटीपी की ओर से पाक फौज को खैबर प्रांत में कड़ी मश्क्कतों का सामना करना पड़ रहा है. पिछले दिनों पूरे इलाके में टीटीपी की सक्रियता अपने चरम पर है. टीटीपी की वजह से पाकिस्तना अफगान तालिबान के साथ भी बीच-बीच में संघर्षरत हो जाता है. गुरुवार को ही खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के डेरा इस्माइल खान में पाकिस्तानी सुरक्षा बलों और चरमपंथियों के बीच भीषण गोलीबारी हुई, जिसमें पाक फौज के एक कैप्टन की जान चली गई. साथ ही 10 चरमपंथी मारे गए.

टीटीपी, अफगान तालिबान और दूसरे चरमपंथी संगठन
टीटीपी और अफगान तालिबान के बीच सगे भाई वाल संबंध है. दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं. टीटीपी ओर पाक आर्मी के बीच पिछले दिनों हुई झड़प में कई पाक फौज के ऑफिसर मारे गए साथ ही कई टीटीपी के लड़ाके भी हलाक हुए हैं. बलूच बागियों का मुख्य उद्देश्य बलूचिस्तान को पाकिस्तान से आजाद करवाकर आलग देश बनाना है, वैसे ही टीटीपी का उद्येश्य पाकिस्तान के मौजूदा हुकूमत के खिलाफ जिहाद करना और उसे निष्क्रिय करना है. वैसे भी अगफान तालिबन और अफगानिस्तान की पूर्ववर्ती सरकारों ने कभी भी खैबर पख्तूनख्वा को पाकिस्तान का हिस्सा नहीं माना है. उनका दावा रहा है कि ये अफगानिस्तान का हिस्सा है, जिसे अंग्रेजों ने धोखे से ब्रिटिश इंडिया में मिला लिया था, और इसे बंटवारे के समय पाकिस्तान में मिला दिया.

खैबर पख्तूनख्वा इस समय भी कई इदारे हैं, वो पाकिस्तान से अलग होकर एक नया मुल्क बनाना चाहते हैं. वहीं कई ऐसे भी इदारे हैं जो पाकिस्तान से निकलकर वापस से अफगानिस्तान में शामिल होना चाहते हैं. इन इदारों को परोक्ष रूप से अफगान तालिबान का समर्थन हासिल है. कई बार अफगान तालिबान ने खुलकर भी टीटीपी समेत बाकी के इदारों के पक्ष में खुलकर बोला भी है. 

खैबर पख्तूनख्वा सीएम अली अमीन गंडापुर ने क्या सब कहा?
इसी बीच खैबर पख्तूनख्वा के मौजूदा सीएम अली अमीन गंडापुर की ओर से अपने प्रांत में शांति स्थापित करने के लिए बड़ा बयान दिया गया. ये बयान परोक्ष रूप से पाक आर्मी को चेतावनी है. उन्होंने कहा कि यदि आप इस क्षेत्र में स्थायी शांति चाहते हैं तो आपको तालिबान से बातचीत करना बेहद जरूरी है. जबकि पाक फौज की लाइन इसके उलट है. वो इस क्षेत्र में शांति के लिए किसी भी हालत में तालिबान से बात करना नहीं पसंद करेगी. वो इसे अपनी संप्रभुता के खिलाफ मानती है. साथ ही उसे लगता है कि ऐसे करने से पूरे देश और दुनिया में संदेश जाएगा कि पाक फौज ने अपने दुश्मन के सामने हथियार डाल दिए हैं. पाक फौज इस इलाके में अपनी ताकत और जोरो जुल्मत के दम पर शांति को स्थापित करना चाहती है. जिसमें वो बार-बार असफल होती है.

वहीं अब खैबर पख्तूनख्वा के सीएम का बयान पाक फौज के माथे पर चिंता की लकीरें खींच सकती है. सीएम गंडापुर की ओर से आगे दावा किया गया कि 'उनकी ओर से बातचीत के एक प्लान भी बनाया गया था. जिसते अंतर्गत कबिलाईयों के वरिष्ठजनों को इसमें शामिल करने की बात कही गई थी, उन्होंने अपने इस प्लान को इसे विदेश और आंतरिक मंत्रालयों को दिया था, लेकिन ढाई माह बीत जाने के बाद भी कोई उत्तर नहीं मिला.' उन्होंने आगे ये बात भी कही कि वो पाक सरकार ओर तालिबान के बीच वार्ता करवा सकते हैं. सीएम गंडापुर का शांति के लिए तालिबान से बात करने वाले बयान को लेकर खूब चर्चाएं हो रही हैं. जानकारों का कहना है कि इससे पाक सरकार और पाक फौज के विरोध में सक्रिय संगठनों का मनोबल बढ़ सकता है. 

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pakistan khyber pakhtunkhwa cm says we will have to talk to taliban for peace ttp becomes challenge for army after balochistani separatist
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Pakistan: बलूचिस्तान के बाद खैबर पख्तूनख्वा में भी अलगाववाद की हवा! CM गंडापुर क
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Pakistan: बलूचिस्तान के बाद खैबर पख्तूनख्वा में भी अलगाववाद की हवा! CM गंडापुर के बयान ने बढ़ाई पाक फौज की चिंताएं

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